भोपाल। बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी की सजा पर भले ही हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया हो. लेकिन अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल नहीं हो सकी है. ऐसे में प्रहलाद लोधी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं इस पर अब तक असमंजस बना हुआ है.
प्रहलाद लोधी को आगामी विधानसभा सत्र की ना तो उन्हें कोई सूचना दी गई है और विधायक के तौर पर विधानसभा से मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद भी कर दी गई हैं. कुल मिलाकर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं. क्योंकि जहां एक तरफ प्रहलाद लोधी अपनी सदस्यता बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं. तो दूसरी तरफ मप्र सरकार भी प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से मिले स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है. प्रहलाद लोधी ने मप्र सरकार की अपील के खिलाफ भी केविएट पेश किया है. इन परिस्थितियों में अब सुप्रीम कोर्ट ही प्रहलाद लोधी के भविष्य का फैसला करेगी.
कांग्रेस ने कहा सुप्रीम कोर्ट करेगी फैसला
मामले में मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि प्रहलाद लोधी को हाई कोर्ट से सजा पर स्थगन मिला है. जिसका जबाव राज्य सरकार को पांच जनवरी तक देना है. लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा में उनकी सदस्यता बहाली के ऊपर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सदस्यता बहाली पर अपील दायर की है. यदि सुप्रीम कोर्ट उनकी अपील खारिज करती है, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और यदि सुप्रीम कोर्ट सदस्यता बहाली का आदेश देती है. तो आदेश भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा. फिर निर्वाचन आयोग मप्र विधानसभा को सूचित करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाती है. यानि कांग्रेस का सीधी रुख है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करता है.
बीजेपी को राज्यपाल से लगी है आस
प्रहलाद लोधी के मामले में बीजेपी ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर विधायक की बाहाली की मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रहलाद लोधी के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला सुनाया है वह पूरी तरह से गलत है. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात की है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाली के आदेश देंगे.