रीवा। त्योंथर तहसील के 3 गांव सोहागी, मझगवां और पूर्वा को एक सर्वे के आधार पर डायमंड ब्लॉक चिन्हित किया गया है. जिसकी वजह से अब रीवा की धरती भी हीरा उगलेगी इसके लिए खनन भी अनिवार्य होगा, लेकिन बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इस पर चिन्हित हुए डायमंड ब्लॉक पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है, क्योंकि सतना के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने राम वन गमन पथ परियोजना को पूरा करने के लिए उस क्षेत्र में हो रहे खनन पर रोक लगाने सीएम को पत्र लिखा है. ऐसे में राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट में शामिल इस क्षेत्र में खनन पर रोक लगाने की मांग जोर शोर से उठाई है. इसके लिए उन्होंने सीएम को चिट्ठी लिखकर खनन पर तत्काल रोक लगाने का अल्टीमेटम भी दे दिया है. विरोध के साथ यह राजनीतिक मुद्दा बन गया है. विंध्य क्षेत्र के बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक इसको लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं।
भगवान राम ने यहीं ली थी पहली प्रतिज्ञा: विंध्य क्षेत्र स्थित सिद्धा पहाड का धार्मिंक और पौराणिक महत्व है. भगवान राम के 14 साल के वनवास की यात्रा पर अनुसंधान करने वालों ने ऐसे 200 स्थानों का पता लगाया था जहां भगवान श्रीराम रुके थे. इसमें मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट को उनका दूसरा पडाव माना गया. पौराणिक कथाओं के अनुसार सतना जिले के बिरसिंहपुर क्षेत्र के इस सिद्धा पहाड़ पर भगवान श्रीराम ने निशाचरों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा ली थी. रामचरित मानस के अरण्य कांड में इसका उल्लेख है कि जब भगवान रात चित्रकूट से आगे बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला, यह पहाड ऋषि मुनियों की अस्थियों से बना था. यहां राक्षसों ने ऋषि मुनियों को मारा, जिनकी अस्थियों यह पहाड़ बन गया. यहीं भगवान श्रीराम ने राक्षसों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा की थी. जिसका रामचरित मानस के अरण्यकांड में उल्लेख भी है.
निसिचर हीन करउं महि, भुज उठा पन कीन्ह।
सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाइ जाइ सुख दीन्ह।।
जिस रास्ते से गुजरे राम वहां खनन की तैयारी: पौराणिक मान्यता के अनुसार त्रेता युग में भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था. इस दौरान अयोध्या से चित्रकूट की यात्रा के दौरान भगवान राम रीवा जिले के तराई क्षेत्रों से होकर गुजरे थे. इस रास्ते में रीवा के तराई क्षेत्र में शामिल सोहागी, मझगवां सहित कई अन्य गांव आते हैं. इन इलाकों को लेकर सरकार के द्वारा राम वन गमन पथ परियोजना की शुरुआत की गई. इसमें जिस रास्ते से राम गुजरे उसे वन गमन पथ बनाया जाएगा. अब शासन की नीतियों के चलते उन्हीं चिन्हित स्थानों पर किसी न किसी वस्तु का खनन किया जाता है जिसको लेकर अब सतना जिले के मैहर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राम वन गमन पथ परियोजना को पलीता ना लगे इसके लिए सरकार को यहां खनन को रोकना होगा. त्रिपाठी ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर तत्काल खनन नहीं रोका गया तो वे बड़ा जन आदोलन करेंगे और यात्रा निकालेंगे.
रोक लगने पर डायमंड ब्लॉक होगा प्रभावित: सतना जिले के चित्रकूट स्थित सिद्धा पहाड़ में हो रहे अवैध खनन को रोकने को लेकर मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने राम वन गमन पथ में शामिल सभी इलाकों में खनन पर तत्काल रोक लगाए जाने का अल्टीमेटम भी दिया है. ऐसे में सरकार के सामने परेशानी यह है कि खनन पर रोक लगाई जाएगी तो रीवा जिले मैं चिन्हित किए गए डायमंड ब्लॉक भी इससे प्रभावित होगा. साथ ही रीवा के लोगों का यह सपना भी केवल सपना ही रह जाएगा कि रीवा की धरती भी सोना उगलेगी. पर भी खासा प्रभाव पड़ेगा और रीवा की धरती हीरा उगलेगी का सपना केवल सपना ही रह जाएगा.
सड़कों पर उतरेंगे नारायण त्रिपाठी: प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों के ही खिलाफ खड़े होने वाले मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपने तर्क रखे हैं.
- राम वन गमन पथ पर हो रहे खनन के चलते योजना पूरी नहीं हो पाएगी.
- इस पर सरकार रोक नहीं लगाती है तो वह खुद विरोध करते हुए वन गमन पथ यात्रा करेंगे और खनन पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे.
- सरकार ने अगर तत्काल इस क्षेत्र को खनन मुक्त घोषित नहीं किया तो वे सतना से सरभंगा आश्रम सिद्धा पहाड़ तक पदयात्रा कर इसका विरोध करेंगे.
ये पहला मौका नहीं है कि जब नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हो, इससे पहले भी अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं. बीजेपी में आने से पहले नारायण त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल थे, लेकिन उस दौरान भी कमलनाथ सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके हैं.
विरोध में समाजसेवी भी: बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी के बाद रीवा के समाज सेवी बीके माला ने भी सरकार की नीतियों का विरोध किया है. समाज सेवी बीके माला ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा की जिस एजेंडे को लेकर केंद्र और राज्य में सरकार बनाई गई वही सरकार भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को नष्ट करने की योजना बना रही है.रीवा जिले के जिस पहाड़ पर भगवान ने कुछ समय बिताया था. अब उसी मार्ग पर पड़ने वाले सोहागी, मझगवां और पूर्वा में हीरे का की खोज गई है. हीरा खोजने के लिए उत्खनन की तैयारी की जा रही है. समाजसेवी बीके माला कहते हैं कि हम इस खनन का पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे.