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Yoga as sports in school: मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा का हिस्सा होगा योग, पाठ्यक्रम में खेल के तौर पर होगा शामिल

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Published : Dec 8, 2021, 10:04 AM IST

शिवराज सिंह सरकार योग शिक्षा को एमपी में खेल के रूप में शालेय शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने जा रही है. (Yoga as sports in school curriculum in MP)

Yoga as sports in school curriculum in MP
मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा का हिस्सा होगा योग

भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा का हिस्सा होगा योग. इस दिशा में शिवराज सिंह सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब योग को खेल के रूप में विकसित कर शालेय शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा. यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2021) के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में कही.

खेल के तौर पर पाठ्यक्रम में होगा योग

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि योग को खेल के रूप में विकसित कर शालेय शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा (Yoga as sports in school curriculum in MP). प्रदेश में जन-जन तक योग के विस्तार के लिए योग आयोग का गठन किया जाएगा. योग की शिक्षा को शालेय स्तर पर जोड़ने से शिक्षा को रुचिकर बनाने और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संवर्धन में सहायता मिलेगी. प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है. विद्यार्थियों को विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा
मुख्यमंत्री का मानना है कि शिक्षा को रुचिकर बनाने की दिशा में जारी इन प्रयासों से निजी स्कूलों की ओर जन-सामान्य का आकर्षण कम होगा. इस दिशा में जारी गतिविधियों के परिणाम शीघ्र ही प्रदेशवासियों को देखने को मिलेंगे. शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है. प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा देने की प्रभावी पद्धति का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
बदलते समय के साथ पाठ्यक्रम में भी बदलाव जरूरी

विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा को स्थापित करने की आवश्यकता- शिवराज

चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा को स्थापित करने की आवश्यकता है. गत वर्षों में शिक्षा व्यवस्था ने काम करने की प्रवृत्ति और श्रम के प्रति सम्मान के भाव को कम किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय कौशल और महत्वपूर्ण व्यवसायिक शिल्प सीखने के स्पष्ट प्रावधान हैं. इन गतिविधियों से विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा और श्रम कर रहे लोगों के प्रति सम्मान का भाव जागृत करने में मदद मिलेगी. इस दिशा में टास्क फोर्स को गंभीरता से कार्य करना होगा.

राज्य स्तर पर 25 फोकस ग्रुप गठित
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें राज्य पाठ्यक्रम के लिए चार फ्रेमवर्क समूह और स्टेट केरीकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए राज्य स्तर पर 25 फोकस ग्रुप गठित किए गए हैं. टास्क फोर्स में 24 अशासकीय सदस्य तथा 26 शासकीय सदस्य हैं. विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्ण राव ने सुझाव दिया कि वैश्विक परिदृश्य और स्थानीय परिस्थितियों को जोड़ते हुए पुस्तकें विकसित की जाएं। शिक्षकों की सोच को सकारात्मक बनाने और उनकी डिजिटल लिटरेसी पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है.
National Education Policy 2020: MP में प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के लिए तैयार हो रहा है ई-कंटेंट, 10 नवंबर तक एक हजार से अधिक मॉड्यूल होंगे उपलब्ध
विद्या भारती के राष्ट्रीय महासचिव राम अरावकर ने कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था और देखभाल तथा शिक्षा के लिए महिला-बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग को परस्पर समन्वय से कार्य करना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर विकास खंड और संकुल स्तर तक उन्मुखीकरण के लिए अभियान चलाने और शिक्षा नीति के प्रावधानों से पालकों को अवगत कराने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता भी बताई गई. अरावकर ने कहा कि परंपरागत खेल लुप्त हो रहे हैं. उनका संकलन और उन्हें शालाओं में सम्मिलित कर बच्चों के लिए रुचिकर बनाने में मदद मिलेगी. (Shivraj Singh government introducing Yoga as sports) (Yoga as sports in school )

--आईएएनएस

भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा का हिस्सा होगा योग. इस दिशा में शिवराज सिंह सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब योग को खेल के रूप में विकसित कर शालेय शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा. यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2021) के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में कही.

खेल के तौर पर पाठ्यक्रम में होगा योग

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि योग को खेल के रूप में विकसित कर शालेय शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा (Yoga as sports in school curriculum in MP). प्रदेश में जन-जन तक योग के विस्तार के लिए योग आयोग का गठन किया जाएगा. योग की शिक्षा को शालेय स्तर पर जोड़ने से शिक्षा को रुचिकर बनाने और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संवर्धन में सहायता मिलेगी. प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है. विद्यार्थियों को विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा
मुख्यमंत्री का मानना है कि शिक्षा को रुचिकर बनाने की दिशा में जारी इन प्रयासों से निजी स्कूलों की ओर जन-सामान्य का आकर्षण कम होगा. इस दिशा में जारी गतिविधियों के परिणाम शीघ्र ही प्रदेशवासियों को देखने को मिलेंगे. शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है. प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा देने की प्रभावी पद्धति का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
बदलते समय के साथ पाठ्यक्रम में भी बदलाव जरूरी

विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा को स्थापित करने की आवश्यकता- शिवराज

चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा को स्थापित करने की आवश्यकता है. गत वर्षों में शिक्षा व्यवस्था ने काम करने की प्रवृत्ति और श्रम के प्रति सम्मान के भाव को कम किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय कौशल और महत्वपूर्ण व्यवसायिक शिल्प सीखने के स्पष्ट प्रावधान हैं. इन गतिविधियों से विद्यार्थियों में श्रम की प्रतिष्ठा और श्रम कर रहे लोगों के प्रति सम्मान का भाव जागृत करने में मदद मिलेगी. इस दिशा में टास्क फोर्स को गंभीरता से कार्य करना होगा.

राज्य स्तर पर 25 फोकस ग्रुप गठित
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें राज्य पाठ्यक्रम के लिए चार फ्रेमवर्क समूह और स्टेट केरीकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए राज्य स्तर पर 25 फोकस ग्रुप गठित किए गए हैं. टास्क फोर्स में 24 अशासकीय सदस्य तथा 26 शासकीय सदस्य हैं. विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्ण राव ने सुझाव दिया कि वैश्विक परिदृश्य और स्थानीय परिस्थितियों को जोड़ते हुए पुस्तकें विकसित की जाएं। शिक्षकों की सोच को सकारात्मक बनाने और उनकी डिजिटल लिटरेसी पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है.
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विद्या भारती के राष्ट्रीय महासचिव राम अरावकर ने कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था और देखभाल तथा शिक्षा के लिए महिला-बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग को परस्पर समन्वय से कार्य करना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर विकास खंड और संकुल स्तर तक उन्मुखीकरण के लिए अभियान चलाने और शिक्षा नीति के प्रावधानों से पालकों को अवगत कराने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता भी बताई गई. अरावकर ने कहा कि परंपरागत खेल लुप्त हो रहे हैं. उनका संकलन और उन्हें शालाओं में सम्मिलित कर बच्चों के लिए रुचिकर बनाने में मदद मिलेगी. (Shivraj Singh government introducing Yoga as sports) (Yoga as sports in school )

--आईएएनएस

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