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लघु वनोपज ने आयुष विभाग को प्रदान किए साढ़े छह करोड़ रूपये के त्रिकटु चूर्ण

भारतीय चिकित्सा पद्धति में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रभावी और प्रमाणित उपायों को देखते हुए प्रदेश में अब तक लगभग 70 लाख लोगों को त्रिकटु चूर्ण (काढ़ा पाउडर), संशमनी वटी, अणु तेल और आरोग्य कषायम नि:शुल्क वितरित किए जा चुके हैं.

Small scale food provided decoction powder worth Rs. 6.5 crore to AYUSH department in bhopal
लघु वनोपज ने आयुष विभाग को प्रदान किए साढ़े छह करोड़ रूपये मूल्य का काढ़ा चूर्ण
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Published : Apr 29, 2020, 5:11 PM IST

भोपाल| भारतीय चिकित्सा पद्धति में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रभावी और प्रमाणित उपायों को देखते हुए प्रदेश में अब तक लगभग 70 लाख लोगों को त्रिकटु चूर्ण (काढ़ा पाउडर), संशमनी वटी, अणु तेल और आरोग्य कषायम नि:शुल्क वितरित किए जा चुके हैं. जिसमें भोपाल के एक लाख से अधिक लोग शामिल हैं. भोपाल में क्षेत्रवार औषधियां वितरित की जा रही हैं. कोलार में वितरण कार्य लगभग पूरा हो गया है.

Small scale food provided decoction powder worth Rs. 6.5 crore to AYUSH department in bhopal
आयुष विभाग ने दिए 22 करोड़ 23 लाख रुपए के ऑर्डर

आयुष विभाग ने दिया 22 करोड़ 23 लाख रुपए का ऑर्डर

लघु वनोपज प्र-संस्करण और अनुसंधान केन्द्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएस रावत ने जारी जानकारी में बताया कि आयुष विभाग से अब तक 22 करोड़ 23 लाख रूपए से अधिक के ऑर्डर मिल चुके हैं. ऑर्डर की आपूर्ति के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है. पहली बार 3 और 8 अप्रैल 2020 को मिले ऑर्डर के परिप्रेक्ष्य में एमएफपी पार्क अब तक छह करोड़ 50 लाख 29 हजार 2 सौ रूपए की औषधियों की सप्लाई आयुष विभाग को कर चुका है.

जिसमें एक लाख 23 हजार त्रिकटु चूर्ण (500 ग्राम), अणु तेल दो लाख 10 हजार (50 एमएल), 34 हजार संशमनी वटी (500 ग्राम) शामिल है. शेष औषधि सप्लाई के प्रयास भी युद्ध स्तर पर जारी हैं. हाल ही में आयुष विभाग ने 12 करोड़ 54 लाख 29 हजार रूपए मूल्य के 25 हजार नग त्रिकुट चूर्ण और 12 नग आरोग्य कषायम पूर्ति के आदेश भी दिए हैं.

औषधियों से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर उमेश शुक्ला ने बताया हैं कि कोरोना से बचाव के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर ये रोग प्रतिरोधक दवाएं बांटने के लिए कहा है. श्वसन तन्त्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाली ये औषधियां विभिन्न अध्ययन और परीक्षण से गुजर चुकी हैं. लॉकडाउन अवधि में इन आयुर्वेदिक दवाओं, जड़ी-बूटियों के प्रयोग, व्यक्तिगत सुरक्षा और एन्टीबायोटिक तुरंत ही ले लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण से अस्पतालों में मरीजों की संख्या और सामान्य मृत्यु दर घटी है. कई बीमारियां आधुनिक दवाइयों के साइड इफेक्ट की भी देन हैं.

कई बीमारियों में है कामगार

संशमनी वटी में मुख्य रूप से गिलोय होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ बुखार, सर्दी-जुकाम में उपयोगी है. त्रिकटु चूर्ण में सोंठ, पीपली और कालीमिर्च शामिल है, जिसका काढ़ा सर्दी-जुकाम में काफी असरदार है. अणुतेल संक्रमण की रोकथाम में बहुत कारगर सिद्ध हुआ है. इसके निर्माण में तिल का तेल, नागरमोथा, वायविडंग, कटकारी, इलायची, खस, मुलैठी, दारूहल्दी, तेजपत्ता, देवदारू, दालचीनी, शतावर, जीवन्ती आदि का उपयोग किया जाता है. अणुतेल साइनस, नाक बहना, एलर्जी, नाक और गले के शुष्कपन (ड्रायनेस) की रोकथाम करता है.

