छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में दूसरी बार नगर निगम चुनाव के लिए वोट डाले गए हैं. जिसमें मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है. 2014 में छिंदवाड़ा नगर निगम का गठन हुआ था, उसके बाद 2015 में हुए नगर निगम के चुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. तब भाजपा की महापौर कांता योगेश सदारंग निर्वाचित हुई थीं. इस बार दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है.
भाजपा और कांग्रेस के बीच में मुख्य मुकाबला: छिंदवाड़ा नगर निगम के लिए महापौर का चुनाव लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी लखपति हैं. चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रम अहके के पास कुल स्थाई अस्थाई संपत्ति ₹338500 और पत्नी के पास 381500 के जेवरात हैं और ₹50170 का कर्ज है. तो वहीं भाजपा के प्रत्याशी अनंत धुर्वे के पास 1183470 रुपए की संपत्ति है, तो पत्नी के पास ₹1050000 के जेवरात और ₹3125000 की स्थाई संपत्ति है. वही बैंक का कर्ज ₹203000 है. हालांकि दोनों प्रत्याशियों के पास कोई भी वाहन नहीं है.
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जानें कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी की शिक्षा: भाजपा के कैंडिडेट 11वीं तो कांग्रेस के कैंडिडेट ने BA की परीक्षा पास की है. छिंदवाड़ा नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर रहे भाजपा प्रत्याशी अनंत धुर्वे ने ग्यारहवीं तक पढ़ाई की है, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम अहके ने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से BA पास किया है.
अधिकारी और आंगनबाड़ी का बेटा आमने-सामने: छिंदवाड़ा में इस बार के चुनाव में मुकाबला दिलचस्प है. जहां भाजपा ने अधिकारी को तो कांग्रेस ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री के बेटे को प्रत्याशी बनाया है. दरअसल भाजपा ने महापौर के लिए नगर निगम के ही असिस्टेंट कमिश्नर 61 साल के अनंत धुर्वे से इस्तीफा दिलाकर चुनाव मैदान में उतारा, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्रामीण एरिया के आंगनबाड़ी कार्यकत्री के बेटे, 31 साल के युवा चेहरे विक्रम आहके को मैदान में लाकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है.