भोपाल। द कश्मीर फाइल फिल्म की देशभर में धूम है. इस फिल्म को लेकर बगावती तेवर दिखाने वाले व लगातार बयान देने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान अब राज्य सरकार के निशाने पर आ गए हैं. नियाज खान द्वारा किए गए ट्वीट और मीडिया में बयानबाजी को लेकर राज्य सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाया है. आईएएस नियाज खान ने कहा था कि देश का सौहार्द बिगड़ रहा है. उन्होंने राजनीतिक पार्टियों पर मुस्लिमों को इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने द कश्मीर फाइल फिल्म के बारे में कहा था कि गोधरा कांड, गुजरात दंगों पर भी फिल्म बननी चाहिए. यही नहीं देश में जहां-जहां सांप्रदायिक दंगे हुए उन पर भी फिल्म बननी चाहिए.
सामान्य प्रशासन विभाग ने दिया नोटिस : लगातार ट्वीट करने और मीडिया पर बयानबाजी को लेकर मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें नोटिस दिया है. विभाग ने आईएएस अधिकारी द्वारा की जा रही बयानबाजी को सिविल सेवा आचरण के नियमों का उल्लंघन माना है और इसको लेकर उनसे जवाब तलब किया है. नोटिस में लिखा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर बयान क्यों जारी किया. गौरतलब है कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था आईएएस अधिकारी नियाज खान लगातार लिमिट क्रॉस कर रहे हैं. आईएएस अधिकारी की बयानबाजी को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी.
मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में यूज किया : गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आईएएस अधिकारी नियाज के बारे में कहा था कि जलद ही इस अधिकारी को नोटिस जारी किया जाएगा. ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में आईएएस अधिकारी नियाज खान ने कहा था कि देश का माहौल लगातार बिगड़ रहा है. उन्होंने कहा था कि क्या मैं मुस्लिम हूं, इसलिए क्या मुझे देश में बोलने का भी हक नहीं है. आजादी के बाद से देश में मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में यूज किया गया है और उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान तथाकथित सेकुलर पार्टियों ने पहुंचाया है. इस बारे में ईटीवी भारत ने नियाज खान से उनका पक्ष लेना चाहा पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. (show cause notice to IAS Niyaz Khan) ( Statment on The Kashmir Files)