ETV Bharat / city

World Bicycle Day 2022: जानिए भारत में साइकिल का इतिहास और क्यूं सेहतमंद है साइकिलिंग, सीएम शिवराज ने जनता से की ये अपील

author img

By

Published : Jun 3, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Jun 3, 2022, 5:52 PM IST

साइकिल की विशेषता और अहमियत को जानने के लिए हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day 2022) मनाया जाता है. इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं साइकिल का इतिहास और भारत में साइकिल का इतिहास. इसी के साथ हम आपको बताएंगे कि साइकिल चलाने के फायदे, और विश्व साइकिल दिवस के मौके पर सीएम शिवराज की जनता से अपील-

World Bicycle Day 2022
विश्व साइकिल दिवस 2022

भोपाल। आज विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day 2022) है. साइकिल की विशेषता और अहमियत को जानने के लिए हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2018 में ही हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने 3 जून 2018 को पहली बार विश्व साइकिल दिवस मनाया था. इस साल पांचवा विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी थीम "परिवहन के एक सरल, टिकाऊ, किफायती और विश्वसनीय साधन के रूप में साइकिल की विशिष्टता, बहुमुखी प्रतिभा और जीवन" रखी गई है. इसी के साथ सीएम शिवराज ने भी जनता से विश्व साइकिल दिवस के मौके पर अपील की है.

साइकिल का इतिहास: साइकिल का इतिहास 200 साल पुराना है. यूरोपीय देशों में साइकिल का इस्तेमाल 18वीं शताब्दी के शुरुआत में होने लगा था. इसका निर्माण सन 1816 में पेरिस के एक कारीगर ने किया था. उस समय साइकिल को हॉबी हॉर्स या काठ का घोड़ा कहा जाता था. लेकिन ये साइकिल आज की साइकिल की तरह नहीं थी. इसमें बड़े पहिए होते थे. इसके बाद पैर से घुमाने वाले पैडल युक्त पहिए का अविष्कार सन 1865 में पेरिस के लालेमेंट (Lallement) ने किया था. इसके बाद आने वाले सालों में साइकिल में अनेकों बदलाव हुए. और इन्हीं बदलावों के बाद छोटा, सस्ता और सुंदर डिजाइन तैयार हुए जिसे हम साइकिल कहते हैं.

भारत में साइकिल का इतिहास: भारत में साइकिल को आर्थिक तरक्की का प्रतीक माना जाता है. देश की आजादी के बाद से अगले कई सालों तक साइकिल देश की यातायात व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रही. शुरुआत में ये अमीरों की सवारी थी लेकिन धीरे-धीरे से गरीबों की पहुंच में आ गई. भारत में 1960 से 1990 तक ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी. मिल में काम करने वाले मजदूर से लेकर ऑफिस जाने वाले युवा साइकिल का इस्तेमाल करते थे. शहरों से गांव में पहुंची साइकिल अपने साथ आर्थिक तरक्की भी लेकर गई थी. भारत में साइकिल किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुए. गांवों से शहर सामान की सप्लाई में साइकिल ने किसानों का काफी साथ दिया. बाइक के आम लोगों की पहुंच में आने से पहले तक साइकिल भारत की दिनचर्चा का अहम हिस्सा थी लेकिन धीरे-धीरे बाइक की रफ्तार ने साइकिल को पीछे छोड़ दिया.

सीएम शिवराज ने की अपील: विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से अपील करते हुए कहा कि " आज है। जीवन की विश्व साइकिल दिवस है. व्यस्तता से कुछ समय साइकिलिंग या व्यायाम के लिए निकालिये. ये कुछ समय न केवल आपको स्वस्थ बनायेंगे, अपितु स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में भी योगदान देंगे. स्वस्थ, निरोगी काया और आनंद ही उत्तम जीवन का आधार है. स्वस्थ रहिये, आनंदित रहिये, शुभकामनाएं." इसी के साथ सीएम शिवराज ने ये भी कहा कि "साइकिल ने हमारे अपनों की जीवन डोर को बांध रखा था, इससे जुड़ी हम सबके जीवन में अनेक मधुर यादें हैं. विश्व के कई देशों में आज भी सबसे अधिक साइकिल का उपयोग हो रहा है, इसका उपयोग करें, स्वयं के साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दें"

