भोपाल। कांग्रेस ने किसानों को रिझाकर एमपी में 15 साल का वनवास खत्म किया और अब बीजेपी भी किसानों को खुश करने के लिए उनका कृषि लोन के ब्याज को माफ करने जा रही है. हालांकि बीजेपी सरकार हमेशा से ही कहती रही है कि, किसानों को ऋण माफी नहीं बल्कि सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. बीजेपी ने 2018 में देख लिया कि, कांग्रेस की किसान कर्ज माफी की घोषणा के चलते बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. लेकिन अब बीजेपी 2023 में डिफाल्टर हुए करीब 15 लाख किसानों का ब्याज माफ करने जा रही है. सहकारिता विभाग किसानों को लेकर एकमुश्त समझौता योजना तैयार कर रहा है. इसके लिए सरकार को मूलधन चुकाने के लिए 200 सौ करोड़ रुपए की ब्याज माफी करनी होगी.
डिफाल्टर हुए किसानों पर करोड़ों रुपए का कर्ज: ज्यादातर किसानों ने कर्ज माफी की आस में समय पर कर्ज नहीं चुकाया, जिसका नतीजा ये रहा कि प्रदेश के 14 लाख 57 हजार के करीब किसान डिफाल्टर हो गए हैं. प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के जरिए किसानों को ब्याज रहित अल्पावधि ऋण दिया जाता है. हर साल 27-28 लाख किसान खरीफ और रबी फसलों के लिए ऋण लेते हैं और उपज आने पर ऋण चुका देते हैं. वहीं डिफाल्टर किसान को ब्याज देना पड़ता है और आगे ऋण भी नहीं मिलता. इससे परेशान किसानों की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री ने ब्याज माफी की घोषणा की है. इसमें किसान द्वारा निश्चित समय सीमा में मूलधन चुकाने पर ब्याज माफी दी जाएगी. मूलधन दो या तीन किस्तों में अदा किया जा सकेगा. प्रदेश में डिफाल्टर किसानों पर 5 हजार 700 करोड़ का कर्ज है.
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ब्याज माफी के लिए एक हजार करोड़: किसानों को खरीफ और रबी फसलों के लिए ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया जाएगा. यह राशि जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. इसी तरह मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना में भी लगभग दो हजार करोड़ रुपये रखे जाएंगे. यह राशि उपार्जन करने वाली एजेंसियों को दी जाएगी. किसानों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान रखा जाएगा. प्रधानमंत्री फसल बीमा में राज्यांश मिलाने के लिए दो हजार करोड़ रुपये रखे जाएंगे.
किसानों को कमलनाथ ने बनाया कर्जदार: सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का कहना है कि, हम किसानों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और जहां तक किसानों के डिफाल्टर होने का सवाल है, तो ये कमलनाथ सरकार का किसानों के साथ धोखा था. जिसके कारण किसान आज और कर्ज में दब गया, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सहकारिता विभाग को निर्देश दिए हैं कि, किसानों की ब्याज माफी करना है. इसके लिए योजना तैयार हो गई है और अब डिफाल्टर किसानों का ऋण सरकार चुकाएगी.
बीजेपी किसानों के साथ धोखा करती है: पूर्व सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि, कमलनाथ सरकार ने जो दो लाख रुपए की किसान कर्ज माफी की बात कही थी, वो पूरी करने के लिए कमलनाथ ने काम किया. लेकिन बीजेपी ने विधायकों की खरीद फरोख्त कर हमारी सरकार गिरा दी. बीजेपी का ये चुनावी शिगुफा है, किसान बीजेपी के लालच में नहीं आने वाले. चुनावी साल को देखते हुए बीजेपी ने गरीब वोटर्स पर भी फोकस करना शुरु कर दिया है. प्रदेश में भूमाफियों से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों को मुफ्त आवास देने की योजना भी शिवराज सरकार ने बना ली है. (Relief to farmers who defaulted in MP) (Government owes crores to MP farmers) (5 thousand 700 crore loan on MP defaulter farmers)