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सुप्रीम कोर्ट तय करेगा प्रहलाद लोधी का भविष्य, होगी बहाली या रहेंगे निलंबित?

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Published : Nov 21, 2019, 1:34 AM IST

Updated : Nov 21, 2019, 10:30 PM IST

अपनी विधायकी गवां चुके बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो. लेकिन वे अब तक अपनी सदस्यता बहाल नहीं करा पाए हैं. बीजेपी जहां अपने निलंबित विधायक की बहाली कोशिश में जुटी है. तो कांग्रेस हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है.

विधायक

भोपाल। बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी की सजा पर भले ही हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया हो. लेकिन अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल नहीं हो सकी है. ऐसे में प्रहलाद लोधी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं इस पर अब तक असमंजस बना हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा प्रहलाद लोधी का भविष्य

प्रहलाद लोधी को आगामी विधानसभा सत्र की ना तो उन्हें कोई सूचना दी गई है और विधायक के तौर पर विधानसभा से मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद भी कर दी गई हैं. कुल मिलाकर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं. क्योंकि जहां एक तरफ प्रहलाद लोधी अपनी सदस्यता बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं. तो दूसरी तरफ मप्र सरकार भी प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिले स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है. प्रहलाद लोधी ने मप्र सरकार की अपील के खिलाफ भी केविएट पेश किया है. इन परिस्थितियों में अब सुप्रीम कोर्ट ही प्रहलाद लोधी के भविष्य का फैसला करेगी.

कांग्रेस ने कहा सुप्रीम कोर्ट करेगी फैसला
मामले में मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि प्रहलाद लोधी को हाई कोर्ट से सजा पर स्थगन मिला है. जिसका जबाव राज्य सरकार को पांच जनवरी तक देना है. लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा में उनकी सदस्यता बहाली के ऊपर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सदस्यता बहाली पर अपील दायर की है. यदि सुप्रीम कोर्ट उनकी अपील खारिज करती है, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और यदि सुप्रीम कोर्ट सदस्यता बहाली का आदेश देती है. तो आदेश भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा. फिर निर्वाचन आयोग मप्र विधानसभा को सूचित करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाती है. यानि कांग्रेस का सीधी रुख है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करता है.

बीजेपी को राज्यपाल से लगी है आस
प्रहलाद लोधी के मामले में बीजेपी ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर विधायक की बाहाली की मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रहलाद लोधी के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला सुनाया है वह पूरी तरह से गलत है. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात की है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाली के आदेश देंगे.

भोपाल। बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी की सजा पर भले ही हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया हो. लेकिन अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल नहीं हो सकी है. ऐसे में प्रहलाद लोधी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं इस पर अब तक असमंजस बना हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा प्रहलाद लोधी का भविष्य

प्रहलाद लोधी को आगामी विधानसभा सत्र की ना तो उन्हें कोई सूचना दी गई है और विधायक के तौर पर विधानसभा से मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद भी कर दी गई हैं. कुल मिलाकर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं. क्योंकि जहां एक तरफ प्रहलाद लोधी अपनी सदस्यता बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं. तो दूसरी तरफ मप्र सरकार भी प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिले स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है. प्रहलाद लोधी ने मप्र सरकार की अपील के खिलाफ भी केविएट पेश किया है. इन परिस्थितियों में अब सुप्रीम कोर्ट ही प्रहलाद लोधी के भविष्य का फैसला करेगी.

कांग्रेस ने कहा सुप्रीम कोर्ट करेगी फैसला
मामले में मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि प्रहलाद लोधी को हाई कोर्ट से सजा पर स्थगन मिला है. जिसका जबाव राज्य सरकार को पांच जनवरी तक देना है. लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा में उनकी सदस्यता बहाली के ऊपर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सदस्यता बहाली पर अपील दायर की है. यदि सुप्रीम कोर्ट उनकी अपील खारिज करती है, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और यदि सुप्रीम कोर्ट सदस्यता बहाली का आदेश देती है. तो आदेश भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा. फिर निर्वाचन आयोग मप्र विधानसभा को सूचित करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाती है. यानि कांग्रेस का सीधी रुख है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करता है.

