भोपाल। भले ही चुनाव के दौरान नेताओं को शपथपत्र देते हुए अपनी संपत्ति बतानी पड़ती हो, लेकिन संपत्ति का ब्यौरा देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिसाल पेश की है. संपत्ति का ब्यौरा देने के मामले में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पीएम और उनके मंत्रीमंडल के सीनियर मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा पेश किया है. 13 साल तक गुजरात के सीएम और पिछले 8 साल से ज्यादा समय से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुल संपत्ति 2.23 करोड़ रुपए है. खास बात यह है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पीएम से ज्यादा रईस हैं.
2018 के चुनाव में सीएम ने शपथपत्र में दी थी जानकारी: सीएम शिवराज ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी संपत्ति का खुलासा किया था. उसके मुताबिक उनकी कुल संपत्ति साढ़े 6 करोड़ रुपए है, हालांकि विधानसभा में हर साल सीएम और मंत्रियों द्वारा अपनी संपत्ति का ब्यौरा रखने की परंपरा है, लेकिन पिछले करीब 9 साल से इसे प्रदेश सरकार के मुखिया और उनके मंत्रियों ने नहीं निभाया है.
काफी मालदार हैं मामाजी: 20 मार्च 2020 को कमलनाथ सरकार गिरने के बाद फिर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान 15 साल से ज्यादा समय से मध्यप्रदेश के सीएम हैं. उन्होंने 29 नवंबर 2005 को पहली बार प्रदेश के सीएम पद की कमान संभाली थी. इसके बाद वे 12 दिसंबर 2018 तक लगातार 13 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बुधनी से विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस वक्त दिए शपथ पत्र में परिवार सहित अपनी कुल संपत्ति करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए बताई थी. 2018 के शपथपत्र के मुताबिक
- शिवराज ने अपनी चल संपत्ति 43 लाख 20 हजार 274 और पत्नी साधना सिंह की 88 लाख 11 हजार 866 बताई थी.
- इसमें सीएम के पास 3 लाख 10 हजार रुपए कीमत की 96 ग्राम सोने के जेवरात और पत्नी साधना सिंह के पास 492 ग्राम सोने जेवरात जिसकी कीमत 15 लाख 70 हजार रुपए थी.
MP में सदन में संपत्ति का ब्यौरा देने की दम तोड़ती परंपरा: 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी और उनके मंत्रियों ने अपने शपथ पत्र में संपत्ति की जानकारी दी थी. पीएम और बीजेपी के करीब एक दर्जन मुख्य मंत्रियों ने अपनी संपत्ति जाहिर की थी. लेकिन इस मामले में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार काफी पीछे रही है. यह स्थिति तब है जब विधानसभा में संपत्ति का ब्यौरा रखने की परंपरा 1990 से ही बनी हुई थी.
- शिवराज सिंह चौहान के दूसरे कार्यकाल तक सीएम और उनके मंत्री तक अपनी संपत्ति बताते रहे थे.
- साल 2011, 2012 में मुख्यमंत्री और उनके 16 मंत्रियों ने और 2013 में सीएम शिवराज और उनके 17 मंत्रियों ने संपत्ति की जानकारी सदन में थी. इसके बाद विधानसभा में संपत्ति का ब्यौरा रखने की परंपरा जैसे खत्म सी हो गई.
- 2013 से 2018 के कार्यकाल में शिवराज सरकार के सिर्फ 2 मंत्री जयंत मलैया और गौरीशंकर बिसेन ने ही अपनी संपत्ति सदन में बताई.
- करीब 9 साल से मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी सदन में नहीं दी.
- 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने मंत्रियों के साथ विधायकों को भी जून माह के पहले सदन में संपत्ति का ब्यौरा रखने का संकल्प पास कराया था, लेकिन यह भी सिर्फ संकल्प तक ही सीमित रहा.
21 साल बाद पीएम की संपत्ति 2.23 करोड़: नरेन्द्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते 8 साल से ज्यादा समय हो गया है. इसके पहले वे 2001 से लेकिन मई 2014 तक यानी करीबन 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. इन 21 साल में 2 बार सीएम और पीएम पद के दूसरे कार्यकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी की कुल संपत्ति 2.23 करोड़ रुपए है. जिसका ताजा ब्यौरा प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर भी जारी कर दिया गया है. जिसके मुताबिक पीएम मोदी के पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है. गांधीनगर में उनकी पास पहले जो जमीन थी, उसे वे दान कर चुके हैं.कैश में अधिकांश रकम बैंक में जमा है. पीएम के पास सोने की चार अंगूठियां हैं जिनकी कुल कीमत 1.73 लाख रुपए है. कुल मिलाकर पीएम की संपत्ति बीजेपी शासित मध्यप्रदेश के सीएम से काफी कम है. इस मामले में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान मामा जी, पीएम के मुकाबले काफी मालदार हैं.