भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से का ऐलान होने और आचार संहिता लगने से पहले राज्य सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है. नगरीय निकायों में होने वाले विकासकार्यों के लिए 30 हज़ार करोड़ के टेंडर जारी किए हैं. सरकार जानती है कि जल्द ही आचार संहिता लगने वाली है. ऐसे में बारिश से पहले सड़कों के निर्माण, मरम्मत और विकास कार्यों को कराने में चुनाव आचार संहिता आड़े नहीं आएगी. क्योंकि जिन कामों के वर्क ऑर्डर जारी हो गए हैं, उन्हें आचार सहिंता लगे होने के बाद भी नहीं रोका जा सकता.
आचार संहिता में राजनीतिक कार्यक्रम नही होंगे: आचार सहिंता लगे होने के दौरान विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास को लेकर किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम पर जरूर रोक होगी. यही वजह है कि सीएम इससे पहले ही 'नगरोदय' के जरिए भव्य कार्यक्रम करके नगरीय निकाय में होने वाले विकास और निर्माणकार्यों का वर्चुअली शिलान्यास, भूमिपूजन और कई योजनाओं का लोकार्पण तक कर चुके हैं. यह सिलसिला आचार सहिंत लगने से पहले निरंतर जारी रहने वाला है.
पंचायत में होने वाले विकासकार्यों के वर्क ऑर्डर तक जारी: प्रदेश सरकार ने पंचायतों में भी मनरेगा के अलावा सड़क तथा अन्य सार्वजनिक निर्माण के कार्यों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भी इन्हें नहीं रोका जा सकेगा. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग पंचायत चुनाव से पहले नगरीय निकाय के चुनाव करा सकता है. प्रदेश के कई नगरीय निकायों में सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब है. कई जगह सड़कों को खोदकर ही सीवरेज और पानी की पाइप लाइन डाली गई है. बारिश से पहले इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया तो सड़कों में पानी जमा होने लगेगा. इससे सरकार को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. जिसका सीधा असर नगरीय निकाय के चुनावों और पार्टी के परफॉर्मेंस पर पड़ेगा.
सरकार ने शुरू किया मिशन नगरोदय: जिस तरह से सीएम विकासकार्यों के वर्क ऑर्डर और टेंडर जारी कर रही है उसे देखकर कहा जा सकता है कि शिवराज सरकार हर हाल में नगरीय निकाय चुनाव में अपनी जीत चाहती है. यही वजह है कि खजाने का मुंह खोलते हुए तीस हजार करोड़ की सौगातें जनता को दी रही हैं. सरकार नगरीय निकायों में विकासकार्यों की घोषणा कर जनता कि दिल जीतना चाहती है. अब तक 30 हजार करोड़ की घोषणाएं हो चुकी हैं. जिसमें
- सरकार ने मिशन नगरोदय के तहत 20 हजार 753 करोड़ रुपये के काम शुरू करने के टेंडर जारी कर दिए हैं.
- इनमें 413 नगरीय निकायों में अमृत योजना-दो, स्वच्छ भारत-दो एवं स्ट्रीट वेंटर कल्याण के कार्यक्रम होंगे.
- छह सौ से अधिक मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू होंगे.
- संबल-योजना 2 की शुरुआत की गई है.
- सरकार श्रमिक, किसान और प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में 2,850 करोड़ रुपये जमा करेगी.
- 12 हजार 858 करोड़ के 'अमृत 2.0 योजना' और शहरी इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन 2.0' का शुभारंभ करेगी.
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 962 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 25 हजार आवासों में सिंगल क्लिक के माध्यम से गृह प्रवेश कराया गया.
- भोपाल में 1,115 करोड़ रुपए की लागत के 30 हजार आवासों का सिंगल क्लिक के जरिए भूमि पूजन किया गया.
- 747 करोड़ रुपए की 68 स्मार्ट सिटीज परियोजनाओं, 795 करोड़ के अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण-भूमिपूजन के साथ विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राशि का वितरण किया गया.
- 400 करोड़ रुपए की 14 पेयजल योजनाओं का लोकार्पण व भूमिपूजन हुआ.
चुनाव आते ही नारियल फोड़ने निकल जाते हैं मंत्री: सीएम की एक के बाद एक घोषणाओं और करोड़ों के विकासकार्यों का भूमिपूजन करने को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता की याद सिर्फ चुनाव के समय ही आती है. जब भी कोई चुनाव होता है, मुख्यमंत्री से लेकर तमाम भाजपा के मंत्री ,नेता झूठे नारियल फोड़ने निकल पड़ते हैं, झूठी घोषणाओ में लग जाते हैं, झूठे भूमि पूजन और शिलान्यासों की बाढ़ सी आ जाती है. बाक़ी समय तो ना इन्हें जनता की याद आती है और ना ही विकास कार्यों की
कांग्रेस ने कहा जनता को गुमराह कर रही है सरकार: कांग्रेस का आरोप है कि पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव को देखते हुए जनता को गुमराह करने का खेल शुरू हो चुका है. सरकार का खजाना़ा खाली है खुद सरकार को भी यह पता है लेकिन खाली ख़ज़ाने से एक बार फिर जनता को करोड़ों के झूठे सपने दिखाये जा रहे हैं. किसी भी चुनाव से पहले सरकार यही खेल खेलती है और बाकी समय इवेंट्स का आयोजन कर खुद के प्रचार प्रसार में लगी रहती है और भ्रष्टाचार करती है.