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MP में अब डोर-टू-डोर होगा राशन वितरण! बीपीएल फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

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Published : Mar 27, 2022, 3:26 PM IST

प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में अब डोर-टू-डोर राशन वितरण पर विचार किया जा रहा है. इससे फर्जी राशन कार्ड धारियों की पहचान करने में आसान होगी.(Ration will be distributed door-to-door in mp)

Ration will be distributed door-to-door in mp
MP में अब डोर-टू-डोर होगा राशन वितरण

भोपाल। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में अब डोर-टू-डोर राशन वितरण पर विचार किया जा रहा है. इससे फर्जी राशन कार्ड धारियों की पहचान करने में आसान होगी. इसके साथ ही, फर्जी राशन कार्ड पर लगाम लगाने के लिए इसको लेकर कई मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं. प्रदेश में अभी तक करीबन 23 लाख 53 लाख फर्जी राशन कार्डों की पहचान कर उन्हें निरस्त किया गया है. (23 lakh fake BPL card holders in MP)

कितने लोगों को मिल रहा योजना का लाभ: गरीबों का राशन गैर पात्रताधारकों तक पहुंचने के फर्जीवाड़े पर अब तक लगाम नहीं लग पाई है, सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से गरीबी रेखा की सूची में उन्हें ही शामिल किया जाएगा, जिनकी मासिक इनकम 522 रुपए प्रति व्यक्ति से कम होगी. इसके बाद भी प्रदेश की करीब 70 फीसदी आबादी इस दायरे में है. सरकार द्वारा अलग-अलग 28 कैटेगिरी में 4 करोड़ 89 लाख लोगों को हर माह राशन बांटा जाता है. वहीं, प्रदेश में बीपीएल की सूची में 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं.

लंबी प्रक्रिया बाद भी जारी है फर्जीवाड़ा: लोगों का बीपीएल राशन कार्ड बनाने से लेकर इन्हें राशन कार्ड दिए जाने तक कई तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे फर्जी गरीब इन योजनाओं का लाभ न ले सकें.

  • बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड, समग्र आडी, वोटर आईडी और फोटो देना होता है. इसके बाद तहसील कार्यालय द्वारा संबंधित व्यक्ति का फिजीकल वैरीफिकेशन के बाद राशन कार्ड बनाया जाता है.
  • इसके बाद राशन का वितरण संबंधित व्यक्ति को ही किया जा सके, इसके लिए राशन वितरण पीओएस मशीन से किया जाता है. इसके लिए बीपीएल कार्ड धारी को मशीन पर थंब इंप्रेशन देना होता है.
  • बीपीएल कार्ड धारियों को आयुष्मान कार्ड, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ाई का लाभ जैसे कइ सुविधाएं मिलती हैं. कई लोग ऐसी सुविधाओं के लिए सांठगांठ कर बीपीएल कार्ड बनवाते हैं.
  • राज्य सरकार ने तय किया है कि, लगातार तीन माह तक राशन न लेने वालों के नाम बीपीएल की सूची से काट दिए जाएं. इसी तर्ज पर राशन न लेने वालों और शिकायत की जांच के बाद प्रदेश में 23 लाख 53 हजार 760 फर्जी बीपीएल कार्ड धारियों के नाम सूची से काट दिए गए.

सरकार को सुझाव डोर-टू-डोर राशन बांटे: प्रदेश में बीपीएल उपभोक्ताओं को राशन वितरण में गड़बड़ी और फर्जी बीपीएल कार्डधारकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को डोर-टू-डोर राशन वितरण का सुझाव दिया गया है. इससे बीपीएल के फर्जी कार्डधारकों की पहचान आसान होगी. प्रदेश में अभी आदिवासी अंचल के 89 ब्लॉक में डोर-टू-डोर राशन वितरण किया जा रहा है. (Ration will be distributed door-to-door in mp)

सुझाव पर विचार करेगी सरकार: इस पर मंत्रियों ने कहा है कि, राशन वितरण में इलेक्ट्रॉनिक्स व्हीकल का इस्तेमाल किया जाए, पीडीएस ट्रक्स पर जीपीएस लगाया जाए. फर्जी राशन कार्ड पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में फर्जी राशन कार्ड की जांच के लिए सघन अभियान चलाने का सुझाव सरकार को दिया गया है. सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक, प्रदेश में राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, इसको लेकर जो भी सुझाव आएंगे उस पर सरकार विचार करेगी.

