भोपाल। MP के सभी 6 टाइगर रिजर्व 1 अक्टूबर से खुल गए हैं. कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, संजय डुबरी और पन्ना नेशनल पार्क फिर से गुलजार हो गए हैं. ये टाइगर रिजर्व 3 महीने से बंद थे,.अब अगले साल जून तक ये खुले रहेंगे. अब 9 महीने तक टूरिस्ट रिजर्व पार्कों के कोर इलाकों में सफारी का आनंद ले सकेंगे. अक्टूबर और नवंबर की बुकिंग फुल हो चुकी है. खासकर दशहरे और दीपावली के दिनों में टूरिस्टों ने बुकिंग कराई है.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के तीन महीने बाद लौटी रौनक
उमरिया के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बफर में सफर योजना के तहत जून से सितम्बर के आखिरी दिन तक सफारी जारी रही, लेकिन 1 अक्टूबर से कोर जोन की बंदिशें भी हटा दी गई हैं. एक अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में भी पर्यटन शुरू हो गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विन्सेंट रहीम ने ताला गेट में वाहनों को हरी झंडी दिखाई. गेट पर खड़े गजराजों ने भी अपनी सूंड़ उठाकर कोर जोन जिप्सियों का स्वागत किया.
कोविड प्रोटोकॉल को मत भूलना
अधिकारियों ने गाइडों और पर्यटकों से कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने को कहा है. गाइडों को निर्देश दिया गया कि वे नियमों का पालन सभी से करवाएं. पर्यटकों से भी कहा गया कि कोरोना गाइडलाइन ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें. साथ ही निर्धारित रास्ते पर ही जिप्सी चलाएं.
टाइगर रिजर्व खुलने से बढ़ेगा रोजगार
पिछले तीन महीने से कोर जोन में पर्यटन बंद होने के कारण ताला गांव वीरान सा हो गया था, यहां के रोजगार-धंधे लगभग बंद थे, लेकिन अब पर्यटन शुरू होने के कारण ताला गांव में भी रौनक लौट आई है. दुकानदारों को उम्मीद है कि अब अच्छा कारोबार होगा.
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में महिला स्टाफ की नियुक्ति
होशंगाबाद में भी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 1 अक्टूबर से गुलजार हो गया. पिछले तीन महीने से बारिश के चलते सतपुड़ा टाइगर रिजर्व बन्द था.
सतपुडा टाइगर रिजर्व में पहली बार 20 महिला गार्डों को नियुक्त किया गया है. इसका मकसद ये है कि इससे स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए. एसटीआर डायरेक्टर एल कृष्ण मूर्ति ने बताया कि इन महिला गार्डों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी गई है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बोटिंग जैसी कई गतिविधियां बढ़ी हैं. ज्यादा स्टाफ की जरूरत थी, इसी के चलते महिलाओं को और स्थानीय लोगों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने भर्ती किया है.
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मडई, चूरना को छोड़कर साल भर पचमढ़ी में खुला रहता है. बरसात को छोड़कर मढई और चूरना को बंद कर दिया जाता है. साथ ही बफर और कोर ज़ोन दोनों को खोल दिया गया है.
एसटीआर के करीब 2,200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 95% एरिया में हरियाली है. करीब 220 वर्ग किलोमीटर में पानी है. इसके अलावा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 20 से ज्यादा प्रजाति के वन्य जीव और 175 प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं.
खुले पेंच टाइगर रिजर्व के सभी गेट, 600 लोगों ने की जंगल सफारी
सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व के तीनों गेट भी 1 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए खोल दिये गये हैं. पार्क खुलने के बाद पर्यटकों में भी खासा उत्साह नजर आया. अधिकारी कोरोना के नियमों का पालन करने की हिदायत सभी को देते रहे. छिंदी-मट्ठा और सपाट एरिया फिलहाल डूब क्षेत्र होने के कारण पर्यटकों के लिए बंद हैं.
पेंच के अंदर किसी को कोई असुविधा न हो, इसके लिए एक हैण्डबुक गाइड को दी गई है. उसमें एक मोबाइल नंबर है, जिस पर गाइड पर्यटक के मोबाइल से मुसीबत के वक्त अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. इस बार ये नई व्यवस्था की गई है.
बालाघाट के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में लौटी रौनक
बालाघाट के कान्हा टाइगर रिजर्व के गेट भी 1 अक्टूबर को खोल दिए गए. पूजा अर्चना कर फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने रिबन काटकर इसका शुभारंभ किया.
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सफारी के शुभारंभ अवसर पर जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की ओर से मुक्की गेट पर जिप्सी ड्राइव, गाइड और पर्यटकों को सेनेटाइजर और मास्क दिया जा रहा है. सभी को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की शपथ दिलाई गई .ये पार्क बाघ और बारहसिंगा के लिए प्रसिद्ध है.
फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि बालाघाट प्रशासन ने लगमा गांव में बैगा हाट बनवाकर अच्छी पहल की. इससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों और बैगा लोक संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है. स्थानीय लोगों को इससे रोजगार भी मिला है. उन्होंने बताया कि मुक्की गेट से सफारी के लिए सारी टिकट पहले से ही बुक करा ली गई हैं.