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राजा पेमल शाह पर आधारित नाटक का हुआ मंचन - लेखक नवल शुक्ल

लोक उत्सव लोकरंग 2020 में गोंड समुदाय के सबसे प्रसिद्ध आख्यान गोंडवानी के पहले राजा पेमल शाह के जीवन एवं अवदान पर केंद्रित समवेत नृत्य नाटक की प्रस्तुति रविंद्र भवन भोपाल के खुले मंच पर हुई.

Ravindra Bhavan staged drama based on Raja Peml Shah in Bhopal
राजा पेमलशाह पर आधारित नाटक
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Published : Jan 26, 2020, 10:39 PM IST

भोपाल। गणतंत्र दिवस के मौके पर लोक उत्सव लोकरंग 2020 में गोंड समुदाय के सबसे प्रसिद्ध आख्यान गोंडवानी के पहले राजा पेमलशाह के जीवन और अवदान पर केंद्रित समवेत नृत्य नाटक की प्रस्तुति रविंद्र भवन भोपाल के खुले मंच पर हुई, जिसका दर्शकों ने आनंद लिया और राजा पेमलशाह के बारे में जाना.

राजा पेमलशाह पर आधारित नाटक

इस नाटक में उन्हें शाह के राजा बनने की गाथा को पुरुषार्थ से लबरेज दिखाई गई है. 'बादशाह की दाढ़ी में आंच आदि तथ्य पुरुषार्थ का सिंबॉलिक रूप है आध्यात्मिक और प्राकृतिक शक्तियां इस सृष्टि का संचालन करती है' गोंडो का यह दर्शन ही इस नृत्य नाटिका के कथानक का निर्माण करता है. साथ ही इस गोंडवानी कथानक में जनजातीय कलाकारों और उनके पारंपरिक गीत की धुनों पर संगीत संरचना की गई जिसके लिए गुदुम बाजा बैगा नृत्य बांस गीत छऊ नृत्य जसगीत बधाई सुआ करमा ददरिया नृत्य का संयोजन किया गया था.

इसे नृत्य नाटिका में सूत्रधार की भूमिका मशहूर फिल्म अभिनेता शाहबाज खान ने निभाई और इसका लेखन वरिष्ठ कवि और लेखक नवल शुक्ल ने किया और निर्देशन संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड से सम्मानित रामचंद्र सिंह ने किया और कलाकारों में डिंडौरी, मंड़ला और छत्तिसगढ़ से आए कलाकार शामिल रहे.

भोपाल। गणतंत्र दिवस के मौके पर लोक उत्सव लोकरंग 2020 में गोंड समुदाय के सबसे प्रसिद्ध आख्यान गोंडवानी के पहले राजा पेमलशाह के जीवन और अवदान पर केंद्रित समवेत नृत्य नाटक की प्रस्तुति रविंद्र भवन भोपाल के खुले मंच पर हुई, जिसका दर्शकों ने आनंद लिया और राजा पेमलशाह के बारे में जाना.

राजा पेमलशाह पर आधारित नाटक

इस नाटक में उन्हें शाह के राजा बनने की गाथा को पुरुषार्थ से लबरेज दिखाई गई है. 'बादशाह की दाढ़ी में आंच आदि तथ्य पुरुषार्थ का सिंबॉलिक रूप है आध्यात्मिक और प्राकृतिक शक्तियां इस सृष्टि का संचालन करती है' गोंडो का यह दर्शन ही इस नृत्य नाटिका के कथानक का निर्माण करता है. साथ ही इस गोंडवानी कथानक में जनजातीय कलाकारों और उनके पारंपरिक गीत की धुनों पर संगीत संरचना की गई जिसके लिए गुदुम बाजा बैगा नृत्य बांस गीत छऊ नृत्य जसगीत बधाई सुआ करमा ददरिया नृत्य का संयोजन किया गया था.

इसे नृत्य नाटिका में सूत्रधार की भूमिका मशहूर फिल्म अभिनेता शाहबाज खान ने निभाई और इसका लेखन वरिष्ठ कवि और लेखक नवल शुक्ल ने किया और निर्देशन संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड से सम्मानित रामचंद्र सिंह ने किया और कलाकारों में डिंडौरी, मंड़ला और छत्तिसगढ़ से आए कलाकार शामिल रहे.

Intro:गणतंत्र के लोक उत्सव लोकरंग 2020 में गोंड समुदाय के सबसे प्रसिद्ध आख्यान गोंडवानी के पहले राजा पेमलशाह के जीवन एवं अवदान पर केंद्रित समवेत नृत्य नाटक की प्रस्तुति रविंद्र भवन भोपाल के खुले मंच पर हुई


Body:इस नाटक में केवल शाह के राजा बनने की गाथा को पुरुषार्थ से लबरेज दिखाई गई है पारस पत्थर सत्य का तुंबा भैंस बकरी बेल रूम बादशाह की दाढ़ी में आंच आदि तथ्य पुरुषार्थ का सिंबॉलिक रूप है आध्यात्मिक और प्राकृतिक शक्तियां इस सृष्टि का संचालन करती है गोंडो का यह दर्शन ही इस नृत्य नाटिका के कथानक का निर्माण करता है साथ ही इस गोंडवानी कथानक में जनजातीय कलाकारों और उनके पारंपरिक गीत की धुनों पर संगीत संरचना की गई जिसके लिए गुदुम बाजा बैगा नृत्य बांस गीत छऊ नृत्य जसगीत बधाई सुआ करमा ददरिया नृत्य का संयोजन किया गया था


Conclusion:इसे नृत्य नाटिका में सूत्रधार की भूमिका मशहूर फिल्म अभिनेता शाहबाज खान ने निभाई और इसका लेखन वरिष्ठ कवि और लेखक श्री नवल शुक्ल ने किया और निर्देशन संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड से सम्मानित रामचंद्र सिंह ने किया
बाइट रामचंद्र सिंह निर्देशक
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