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World AIDS Day 2020: 2030 तक HIV एड्स को खत्म करना होगा लक्ष्य - शॉर्ट वीडियो फिल्म का प्रदर्शन

राजधानी भोपाल में भी मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

World AIDS Day 2020
विश्व एड्स दिवस
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Published : Dec 1, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 8:05 PM IST

भोपाल: एड्स की बीमारी को लेकर आज पूरी दुनिया मे विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है ताकि लोग इस बीमारी के बारे में जान सकें और उनमें जागरूकता आये . इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में भी मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कोविड-19 के कारण यह पूरा कार्यक्रम वर्चुअल हुआ जिसमें कई विशेषज्ञ डॉक्टर्स, युवा शामिल हुए.

2030 तक HIV एड्स को खत्म करना होगा लक्ष्य

वैश्विक एकजुटता एवं साझा ज़िम्मेदारी थीम पर आयोजित हुए कार्यक्रम- किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए जरूरी है कि उसमें जनभागीदारी बराबर की हो. यदि लोगों में बीमारी के बारे में जागरूकता रहती है तो वह उसे खत्म करने के लिए आगे आते हैं, इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार 'वैश्विक एकजुटता एवं साझा जिम्मेदारी' की थीम पर एड्स दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए गए.

इस बारे में राज्य एड्स नियंत्रण समिति

मप्र के परियोजना संचालक डॉ. के.डी. त्रिपाठी ने बताया कि हमने एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए जागरूकता गतिविधियां इस कार्यक्रम के जरिए आयोजित की है. हमारा संकल्प है कि 2030 तक एड्स को खत्म किया जा सके और यह काम एकजुट होकर ही करना संभव हो पाएगा. बिना जन जागरूकता के कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता,यह बीमारी भी जन सहयोग से ही नियंत्रण होगी. हम सभी के साथ आगे बढ़कर इसे खत्म करेंगे और अपने संकल्प को अंजाम तक पहुंचाएंगे.

शामिल हुए विशेषज्ञ

इस वर्चुअल कार्यक्रम में कई विशेषज्ञ भी शामिल हुए. गांधी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा ने कोविड-19 ,एचआईवी एड्स एवं अन्य बीमारियों के विषय पर चर्चा की. साथ ही डॉ वंदना भाटिया ने नवजात शिशुओ में एचआईवी संक्रमण रोकथाम विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला. इसके साथ ही कार्यक्रम में पॉजिटिव स्पीकिंग और विहान द्वारा बनाई गई शॉर्ट वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से करीब पांच युवा और अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की.

क्यों मनाया जाता है एड्स दिवस

एच आईवी एड्स जिसका पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम है, एक ऐसी बीमारी के रूप में देख जाती है जिसे अब भी लोग छुआछूत की बीमारी के रूप में देखते है. सामाजिक बहिष्कार और डर के कारण इस बीमारी के मरीज इलाज के लिए आगे नहीं आते हैं. समाज से इसी सोच को खत्म करने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए साल 1988 से ही हर साल 1 दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. ताकि लोग इस बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें, इससे बचने के तरीकों को अपनाएं और उनमें जागरूकता फैलें.

भोपाल: एड्स की बीमारी को लेकर आज पूरी दुनिया मे विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है ताकि लोग इस बीमारी के बारे में जान सकें और उनमें जागरूकता आये . इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में भी मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कोविड-19 के कारण यह पूरा कार्यक्रम वर्चुअल हुआ जिसमें कई विशेषज्ञ डॉक्टर्स, युवा शामिल हुए.

2030 तक HIV एड्स को खत्म करना होगा लक्ष्य

वैश्विक एकजुटता एवं साझा ज़िम्मेदारी थीम पर आयोजित हुए कार्यक्रम- किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए जरूरी है कि उसमें जनभागीदारी बराबर की हो. यदि लोगों में बीमारी के बारे में जागरूकता रहती है तो वह उसे खत्म करने के लिए आगे आते हैं, इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार 'वैश्विक एकजुटता एवं साझा जिम्मेदारी' की थीम पर एड्स दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए गए.

इस बारे में राज्य एड्स नियंत्रण समिति

मप्र के परियोजना संचालक डॉ. के.डी. त्रिपाठी ने बताया कि हमने एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए जागरूकता गतिविधियां इस कार्यक्रम के जरिए आयोजित की है. हमारा संकल्प है कि 2030 तक एड्स को खत्म किया जा सके और यह काम एकजुट होकर ही करना संभव हो पाएगा. बिना जन जागरूकता के कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता,यह बीमारी भी जन सहयोग से ही नियंत्रण होगी. हम सभी के साथ आगे बढ़कर इसे खत्म करेंगे और अपने संकल्प को अंजाम तक पहुंचाएंगे.

शामिल हुए विशेषज्ञ

इस वर्चुअल कार्यक्रम में कई विशेषज्ञ भी शामिल हुए. गांधी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा ने कोविड-19 ,एचआईवी एड्स एवं अन्य बीमारियों के विषय पर चर्चा की. साथ ही डॉ वंदना भाटिया ने नवजात शिशुओ में एचआईवी संक्रमण रोकथाम विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला. इसके साथ ही कार्यक्रम में पॉजिटिव स्पीकिंग और विहान द्वारा बनाई गई शॉर्ट वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से करीब पांच युवा और अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की.

क्यों मनाया जाता है एड्स दिवस

एच आईवी एड्स जिसका पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम है, एक ऐसी बीमारी के रूप में देख जाती है जिसे अब भी लोग छुआछूत की बीमारी के रूप में देखते है. सामाजिक बहिष्कार और डर के कारण इस बीमारी के मरीज इलाज के लिए आगे नहीं आते हैं. समाज से इसी सोच को खत्म करने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए साल 1988 से ही हर साल 1 दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. ताकि लोग इस बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें, इससे बचने के तरीकों को अपनाएं और उनमें जागरूकता फैलें.

Last Updated : Dec 1, 2020, 8:05 PM IST
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