भोपाल. संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद पहली बार सीएम शिवराज ने इस मामले पर shivraj on bjp parliamentry board बयान दिया है. उन्होंने एक निजी कार्यक्रम में संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि अगर पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो भी मैं उसे इसी तरह स्वीकार करूंगा ये राष्ट्र निर्माण का काम है. शिवराज ने कहा कि first reaction after out of bjp parliamentary पार्लियामेंट्री बोर्ड में कई योग्य कार्यकर्ता शामिल हैं. मुझे इस तरह का कोई अहम नहीं है कि मैं योग्य हूं. पार्टी ने मुझे बीते कई वर्षों में कई काम दिए हैं. ये पार्टी तय करती है कि आपको क्या करना. पार्टी ने जो भूमिका तय की है हमारा काम उसे निभाना है.
बीजेपी एक विशाल परिवार है,यहां अनेकों योग्य लोग हैं: पार्लियामेंट्री बोर्ड की नई टीम को लेकर शिवराज ने कहा कि आपके बारे में पार्टी तय करती है कि आपको क्या करना है. इसीलिए भारतीय जनता पार्टी जो भूमिका तय कर दे उसको पूरी मेहनत और प्रमाणिकता के साथ निभाना है. मैं कहां हूं ये सोचा तो आप मिशन का हिस्सा नहीं हैं आप तो स्वार्थी हो गए. आपके बारे में पार्टी सोचेगी कि आप को क्या करना है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक विशाल परिवार है. यहां एक नहीं अनेकों योग्य व्यक्ति हैं. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को संसदीय बोर्ड की नई टीम बनी है उसके लिए बधाई भी दी. उन्होंने कहा की टीम में पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण को ध्यान में रखकर योग्य कार्यकर्ताओं को रखा गया है.
BJP ने संसदीय बोर्ड से शिवराज और गडकरी की कर दी छुट्टी, राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म
सीएम बनने की भी नहीं की थी कल्पना: एक नजी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़े लक्ष्य को लेकर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जब काम शुरु किया था तो हमें पता नहीं था कि एमएलए भी बनेंगे. 17 साल की उम्र में आपातकाल में जेल भी गए. उन्होंने कहा कि कल्पना ही नही की थी कि कभी विधायक, सांसद या मंत्री बनेंगे मुख्यमंत्री का तो सोच भी नहीं सकते थे.
बीजेपी संसदीय बोर्ड में कोई भी सीएम शामिल नहीं: सीएम शिवराज पिछले नौ साल से बीजेपी के सबसे ताकतवर समिति संसदीय बोर्ड का हिस्सा रहे हैं. इस बार उनकी जगह पार्टी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को मौका दिया. शिवराज के साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी बोर्ड से छुट्टी कर दी गई है. इसके बाद से ही सियासी गलियारो में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या इसे सीएम शिवराज के राजनैतिक भविष्य का संकेत माना जाए. हांलाकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी क्यों बीजेपी संसदीय बोर्ड में शिवराज ही नहीं इस बार किसी भी सीएम को शामिल नहीं किया गया है.