  • साइकिल ने हमारे अपनों की जीवन डोर को बांध रखा था। इससे जुड़ी हम सबके जीवन में अनेक मधुर यादें हैं।

    विश्व के कई देशों में आज भी सबसे अधिक साइकिल का उपयोग हो रहा है। इसका उपयोग करें, स्वयं के साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दें। #WorldCycleDay pic.twitter.com/WHSBMRpdQI

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

World Bicycle Day: ओडिशा के कलाकार ने माचिस की तीलियों से बनाई साइकिल

भोपाल की महिलाओं का ऑफ रोड ग्रुप: इन दिनों साइकिल फिटनेस का अहम हिस्सा बन गई है. साइकिलिंग कई लोगों का पैशन है तो कई लोग सेहत को तंदुरुस्त रखने के लिए साइकिल चलाते हैं. भोपाल में महिलाओं का ग्रुप ऐसा है जिनकी सुबह की शुरुआत साइकिलिंग की साथ होती है. इन महिलाओं की उम्र जानकर आप चौंक जाएंगे. ये सभी महिलाएं 40 साल से ज्यादा उम्र की है, लेकिन इनकी फिटनेस का राज है साइकिलिंग. महिलाओं के इस ग्रुप का नाम है ऑफ रोड ग्रुप. इस ग्रुप की सभी महिलाएं हर दिन सुबह होते ही साइकिलिंग पर निकल जाती है. इनमें से कुछ हाउस वाइफ है, तो कुछ वर्किंग वूमेन लेकिन साइकिल चलाना इन सबका शौक है.

बीमारी खत्म करने में सहायक हुई साईकिल: भोपाल में एक शख्स ऐसे भी हैं जिन्होंने साइकिल चलाकर अपनी शुगर की बीमारी को ही खत्म कर दिया. विकास नायडू पेशे से रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े हैं. एक समय ऐसा था जब इनकी शुगर इतनी थी कि डॉक्टर ने साफ कर दिया था कि ये जिंदगीभर दवाई खाकर ही जिंदा रह सकते हैं. विकास बताते हैं की शुगर इतनी ज्यादा हो जाती थी कि कई बार तो दवाइयों के नशे में बैठे-बैठे ही सो जाते थे. इसके अलावा बॉडी में कोलेस्ट्रॉल भी इतना बढ़ जाता कि चेहरे पर मुहासे ही मुहासे नजर आते थे. इसके बाद विकास ने जिम भी ज्वॉइन की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आखिर में उन्होंने साइकिलिंग की शुरुआत की. साइकिलिंग का चमत्कारी प्रभाव उन्हें अपने शरीर पर नजर आने लगा और धीरे-धीरे विकास ने न सिर्फ अपने शरीर के शुगर लेवल को कंट्रोल कर लिया बल्कि शुगर की बीमारी को भी खत्म कर लिया.

World Bicycle Day: कटघोरा के खिलाड़ियों ने साइकिलिंग में मनवाया लोहा, उपेक्षा के बीच जीते राष्ट्रीय पदक

इंदौर का AQI सुधारेगी साइकिल: देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में छठवीं बार भी इंदौर (indore work on aqi by start publics cycling) बाजी मार ले इसके लिए एक बार फिर तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इस क्रम में शहर के लोगों ने वायु प्रदूषण में सुधार लाने के लिए साइकिल की सवारी करने की ठानी है. यही वजह है कि शहर के सार्वजनिक स्थानों पर 3000 साइकिलें रख दी गईं हैं जो पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना के तहत अब सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी. साइकिलिंग को लेकर लोग भी खासे उत्साहित हैं.

ग्वालियर में शुरू होगी पब्लिक बाइक शेयरिंग: स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा एक बार फिर से ग्वालियर में पब्लिक बाइक शेयरिंग यानी साइकिलिंग को शुरू किया जाएगा. कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने 15 जून के बाद दोबारा साइकिलिंग शुरू कराने पर मंथन चालू कर दिया है. विश्व साइकिल दिवस के मौके पर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयति सिंह ने साइकिल चलाने के कई फायदे भी बताए. उन्होंने कहा, साइकिलिंग के जरिए न सिर्फ अपने आसपास के एनवायरमेंट को स्वच्छ रखा जा सकता है, बल्कि साइकिल कम जगह में आसानी से चलाई जा सकती है और शारीरिक व्यायाम भी हो जाता है.

