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साल के पहले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) में क्या है खास: 148 साल बाद शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का अद्भुत संयोग - solar eclipse 2021

दुनिया के कई देशों में दिखाई देने वाली रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा भारत में दिखाई नहीं देगा. भारत सहित मध्यप्रदेश के लोगों को Surya Ghrahan (Solar Eclipse) का यह नजारा देखने के लिए 2022 तक इंतजार करना होगा. जब 1 घंटे से ज्यादा वक्त तक रिंक ऑफ फायर का नजारा दिखाई देगा.

First Solar Eclipse of year
साल का पहला सूर्य ग्रहण
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Published : Jun 8, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 9:41 PM IST

भोपाल। साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लोगों के लिए बड़ी जिज्ञासा जगा रहा है. इस दिन दुनियाभर के देशों में ग्रहण के वक्त सूर्य के आसपास बनने वाली रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा दिखाई देगा. इस दौरान सूरत हीरे की किसी चमकदार अंगूठी की तरह दिखेगा. दुनिया के कई देशों में दिखाई देने वाली रिंग ऑफ फायर भारत में दिखाई नहीं देखी. वहीं मध्यप्रदेश के लोगों को सूर्यग्रहण का नजारा देखने के लिए 2022 तक इंतजार करना होगा.

इन देशों में दिखेगी रिंग ऑफ फायर

  • नासा के मुताबिक ग्रहण के दौरान बनने वाली रिंग ऑफ फॉयर का सबसे शानदार नजारा रूस और कनाडा में देखने को मिलेगा.
  • चंद्रमा का आकार छोटा होने के कारण इसकी घनी छाया पृथ्वी पर केवल कनाडा, ग्रीनलैंड पर पड़ेगी, यहां वलयाकार सूर्यग्रहण या एन्यूलर सोलर इकलिप्स होगा.
  • अमेरिका और ब्रिटेन में यह सूर्यग्रहण आंशिक तौर पर ही दिखाई देगा.
  • स्कॉर्टलैंड में सूर्य का 30 फीसदी हिस्सा और दक्षिणी इंग्लैंड में 20 प्रतिशत हिस्सा ही ढंका हुआ नजर आएगा.
  • अमेरिका के पूर्वी राज्यों में रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा 70 फीसदी तक दिखाई देगा.
  • भारत में 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. इसलिए धार्मिक मान्यता के मुताबिक यहां सूतक काल भी नहीं लगेगा.
  • मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे.

कब बनती है रिंग ऑफ फायर

जब सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से ढक लेती है. इस दौरान चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा होता है. इस वजह से इस दौरान सूर्य का जो हिस्सा दिखाई देता है वह हीरे की किसी अंगूठी के समान नजर आता. इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं. इस सूर्य ग्रहण को वलयकार ग्रहण ( annular eclipse) के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा बिल्कुल पृथ्वी की सीध में होते हैं.

15 दिन के अंतराल पर दूसरा ग्रहण, दुनिया में मच सकती है उथल-पुथल

भारत में दुर्लभ योग लेकिन नहीं दिखेगा ग्रहण

भारत में 10 जून को शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और अमावस्या है. 148 वर्ष के बाद शनि जयंती के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण पड़ रहा है. शनि जयंती के दिन 10 जून को सूर्य और शनि का अद्भुत योग बनेगा. दुर्लभ योग होने के बावजूद भारत में ग्रहण का प्रभाव नहीं दिखाई देगा. इस वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसलिए मंदिरों के कपाट भी इस दौरान खुले रहेंगे.

एमपी वालों को करना होगा 2022 तक इंतजार

10 जून को होने वाली सूर्यग्रहण की यह घटना भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 42 मिनिट पर शुरू होगी और शाम 6 बजकर 41 मिनिट पर समाप्त होगी. यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन यह ग्रहण भारत सहित मध्य प्रदेश में भी नहीं दिखाई देगा. उज्जैन सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सूर्यग्रहण देखने के लिए आपको 25 अक्टूबर 2022 तक इंतजार करना होगा. 25 अक्टूबर 2022 को होने वाले सूर्यग्रहण में रिंग ऑफ फायर का नजारा 1 घंटे से ज्यादा वक्त तक दिखाई देगा.

भोपाल। साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लोगों के लिए बड़ी जिज्ञासा जगा रहा है. इस दिन दुनियाभर के देशों में ग्रहण के वक्त सूर्य के आसपास बनने वाली रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा दिखाई देगा. इस दौरान सूरत हीरे की किसी चमकदार अंगूठी की तरह दिखेगा. दुनिया के कई देशों में दिखाई देने वाली रिंग ऑफ फायर भारत में दिखाई नहीं देखी. वहीं मध्यप्रदेश के लोगों को सूर्यग्रहण का नजारा देखने के लिए 2022 तक इंतजार करना होगा.

इन देशों में दिखेगी रिंग ऑफ फायर

  • नासा के मुताबिक ग्रहण के दौरान बनने वाली रिंग ऑफ फॉयर का सबसे शानदार नजारा रूस और कनाडा में देखने को मिलेगा.
  • चंद्रमा का आकार छोटा होने के कारण इसकी घनी छाया पृथ्वी पर केवल कनाडा, ग्रीनलैंड पर पड़ेगी, यहां वलयाकार सूर्यग्रहण या एन्यूलर सोलर इकलिप्स होगा.
  • अमेरिका और ब्रिटेन में यह सूर्यग्रहण आंशिक तौर पर ही दिखाई देगा.
  • स्कॉर्टलैंड में सूर्य का 30 फीसदी हिस्सा और दक्षिणी इंग्लैंड में 20 प्रतिशत हिस्सा ही ढंका हुआ नजर आएगा.
  • अमेरिका के पूर्वी राज्यों में रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा 70 फीसदी तक दिखाई देगा.
  • भारत में 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. इसलिए धार्मिक मान्यता के मुताबिक यहां सूतक काल भी नहीं लगेगा.
  • मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे.

कब बनती है रिंग ऑफ फायर

जब सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से ढक लेती है. इस दौरान चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा होता है. इस वजह से इस दौरान सूर्य का जो हिस्सा दिखाई देता है वह हीरे की किसी अंगूठी के समान नजर आता. इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं. इस सूर्य ग्रहण को वलयकार ग्रहण ( annular eclipse) के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा बिल्कुल पृथ्वी की सीध में होते हैं.

15 दिन के अंतराल पर दूसरा ग्रहण, दुनिया में मच सकती है उथल-पुथल

भारत में दुर्लभ योग लेकिन नहीं दिखेगा ग्रहण

भारत में 10 जून को शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और अमावस्या है. 148 वर्ष के बाद शनि जयंती के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण पड़ रहा है. शनि जयंती के दिन 10 जून को सूर्य और शनि का अद्भुत योग बनेगा. दुर्लभ योग होने के बावजूद भारत में ग्रहण का प्रभाव नहीं दिखाई देगा. इस वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसलिए मंदिरों के कपाट भी इस दौरान खुले रहेंगे.

एमपी वालों को करना होगा 2022 तक इंतजार

10 जून को होने वाली सूर्यग्रहण की यह घटना भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 42 मिनिट पर शुरू होगी और शाम 6 बजकर 41 मिनिट पर समाप्त होगी. यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन यह ग्रहण भारत सहित मध्य प्रदेश में भी नहीं दिखाई देगा. उज्जैन सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सूर्यग्रहण देखने के लिए आपको 25 अक्टूबर 2022 तक इंतजार करना होगा. 25 अक्टूबर 2022 को होने वाले सूर्यग्रहण में रिंग ऑफ फायर का नजारा 1 घंटे से ज्यादा वक्त तक दिखाई देगा.

Last Updated : Jun 9, 2021, 9:41 PM IST
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