बीजेपी को राज्यपाल से लगी है आस
प्रहलाद लोधी के मामले में बीजेपी ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर विधायक की बाहाली की मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रहलाद लोधी के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला सुनाया है वह पूरी तरह से गलत है. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात की है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाली के आदेश देंगे.

Intro:भोपाल।जिला अदालत से अपराधिक मामले में 2 साल की सजा के बाद विधानसभा से बर्खास्त किए गए बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को हाई कोर्ट द्वारा सजा पर स्टे मिलने के बाद भी मप्र विधानसभा ने उनकी सदस्यता बहाली नहीं की है। वही आगामी विधानसभा सत्र की ना तो उन्हें कोई सूचना दी गई है और विधायक के तौर पर विधानसभा से मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद भी कर दी गई हैं। कुल मिलाकर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं। क्योंकि जहां एक तरफ हो प्रहलाद लोधी अपनी सदस्यता बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं।तो दूसरी तरफ मप्र सरकार प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिले सजा के खिलाफ स्टे के विरोध में सुप्रीम कोर्ट गई है। प्रहलाद लोधी ने मप्र सरकार की अपील के खिलाफ भी केविएट पेश किया है। इन परिस्थितियों में अब सुप्रीम कोर्ट ही प्रहलाद लोधी के भविष्य का फैसला करेगी।


Body:भाजपा के पन्ना जिले के पवई विधानसभा के विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता मप्र विधानसभा ने समाप्त कर दी थी। मप्र विधानसभा ने यह फैसला जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत लिया था। मप्र विधानसभा के फैसले के बाद प्रहलाद लोधी हाई कोर्ट गए थे।जहां उनकी सजा पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया था और अगली सुनवाई 5 जनवरी की तय की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने विधानसभा में उनकी सदस्यता को लेकर ना तो कोई टिप्पणी की थी और ना ही कोई निर्देश जारी किए थे।इसके बावजूद भी भाजपा की मांग थी कि हाई कोर्ट से स्टे मिलने के बाद उनकी सदस्यता बहाली की जाए। लेकिन मप्र विधानसभा ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई 2013 के उस निर्णय के आधार पर लिया था। जिसमें जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 की उप धारा 4 के तहत 2 साल या ज्यादा सजा मिलने पर जनप्रतिनिधि का अपील का अधिकार समाप्त हो जाता है। भाजपा की लाख कोशिशों के बाद भी मप्र विधानसभा ने उनकी सदस्यता बहाली नहीं की। बल्कि आगामी विधानसभा सत्र के लिए ना तो उन्हें कोई सूचना दी गई और विधायक के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद कर दी गई और मप्र विधानसभा के लिए बनाए गए उनके बैंक खाते को भी बंद कर दिया गया।अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। क्योंकि प्रहलाद लोधी जहां सदस्यता बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं। वहीं मप्र सरकार प्रहलाद लोधी को सजा पर मिले स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है। कुल मिलाकर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कोई अंतिम फैसला लेना है।


Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि प्रहलाद लोधी को हाई कोर्ट से सजा पर स्थगन मिला है और 5 जनवरी तक राज्य सरकार को जवाब देना है। लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा में उनकी सदस्यता बहाली के ऊपर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सदस्यता बहाली पर अपील दायर की है। यदि सुप्रीम कोर्ट उनकी अपील खारिज करती है,तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और यदि सुप्रीम कोर्ट सदस्यता बहाली का आदेश देती है। तो आदेश भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा और निर्वाचन आयोग मप्र विधानसभा को सूचित करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाती है। कुल मिलाकर यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार का है।

वहीं इस मामले में मप्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट गई है। मप्र सरकार हाई कोर्ट द्वारा प्रहलाद लोधी की सजा पर दिए गए स्थगन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है। मप्र सरकार का सदस्यता बहाली से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि यह मामला मप्र विधानसभा से संबंधित है। वही प्रहलाद लोधी के मामले में किसी भी कोर्ट ने सरकार के खिलाफ कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
Last Updated : Nov 21, 2019, 10:30 PM IST
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