भोपाल। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में अब डोर-टू-डोर राशन वितरण पर विचार किया जा रहा है. इससे फर्जी राशन कार्ड धारियों की पहचान करने में आसान होगी. इसके साथ ही, फर्जी राशन कार्ड पर लगाम लगाने के लिए इसको लेकर कई मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं. प्रदेश में अभी तक करीबन 23 लाख 53 लाख फर्जी राशन कार्डों की पहचान कर उन्हें निरस्त किया गया है. (23 lakh fake BPL card holders in MP)

कितने लोगों को मिल रहा योजना का लाभ: गरीबों का राशन गैर पात्रताधारकों तक पहुंचने के फर्जीवाड़े पर अब तक लगाम नहीं लग पाई है, सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से गरीबी रेखा की सूची में उन्हें ही शामिल किया जाएगा, जिनकी मासिक इनकम 522 रुपए प्रति व्यक्ति से कम होगी. इसके बाद भी प्रदेश की करीब 70 फीसदी आबादी इस दायरे में है. सरकार द्वारा अलग-अलग 28 कैटेगिरी में 4 करोड़ 89 लाख लोगों को हर माह राशन बांटा जाता है. वहीं, प्रदेश में बीपीएल की सूची में 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं.

लंबी प्रक्रिया बाद भी जारी है फर्जीवाड़ा: लोगों का बीपीएल राशन कार्ड बनाने से लेकर इन्हें राशन कार्ड दिए जाने तक कई तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे फर्जी गरीब इन योजनाओं का लाभ न ले सकें.

  • बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड, समग्र आडी, वोटर आईडी और फोटो देना होता है. इसके बाद तहसील कार्यालय द्वारा संबंधित व्यक्ति का फिजीकल वैरीफिकेशन के बाद राशन कार्ड बनाया जाता है.
  • इसके बाद राशन का वितरण संबंधित व्यक्ति को ही किया जा सके, इसके लिए राशन वितरण पीओएस मशीन से किया जाता है. इसके लिए बीपीएल कार्ड धारी को मशीन पर थंब इंप्रेशन देना होता है.
  • बीपीएल कार्ड धारियों को आयुष्मान कार्ड, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ाई का लाभ जैसे कइ सुविधाएं मिलती हैं. कई लोग ऐसी सुविधाओं के लिए सांठगांठ कर बीपीएल कार्ड बनवाते हैं.
  • राज्य सरकार ने तय किया है कि, लगातार तीन माह तक राशन न लेने वालों के नाम बीपीएल की सूची से काट दिए जाएं. इसी तर्ज पर राशन न लेने वालों और शिकायत की जांच के बाद प्रदेश में 23 लाख 53 हजार 760 फर्जी बीपीएल कार्ड धारियों के नाम सूची से काट दिए गए.

सरकार को सुझाव डोर-टू-डोर राशन बांटे: प्रदेश में बीपीएल उपभोक्ताओं को राशन वितरण में गड़बड़ी और फर्जी बीपीएल कार्डधारकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को डोर-टू-डोर राशन वितरण का सुझाव दिया गया है. इससे बीपीएल के फर्जी कार्डधारकों की पहचान आसान होगी. प्रदेश में अभी आदिवासी अंचल के 89 ब्लॉक में डोर-टू-डोर राशन वितरण किया जा रहा है. (Ration will be distributed door-to-door in mp)

सुझाव पर विचार करेगी सरकार: इस पर मंत्रियों ने कहा है कि, राशन वितरण में इलेक्ट्रॉनिक्स व्हीकल का इस्तेमाल किया जाए, पीडीएस ट्रक्स पर जीपीएस लगाया जाए. फर्जी राशन कार्ड पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में फर्जी राशन कार्ड की जांच के लिए सघन अभियान चलाने का सुझाव सरकार को दिया गया है. सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक, प्रदेश में राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, इसको लेकर जो भी सुझाव आएंगे उस पर सरकार विचार करेगी.

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