सीहोर। दृढ़ इच्छा शक्ति, जोश और मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो दिव्यांगता भी आड़े नहीं आती. सीहोर के निखिल मेवाड़ा ऐसे ही दिव्यांग हैं, जिन्होंने कई बार अपना और जिले का नाम रोशन किया है. निखिल का चयन इंडिया दिव्यांग क्रिकेट टीम में हुआ है. वे आने वाले दिनों में आल राउंडर के रूप में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे. निखिल की उपलब्धि से खुश जिले के लोग, परिजन और कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इस दिव्यांग खिलाड़ी का सम्मान करेंगे.
2 बार एमपी की दिव्यांग टीम का बन चुके हैं हिस्सा: सीहोर के गांव ढाबला केलाबाड़ी के निवासी निखिल मेवाड़ा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. मध्यप्रदेश की दिव्यांग क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा निखिल दो बार नेशनल लेबल की क्रिकेट प्रतियोगिता में आलराउंडर प्रदर्शन कर चुके हैं. इस बार दिव्यांग क्रिकेटर निखिल ने इंडिया दिव्यांग टीम में अपनी जगह बनाई है. अब वे आगामी 16 सितंबर को रांची में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले टी-20 मैच में अपने ऑलराउंड गेम का जलवा बिखेरते नजर आएंगे.
12 साल की उम्र में थामा था बल्ला: परिजनों ने बताया कि मात्र 12 साल की उम्र में गेंद और बल्ला थामने वाले निखिल का बचपन से सीधा पैर दिव्यांग है, लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को ही अपनी ताकत बनाया और क्रिकेट को चुना. उनका यह जुनून ही आज उन्हें इस मुकाम पर लाया है. दिव्यांग क्रिकेटर के तौर पर वे मैदान में अच्छा प्रदर्शन करते है और कई बार अच्छी पारियां खेल चुके हैं. पूर्व में सतना में चार प्रदेशों की टीम के बीच खेले गया टूर्नामेंट हो या हाल ही में 28 फरवरी को खेला गया मैच निखिल ने गेंद और बल्ले से ऑलराउंडर प्रदर्शन करते हुए चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा है.