उज्जैन। शिप्रा नदी किनारे दत्त अखाडा घाट पर शिप्रा शुद्धिकरण (purification of shipra river) की मांग को लेकर चल रहा संतों का धरना(ujjain saints dharna end) खत्म हो गया. 6 दिन बाद सरकार के मंत्री और अधिकारियों ने संतों को मना लिया है. अधिकारियों ने उन्हें शिप्रा शुद्धिकरण का प्लान समझाया और शिप्रा को प्रदूषण रहित करने का आश्वसान दिया. इसके साथ ही जल्द ही संतों की सीएम शिवराज सिंह और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से मिलवाने और बातचीत का आश्वासन भी दिया है. अधिकारियों के आश्वासन के बाद संतों ने कुछ दिनों के लिए अपना धरना स्थगित कर दिया है.
संत ज्ञानदास ने भी तोड़ा अपना अनशन
मंगलनाथ रोड पर भगवान अंगारेश्वर मंदिर के पास दादू आश्रम के संत ज्ञानदास जी भी शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर अनशन पर थे उन्होंने 16 नवम्बर से अन्न त्याग रखा था जिसके बाद आज मंत्री और अधिकारियों के आश्वसन के बाद अब ज्ञान दास ने अनशन तोड़ दिया है और वे फरियाली पर ही रहेंगे। धरना ख़त्म होते ही इस दौरान संत ज्ञानदास को नारियल पानी पिलाकर कलेक्टर आशीष सिंह ने अनशन खुलवाया।
यह है शिप्रा के शुद्धिकरण का प्लान
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, कलेक्टर आशीष सिंह और एसडीएम सोमवार को संतों से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान संतों का धरना खत्म कराने को लेकर उन्होंने शिप्रा के शुद्धिकरण को लेकर सरकार का प्लान संतों को समझाया जिसके मुताबिक.
- चार दिन में इंदौर और उज्जैन के अधिकारी मिलकर प्लान तैयार करेंगे.
- शिप्रा नदी में मिल रहे नालों को रोकने का प्लान संतों से साझा किया जाएगा.
- जल्द ही शिप्रा नदी में मिल रहे नाले और कान्ह नदी के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोक दिया जाएगा.
- इंदौर देवास से आ रहा गन्दा पानी और उज्जैन के नाले शिप्रा को नदी प्रदूषित कर रहे हैं. प्लान के मुताबिक कान्ह नदी का पानी शुद्ध करके खेतो में सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाएगा. जिससे यह गंदा पानी शिप्रा तक नहीं पहुंचेगा.
- शिप्रा में मिलने वाली कान्ह नदी के पानी को साफ करने के लिए जिले के ही दो अधिकारी प्लान तैयार करेंगे.
- कलेक्टर आशीष सिंह ने संतों का आश्वासन दिया है कि अगले 6 माह में उज्जैन शहर के सीवरेज का एक बूंद भी पानी शिप्रा में नहीं मिलेगा.
-कान्ह नदी के पानी को रोकने और साफ करने के लिए त्रिवेणी घाट के पास एक पक्का बांध बनाया जाएगा.