साइकिल चलाने के फायदे

भोपाल। आज विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day 2022) है. साइकिल की विशेषता और अहमियत को जानने के लिए हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2018 में ही हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने 3 जून 2018 को पहली बार विश्व साइकिल दिवस मनाया था. इस साल पांचवा विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी थीम "परिवहन के एक सरल, टिकाऊ, किफायती और विश्वसनीय साधन के रूप में साइकिल की विशिष्टता, बहुमुखी प्रतिभा और जीवन" रखी गई है. इसी के साथ सीएम शिवराज ने भी जनता से विश्व साइकिल दिवस के मौके पर अपील की है.

साइकिल का इतिहास: साइकिल का इतिहास 200 साल पुराना है. यूरोपीय देशों में साइकिल का इस्तेमाल 18वीं शताब्दी के शुरुआत में होने लगा था. इसका निर्माण सन 1816 में पेरिस के एक कारीगर ने किया था. उस समय साइकिल को हॉबी हॉर्स या काठ का घोड़ा कहा जाता था. लेकिन ये साइकिल आज की साइकिल की तरह नहीं थी. इसमें बड़े पहिए होते थे. इसके बाद पैर से घुमाने वाले पैडल युक्त पहिए का अविष्कार सन 1865 में पेरिस के लालेमेंट (Lallement) ने किया था. इसके बाद आने वाले सालों में साइकिल में अनेकों बदलाव हुए. और इन्हीं बदलावों के बाद छोटा, सस्ता और सुंदर डिजाइन तैयार हुए जिसे हम साइकिल कहते हैं.

भारत में साइकिल का इतिहास: भारत में साइकिल को आर्थिक तरक्की का प्रतीक माना जाता है. देश की आजादी के बाद से अगले कई सालों तक साइकिल देश की यातायात व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रही. शुरुआत में ये अमीरों की सवारी थी लेकिन धीरे-धीरे से गरीबों की पहुंच में आ गई. भारत में 1960 से 1990 तक ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी. मिल में काम करने वाले मजदूर से लेकर ऑफिस जाने वाले युवा साइकिल का इस्तेमाल करते थे. शहरों से गांव में पहुंची साइकिल अपने साथ आर्थिक तरक्की भी लेकर गई थी. भारत में साइकिल किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुए. गांवों से शहर सामान की सप्लाई में साइकिल ने किसानों का काफी साथ दिया. बाइक के आम लोगों की पहुंच में आने से पहले तक साइकिल भारत की दिनचर्चा का अहम हिस्सा थी लेकिन धीरे-धीरे बाइक की रफ्तार ने साइकिल को पीछे छोड़ दिया.

सीएम शिवराज ने की अपील: विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से अपील करते हुए कहा कि " आज है। जीवन की विश्व साइकिल दिवस है. व्यस्तता से कुछ समय साइकिलिंग या व्यायाम के लिए निकालिये. ये कुछ समय न केवल आपको स्वस्थ बनायेंगे, अपितु स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में भी योगदान देंगे. स्वस्थ, निरोगी काया और आनंद ही उत्तम जीवन का आधार है. स्वस्थ रहिये, आनंदित रहिये, शुभकामनाएं." इसी के साथ सीएम शिवराज ने ये भी कहा कि "साइकिल ने हमारे अपनों की जीवन डोर को बांध रखा था, इससे जुड़ी हम सबके जीवन में अनेक मधुर यादें हैं. विश्व के कई देशों में आज भी सबसे अधिक साइकिल का उपयोग हो रहा है, इसका उपयोग करें, स्वयं के साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दें"

  • साइकिल ने हमारे अपनों की जीवन डोर को बांध रखा था। इससे जुड़ी हम सबके जीवन में अनेक मधुर यादें हैं।

