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Vijaya Ekadashi 2022: इस बार दो दिन पड़ रही विजया एकादशी, जानें समय और शुभ मुहूर्तकाल

भगवान विष्णु को समर्पित विजया एकादशी इस बार 26 और 27 फरवरी दो दिन रहेगी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. एकादशी व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है. (Vijaya Ekadashi 2022)

Vijaya Ekadashi 2022
विजया एकादशी 2022
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Published : Feb 26, 2022, 11:49 AM IST

भोपाल। सनातन धर्म में एकादशी का खास महत्व होता है. हर महीने में दो बार एकादशी पड़ती है. भगवान विष्णु (worship of lord vishnu) की विधि-विधान से पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है. इसे करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. हर मुराद भी पूरी होती है. फाल्गुन मास (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है.

कब है विजया एकादशी?
भगवान विष्णु को समर्पित विजया एकादशी इस बार 26 और 27 फरवरी दो दिन रहेगी. 26 फरवरी शनिवार को सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी.

संतान प्राप्ति के लिए करें यह उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दंपति के संतान नहीं हो रही हो, उन पति-पत्नी को एकादशी के दिन एक साथ बैठकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. भगवान विष्णु की धूप-दीप, पुष्प, चंदन, फूल, तुलसी आदि से आराधना करें. चांदी के लोटे या बर्तन में दूध में मिश्री मिलाकर पीपल पर चढ़ाने से सुंदर और योग्य संतान का फल मिलता है.

सुख समृद्धि के लिए करें पूजा
विजया एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला माना जाता है. लंका पर जीत हासिल करने के लिए भी भगवान श्रीराम ने भी इसी दिन समुद्र किनारे पूजा-अर्चना की थी. आप भी अपनी हर मनोकामना के लिए सुबह उठने के बाद सबसे पहले सूर्य भगवान को गंगाजल चढ़ाएं. फिर भगवान श्री राम की पूजा करें. केले, लड्डू, लाल फूल, चंदन की अगरबत्ती और दीपक जलाकर अच्छे से पूजा करें. भगवान को खजूर और बादाम का भोग लगाएं. इसके बाद ‘ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का जाप करें. घर में सुख समृद्धि आए इसके लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करें साथ ही पूजा में पंचामृत का प्रसाद जरूर चढ़ाएं.

बाबा महाकाल का आज इस रूप में हुआ श्रृंगार, आप भी करें दर्शन

व्रत रखने से मिलती है मनचाही नौकरी
अच्छी और मनचाही नौकरी हर किसी का सपना होता है. इस चाहत के लिए भी ये व्रत काफी फलदायी होता है. सबसे पहले कलश पर आम का पल्लव रखें, जौ से भरा हुआ बर्तन रखें और एक दीपक जलाएं. प्रसाद में लाल फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. चूंकि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है, इसीलिए पूजन में इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से शामिल करें. फिर ‘ॐ नारायणाय लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें.

(Vijaya Ekadashi 2022)

भोपाल। सनातन धर्म में एकादशी का खास महत्व होता है. हर महीने में दो बार एकादशी पड़ती है. भगवान विष्णु (worship of lord vishnu) की विधि-विधान से पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है. इसे करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. हर मुराद भी पूरी होती है. फाल्गुन मास (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है.

कब है विजया एकादशी?
भगवान विष्णु को समर्पित विजया एकादशी इस बार 26 और 27 फरवरी दो दिन रहेगी. 26 फरवरी शनिवार को सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी.

संतान प्राप्ति के लिए करें यह उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दंपति के संतान नहीं हो रही हो, उन पति-पत्नी को एकादशी के दिन एक साथ बैठकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. भगवान विष्णु की धूप-दीप, पुष्प, चंदन, फूल, तुलसी आदि से आराधना करें. चांदी के लोटे या बर्तन में दूध में मिश्री मिलाकर पीपल पर चढ़ाने से सुंदर और योग्य संतान का फल मिलता है.

सुख समृद्धि के लिए करें पूजा
विजया एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला माना जाता है. लंका पर जीत हासिल करने के लिए भी भगवान श्रीराम ने भी इसी दिन समुद्र किनारे पूजा-अर्चना की थी. आप भी अपनी हर मनोकामना के लिए सुबह उठने के बाद सबसे पहले सूर्य भगवान को गंगाजल चढ़ाएं. फिर भगवान श्री राम की पूजा करें. केले, लड्डू, लाल फूल, चंदन की अगरबत्ती और दीपक जलाकर अच्छे से पूजा करें. भगवान को खजूर और बादाम का भोग लगाएं. इसके बाद ‘ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का जाप करें. घर में सुख समृद्धि आए इसके लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करें साथ ही पूजा में पंचामृत का प्रसाद जरूर चढ़ाएं.

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व्रत रखने से मिलती है मनचाही नौकरी
अच्छी और मनचाही नौकरी हर किसी का सपना होता है. इस चाहत के लिए भी ये व्रत काफी फलदायी होता है. सबसे पहले कलश पर आम का पल्लव रखें, जौ से भरा हुआ बर्तन रखें और एक दीपक जलाएं. प्रसाद में लाल फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. चूंकि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है, इसीलिए पूजन में इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से शामिल करें. फिर ‘ॐ नारायणाय लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें.

(Vijaya Ekadashi 2022)

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