भोपाल। चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रचार का शोर 27 तारीख शाम 5 बजे थम जाएगा. इसके बाद प्रत्याशी डोर-टू-डोर कैंपेनिंग करेंगे. इन सीटों पर बीजेपी का फोकस माइक्रोमैनेजमेंट पर टिका है. बूथ स्तर पर हर घर में दस्तक देने कार्यकर्ताओं को भेजा जा रहा है. विधानसभा स्तर पर तैनात मंत्री, विधायक और संगठन पदाधिकारी मैदानी क्षेत्र में डटे हुए हैं. जानिए चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति.
सरकारी योजना के हितग्राहियों को साधने की कोशिश
केंद्र सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों की सूची बनाई गई हैं. इन हितग्राहियों से संपर्क संवाद का सिलसिला लगातार चल रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चारों चुनावी क्षेत्रों में तैनात मंत्रियों और अन्य नेताओं से हर दिन का रिपोर्ट कार्ड ले रहे हैं. वहीं प्रबंधन से जुड़े अन्य नेता विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के मोबाइल नंबर सहित सूची मैदानी कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही है. जिससे कार्यकर्ता ऐसे लोगों को वोटिंग करा कर अपने पक्ष में ला सकें.
घर-घर जाकर जनता को साध रही बीजेपी
केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास और उज्ज्वला योजना के अलावा राज्य सरकार की संबल के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग वाली योजनाओं का हितग्राहियों का डाटा मैदानी टीम को सौंपा गया है. बूथ स्तर पर बनाए गए पन्ना प्रमुखों को हर दिन कितने घरों में दस्तक देना है, रोज इसकी समीक्षा की जाती है. प्रबंध समिति ने इसका अलग फॉर्मेट भेजा है. चुनाव के पहले कार्यकर्ताओं को घर-घर जाने के निर्देश दिए गए हैं.
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मैदान में मोर्चा और प्रकोष्ठ के पदाधिकारी
मंडल और 4 सीटों पर बीजेपी ने इन क्षेत्रों के एससी-एसटी, ओबीसी, महिला अल्पसंख्यक और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तैनात किया है. इन सभी को प्रचार थमने के बाद घर-घर संपर्क और संवाद करने को कहा गया है. संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह-संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पहले यह काम संगठन मंत्रियों के पास था, लेकिन आप पार्टी ने संगठन मंत्रियों को हटा दिया है.
माइक्रो लेवल पर पार्टी का जोर, हर घर दस्तक देगा कार्यकर्ता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के बड़े नेता लगातार चुनाव क्षेत्रों में रात रुके जिस जाति के लोगों का बाहुल्य है. वहां किसी एक के घर पार्टी के बड़े नेता ने भोजन भी किया. बीजेपी शुरू से ही माइक्रो-मैनेजमेंट की रणनीति पर काम करते आई है. इस बार 3000 से ज्यादा बूथों पर कार्यकर्ताओं से दिनभर फीडबैक लिया जा रहा है.
बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग पर दिया ध्यान
नवरात्र के चलते 9 दिन ही कार्यक्रमों के पहले कन्या पूजन किया. दशहरा के दिन घर-घर जाकर जीत का ध्वज लहराया गया. इसके साथ ही अब 27 तारीख से बीजेपी कार्यकर्ता डोर-टू-डोर कैंपेनिंग कर सरकार की उपलब्धियां बताएंगे. बीजेपी ने युवा मोर्चा को भी मैदान में उतार दिया है. सबसे कहा गया है कि यूथ जिताएंगे बूथ. यानी हर एक युवा मोर्चा के कार्यकर्ता को वोटर्स को घर से बाहर निकालने की जवाबदारी दी गई है.
कांग्रेस को भीतरघात से खतरा
पिछले विधानसभा चुनाव में खंडवा की 8 सीटों में से कांग्रेस ने चार पर जीत दर्ज की थी. जबकि बुरहानपुर में कांग्रेस का ही बागी चुनकर आया था. इनमें से अब तक तीन विधायक पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस के पास अब भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी ही बची हैं. निमाड़ मालवा में कांग्रेस को कमजोर करने और गुर्जर वोटों की सेंधमारी के लिए बड़वाह विधायक सचिन बिरला को भी भाजपा में शामिल करा लिया गया. इसके जरिए भाजपा इन चुनाव में यह संदेश देने में सफल रही कि कांग्रेस आन्तरिक कलह की शिकार है, और वहां नेतृत्व भी नहीं है.
कांग्रेस को दमोह उपचुनाव में मिली जीत ही संजीवनी नजर आ रही है. इसी वजह से वह कहती है कि जिस तरह से दमोह की जनता ने सच का साथ दिया उसी तरह इन 4 सीटों पर भी बीजेपी के झूठ का जनता पर्दाफाश करेगी.