भोपाल। वैक्सीनेशन के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए अब शासन ने नई गाईडलाइन बना दी है. जिसके तहत अब कुछ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शाम 4 बजे के बाद भी लोग वैक्सीनेशन करा सकेंगे. लेकिन इसके लिए सेंटर में वैक्सीन उपलब्ध होना जरूरी है. हालांकि अभी भी प्राथमिकता ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन को ही दी जाएगी.
यहां नहीं होगा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
प्रदेश के 4 महानगर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जबलपुर और 12 नगर निगम जिसमें बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सतना, रीवा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, सागर, सिंगरौली, उज्जैन में ऑफलाइन वैक्सीन नहीं लगवा सकेंगे. इसके अलावा जिला मुख्यालय पर भी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा. इसके अतिरिक्त सभी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफलाइन वैक्सीनेशन हो सकेगा.
आधार कार्ड जरूरी नहीं
18 से 44 आयुवर्ग के प्री-बुक ऑनलाइन सत्र स्थलों पर टीकाकरण हेतु लाभार्थियों के उपस्थित होने की स्थिति में बची हुई वैक्सीन का उपयोग ऑनसाइट बुकिंग के माध्यम से शाम 4 बजे के बाद किया जा सकता है. किसी भी स्थिति में यह मात्रा क्षमता से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं बिना पूर्व पंजीयन के ऑफलाइन कोरोना का वैक्सीन लगवाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता नहीं होगी. वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस आदि भी मान्य होंगे.
1 करोड़ से ज्यादा डोज लग चुके
प्रदेश में अभी तक 45 और 18 वर्ष से ऊपर आयु वाले व्यक्तियों को कुल एक करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं. इनमें 7 लाख 70 हजार 613 डोज हैल्थ वर्कर्स, 7 लाख चार हजार 818 डोज फ्रंटलाइन वर्कर्स, 37 लाख 03 हजार 698 डोज 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले, 39 लाख 46 हजार 793 डोज 45 से 60 वर्ष तक की उम्र के व्यक्तियों और 9 लाख 56 हजार 663 डोज 18 से 24 वर्ष की उम्र के लोगों को लगाए गए हैं.
प्राथमिकता के आधार पर लगेगा डोज
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए हैं कि 18+ के वैक्सीनेशन में प्राथमिकता समूह भी बनाए जाएं. ऐसे लोगों को पहले वैक्सीन लगाया जाए, जो अधिक लोगों के संपर्क में आते हैं. इनमें हाथ ठेले वाले, फेरी वाले आदि को शामिल किया जा सकता है. छोटे बच्चों के माता-पिता को भी प्राथमिकता समूह में रखा जा सकता है.
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अलग-अलग वैक्सीन की स्थिति
प्रदेश को अभी कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन प्राप्त हो रही है. इनके अलावा राज्य सरकार स्पूतनिक वैक्सीन प्राप्त करने के प्रयास कर रही है. जॉनसन एण्ड जॉनसन वैक्सीन, जिसका केवल एक डोज लगेगा वह भी भारत में बनेगी. फाइजर एवं मॉडर्ना वैक्सीन, संबंधित कंपनियों द्वारा सीधे केन्द्र सरकार को प्रदान की जाएगी.