भोपाल/नई दिल्ली। रेल मंत्रालय अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए अब कर्मचारियों को कम्युनिकेशन ट्रेनिंग दे रहा है. फ्रंटलाइन विंडो एवं प्लेटफार्म पर काम करने वाले इन कर्मचारियों, जिनका सीधा कनेक्शन रेल में सफर करने वाले यात्रियों एवं रिजर्वेशन कराने आने वाले नागरिकों से होता है, उन्हें शिष्टाचार, धैर्य और अच्छे बर्ताव के गुर सिखाए जाएंगे. भारतीय रेलवे बदलते वक्त के अनुसार खुद को ढ़ालने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में विभाग पिछले कुछ समय से मिशन रेल कर्मयोगी ट्रेनिंग पर खास फोकस कर रहा है.
यात्रियों को सुखद अहसास मकसद: रेलवे का मानना है कि इसके कर्मचारी सीधे यात्रियों और आम जनता के संपर्क में होते हैं. इसलिए उनके काम के तरीके में उच्च मानक होना जरूरी है. रेलवे को उम्मीद है कि इस ट्रेनिंग के जरिए यात्रियों के उसके प्रति नजरिए में और सुधार लाया जा सकता है और रेल यात्रा करने वाले लोगों के सफर के आनंद को और बेहतर बनाया जा सकता है. इस ट्रेनिंग में मानवीय पहलुओं पर फोकस किया जा रहा है, ताकि रेल कर्मचारी जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें. धैर्य से उनकी बातें सुनें और किसी तरह की दिक्कत हो तो उसका समाधान करने की कोशिश करें, ताकि यात्रियों को सुखद यात्रा का अहसास मिल सके.
कई जगहों पर ट्रेनिंग आयोजित: भारतीय रेलवे ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को रेल कर्मयोगी ट्रेनिंग देने की शुरूआत कर दी है. इसी कड़ी में बिलासपुर, रायपुर, नागपुर, भोपाल, सियालदह, इटारसी, भुवनेश्वर, पलक्कड और बेंगलुरु समेत देश में कई जगहों पर ट्रेनिंग आयोजित की गई है. उत्तर रेलवे के फिरोजपुर मंडल की ओर से मिशन कर्मयोगी अभियान के तहत इरिटेम लखनऊ (इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट) में आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. मिशन रेल कर्मयोगी का मकसद कर्मचारियों को उनके काम के प्रति ईमानदार बनाने और यात्रियों से अच्छा बर्ताव करने के साथ-साथ उनकी परेशानियों का निदान करना है. प्रथम चरण में स्टेशन मास्टर, टीटीई और कामर्शियल क्लर्क को प्रशिक्षण दिया गया, इसके बाद अन्य कर्मचारियों को भी ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जबलपुर: वाराणसी से समस्तीपुर जा रही ट्रेन के जनरेटर कोच में लगी आग, मचा हड़कंप
रेलवे की दशा और दिशा बदलने में सहायक: इस ट्रेनिंग के बाद ट्रेन के अंदर यात्री के घायल होने पर अब टीटी व रेल कर्मचारी प्रारंभिक इलाज तक करेंगे. रेलवे स्टेशन पर टिकट बनवाने, पेमेंट के तरीके बताने, सही प्लेटफार्म नंबर और ट्रेन की लोकेशन बताने में मदद करेंगे. ऑनलाइन पेमेंट और टिकट बनाने में मदद करेंगे. इसी तरह से एसी और पानी जैसी दिक्कत होने पर यात्रियों के शिकायत करते ही अन्य कर्मचारी ठीक करने की कोशिश करेंगे. यात्रियों को अपने मृदुल व्यवहार से अपनत्व का भाव देंगे, उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रशिक्षित कर्मयोगी रेलवे की दशा और दिशा बदलने में सहायक होंगे.
दक्षिण मध्य रेलवे के डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने कहा है कि यह ट्रेनिंग कैंप उन्हें अपनी ड्यूटी प्रभावी तरीके से करने, आम जनता को बेहतर सेवा देने और लोगों के बीच रेलवे की छवि उन्नत करने के लिए है. ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर अनुभव हो सके.
इनपुट - आईएएनएस