    विश्व के कई देशों में आज भी सबसे अधिक साइकिल का उपयोग हो रहा है। इसका उपयोग करें, स्वयं के साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दें। #WorldCycleDay pic.twitter.com/WHSBMRpdQI

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

World Bicycle Day: ओडिशा के कलाकार ने माचिस की तीलियों से बनाई साइकिल

भोपाल की महिलाओं का ऑफ रोड ग्रुप: इन दिनों साइकिल फिटनेस का अहम हिस्सा बन गई है. साइकिलिंग कई लोगों का पैशन है तो कई लोग सेहत को तंदुरुस्त रखने के लिए साइकिल चलाते हैं. भोपाल में महिलाओं का ग्रुप ऐसा है जिनकी सुबह की शुरुआत साइकिलिंग की साथ होती है. इन महिलाओं की उम्र जानकर आप चौंक जाएंगे. ये सभी महिलाएं 40 साल से ज्यादा उम्र की है, लेकिन इनकी फिटनेस का राज है साइकिलिंग. महिलाओं के इस ग्रुप का नाम है ऑफ रोड ग्रुप. इस ग्रुप की सभी महिलाएं हर दिन सुबह होते ही साइकिलिंग पर निकल जाती है. इनमें से कुछ हाउस वाइफ है, तो कुछ वर्किंग वूमेन लेकिन साइकिल चलाना इन सबका शौक है.

बीमारी खत्म करने में सहायक हुई साईकिल: भोपाल में एक शख्स ऐसे भी हैं जिन्होंने साइकिल चलाकर अपनी शुगर की बीमारी को ही खत्म कर दिया. विकास नायडू पेशे से रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े हैं. एक समय ऐसा था जब इनकी शुगर इतनी थी कि डॉक्टर ने साफ कर दिया था कि ये जिंदगीभर दवाई खाकर ही जिंदा रह सकते हैं. विकास बताते हैं की शुगर इतनी ज्यादा हो जाती थी कि कई बार तो दवाइयों के नशे में बैठे-बैठे ही सो जाते थे. इसके अलावा बॉडी में कोलेस्ट्रॉल भी इतना बढ़ जाता कि चेहरे पर मुहासे ही मुहासे नजर आते थे. इसके बाद विकास ने जिम भी ज्वॉइन की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आखिर में उन्होंने साइकिलिंग की शुरुआत की. साइकिलिंग का चमत्कारी प्रभाव उन्हें अपने शरीर पर नजर आने लगा और धीरे-धीरे विकास ने न सिर्फ अपने शरीर के शुगर लेवल को कंट्रोल कर लिया बल्कि शुगर की बीमारी को भी खत्म कर लिया.

World Bicycle Day: कटघोरा के खिलाड़ियों ने साइकिलिंग में मनवाया लोहा, उपेक्षा के बीच जीते राष्ट्रीय पदक

इंदौर का AQI सुधारेगी साइकिल: देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में छठवीं बार भी इंदौर (indore work on aqi by start publics cycling) बाजी मार ले इसके लिए एक बार फिर तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इस क्रम में शहर के लोगों ने वायु प्रदूषण में सुधार लाने के लिए साइकिल की सवारी करने की ठानी है. यही वजह है कि शहर के सार्वजनिक स्थानों पर 3000 साइकिलें रख दी गईं हैं जो पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना के तहत अब सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी. साइकिलिंग को लेकर लोग भी खासे उत्साहित हैं.

ग्वालियर में शुरू होगी पब्लिक बाइक शेयरिंग: स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा एक बार फिर से ग्वालियर में पब्लिक बाइक शेयरिंग यानी साइकिलिंग को शुरू किया जाएगा. कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने 15 जून के बाद दोबारा साइकिलिंग शुरू कराने पर मंथन चालू कर दिया है. विश्व साइकिल दिवस के मौके पर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयति सिंह ने साइकिल चलाने के कई फायदे भी बताए. उन्होंने कहा, साइकिलिंग के जरिए न सिर्फ अपने आसपास के एनवायरमेंट को स्वच्छ रखा जा सकता है, बल्कि साइकिल कम जगह में आसानी से चलाई जा सकती है और शारीरिक व्यायाम भी हो जाता है.

साइकिल चलाने के फायदे

Last Updated : Jun 3, 2022, 5:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.