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MP: बैतूल में अजीबोगरीब परंपरा जानकर रह जाएंगे दंग, बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए करते हैं ये काम

एमपी के बैतूल में एक परंपरा चली आ रही है, जिसमें लोग दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा के मौके पर बच्चों को गोबर में लिटाते हैं, ताकि बच्चे निरोगी रहें. परंपरा है कि गोबर का पहाड़ बनाया जाता है और उस पर बच्चों को लिटाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पर बच्चों को लिटाने से वह निरोगी काया रहते हैं. इसी के मुताबिक बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाया और बैठाया जाता है.

strange tradition in betul
बैतूल में अजीबोगरीब परंपरा
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Published : Nov 5, 2021, 7:55 PM IST

बैतूल। बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक परंपरा चली आ रही है, जिसमें लोग दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा के मौके पर बच्चों को गोबर में लिटाते हैं, ताकि बच्चे निरोगी रहें. दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा के मौके पर यहां परंपरा है कि गोबर का पहाड़ बनाया जाता है और उस पर बच्चों को लिटाया जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे निरोगी रहते हैं. उसी परंपरा के मुताबिक, शुक्रवार को भी आयोजन किया गया.

वर्षो से बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाने की परंपरा

यादव समाज के अनिल यादव ने बताया कि वर्षो से बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाने की परंपरा चली आ रही है. उसी का अनुसरण वर्तमान में भी हो रहा है. यहां लोग अपने बच्चों को लेकर आए और उन्हें उस लिटाया और बैठाया. यादव के अनुसार ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पर बच्चों को लिटाने से वह निरोगी काया रहते हैं. इसी के मुताबिक बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाया और बैठाया जाता है. गोबर के पहाड़नुमा ढेर को गोवर्धन पर्वत मानकर उसकी पूजा की जाती है.

इनपुट - आईएएनएस

बैतूल। बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक परंपरा चली आ रही है, जिसमें लोग दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा के मौके पर बच्चों को गोबर में लिटाते हैं, ताकि बच्चे निरोगी रहें. दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा के मौके पर यहां परंपरा है कि गोबर का पहाड़ बनाया जाता है और उस पर बच्चों को लिटाया जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे निरोगी रहते हैं. उसी परंपरा के मुताबिक, शुक्रवार को भी आयोजन किया गया.

वर्षो से बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाने की परंपरा

यादव समाज के अनिल यादव ने बताया कि वर्षो से बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाने की परंपरा चली आ रही है. उसी का अनुसरण वर्तमान में भी हो रहा है. यहां लोग अपने बच्चों को लेकर आए और उन्हें उस लिटाया और बैठाया. यादव के अनुसार ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पर बच्चों को लिटाने से वह निरोगी काया रहते हैं. इसी के मुताबिक बच्चों को गोवर्धन की गोद में लिटाया और बैठाया जाता है. गोबर के पहाड़नुमा ढेर को गोवर्धन पर्वत मानकर उसकी पूजा की जाती है.

इनपुट - आईएएनएस

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