भोपाल| भारतीय चिकित्सा पद्धति में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रभावी और प्रमाणित उपायों को देखते हुए प्रदेश में अब तक लगभग 70 लाख लोगों को त्रिकटु चूर्ण (काढ़ा पाउडर), संशमनी वटी, अणु तेल और आरोग्य कषायम नि:शुल्क वितरित किए जा चुके हैं. जिसमें भोपाल के एक लाख से अधिक लोग शामिल हैं. भोपाल में क्षेत्रवार औषधियां वितरित की जा रही हैं. कोलार में वितरण कार्य लगभग पूरा हो गया है.

Small scale food provided decoction powder worth Rs. 6.5 crore to AYUSH department in bhopal
आयुष विभाग ने दिए 22 करोड़ 23 लाख रुपए के ऑर्डर

आयुष विभाग ने दिया 22 करोड़ 23 लाख रुपए का ऑर्डर

लघु वनोपज प्र-संस्करण और अनुसंधान केन्द्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएस रावत ने जारी जानकारी में बताया कि आयुष विभाग से अब तक 22 करोड़ 23 लाख रूपए से अधिक के ऑर्डर मिल चुके हैं. ऑर्डर की आपूर्ति के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है. पहली बार 3 और 8 अप्रैल 2020 को मिले ऑर्डर के परिप्रेक्ष्य में एमएफपी पार्क अब तक छह करोड़ 50 लाख 29 हजार 2 सौ रूपए की औषधियों की सप्लाई आयुष विभाग को कर चुका है.

जिसमें एक लाख 23 हजार त्रिकटु चूर्ण (500 ग्राम), अणु तेल दो लाख 10 हजार (50 एमएल), 34 हजार संशमनी वटी (500 ग्राम) शामिल है. शेष औषधि सप्लाई के प्रयास भी युद्ध स्तर पर जारी हैं. हाल ही में आयुष विभाग ने 12 करोड़ 54 लाख 29 हजार रूपए मूल्य के 25 हजार नग त्रिकुट चूर्ण और 12 नग आरोग्य कषायम पूर्ति के आदेश भी दिए हैं.

औषधियों से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर उमेश शुक्ला ने बताया हैं कि कोरोना से बचाव के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर ये रोग प्रतिरोधक दवाएं बांटने के लिए कहा है. श्वसन तन्त्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाली ये औषधियां विभिन्न अध्ययन और परीक्षण से गुजर चुकी हैं. लॉकडाउन अवधि में इन आयुर्वेदिक दवाओं, जड़ी-बूटियों के प्रयोग, व्यक्तिगत सुरक्षा और एन्टीबायोटिक तुरंत ही ले लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण से अस्पतालों में मरीजों की संख्या और सामान्य मृत्यु दर घटी है. कई बीमारियां आधुनिक दवाइयों के साइड इफेक्ट की भी देन हैं.

कई बीमारियों में है कामगार

संशमनी वटी में मुख्य रूप से गिलोय होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ बुखार, सर्दी-जुकाम में उपयोगी है. त्रिकटु चूर्ण में सोंठ, पीपली और कालीमिर्च शामिल है, जिसका काढ़ा सर्दी-जुकाम में काफी असरदार है. अणुतेल संक्रमण की रोकथाम में बहुत कारगर सिद्ध हुआ है. इसके निर्माण में तिल का तेल, नागरमोथा, वायविडंग, कटकारी, इलायची, खस, मुलैठी, दारूहल्दी, तेजपत्ता, देवदारू, दालचीनी, शतावर, जीवन्ती आदि का उपयोग किया जाता है. अणुतेल साइनस, नाक बहना, एलर्जी, नाक और गले के शुष्कपन (ड्रायनेस) की रोकथाम करता है.

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