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Bharat Jodo Yatra मध्य प्रदेश में 16 दिन रहेंगे राहुल गांधी, करेंगे 382 किलोमीटर यात्रा, क्या मालवा-निमाड से छिनेगी बीजेपी की जमीन

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में करीबन एक साल का वक्त है, इसके पहले मालवा-निमाड से गुजरने वाली राहुल गांधी की यात्रा कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का काम करेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड में बड़ी बढ़त हासिल की थी, ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की यह यात्रा बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकती है. Bharat Jodo Yatra ,rahul gandhi Yatra, rahul gandhi IN MP

Bharat Jodo Yatra
एमपी मिशन 2023
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Published : Sep 6, 2022, 10:03 PM IST

भोपाल। देश में अपनी खोई जमीन फिर से पाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक की इस यात्रा में राहुल गांधी सिर्फ एक राज्य को छोड़ बाकी उन सभी राज्यों से गुजरेंगे जहां कांग्रेस अपनी जमीन पूरी तरह से खो चुकी है. इनमें एक राज्य मध्यप्रदेश भी है.मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में करीबन एक साल का वक्त है, इसके पहले मालवा-निमाड से गुजरने वाली राहुल गांधी की यात्रा कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का काम करेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड में बड़ी बढ़त हासिल की थी, ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की यह यात्रा बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकती है.

16 दिन और 382 किलोमीटर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से मध्यप्रदेश में करीब 24 नवंबर को दाखिल होगी. इसके बाद राहुल गांधी बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा से गुजरेंगे. इन छह जिलों में कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर टक्कर दी थी. इन छह जिलों की 30 सीटों में से 15 पर बीजेपी और 13 पर कांग्रेस के पास हैं, जबकि 2 सीटें कांग्रेस समर्थित निर्दलीय के पास हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो ऐसे में राहुल गांधी की यह यात्रा इन क्षेत्रों में कांग्रेस की पकड़ को और मजबूत कर सकती है. राहुल मध्यप्रदेश में 16 दिन में 382 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. इस दौरान वे लोगों से सीधा संवाद भी करेंगे. बाबा महाकाल के दर्शन करने के साथ ही नर्मदा स्नान भी करेंगे. इसके बाद उज्जैन में एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगे.

राहुल गांधी की नर्मदा में डुबकी क्या 2023 में फिर बदलेगी सियासत का सीन, जानें MP में भारत जोड़ो यात्रा का क्या है कांग्रेस का एजेंडा

मालवा-निमाड से पिछड़ने पर गई थी बीजेपी की सत्ता: राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. मालवा निमाड क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी के इस गढ़ में जमकर सेंध लगाने में कामयाब रही और सत्ता की चाबी पाने में कांग्रेस सफल साबित हुई. बीजेपी को 2018 में सिर्फ 28 सीटें ही मिल सकी थीं, जबकि 2013 के चुनाव में बीजेपी को यहां 57 सीटें आई थीं. यही वजह है कि बीजेपी भी मालवा-निमाड में सक्रिय हो गई है. राजनीतिक विश्लेषक सुशील शर्मा के मुताबिक बीजेपी ने पिछले चुनाव के नतीजों से सबक लिया है और वह इस बार जमीनी स्तर पर अपनी तैयारियों को मजबूत करने में जुट गई है, हालांकि बीजेपी नेता राहुल गांधी की यात्रा पर चुटकी लेते हुए कह रहे हैं कि राहुल गांधी की यात्रा किलोमीटर में नहीं लीटर में होगी. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक चुनाव आते ही वे चुनावी हिंदू बन जाते हैं, कई लुभावनी घोषणाएं करने लगते हैं, लेकिन कांग्रेस का हश्र जनता देख चुकी है.

कांग्रेस को 2018 जैसी उम्मीद: 2018 के चुनाव के बाद हुए दलबदल और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता अब बीजेपी में जा चुके हैं. हालांकि कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ा है. वर्मा मानते हैं कि मालवा इलाके में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ जैसे कई नेताओं का अच्छा प्रभाव है. वे यह भी दावा करते हैं कि राहुल गांधी की यात्रा से बीजेपी की बाकी सीटें भी जाने वाली हैं.

भोपाल। देश में अपनी खोई जमीन फिर से पाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक की इस यात्रा में राहुल गांधी सिर्फ एक राज्य को छोड़ बाकी उन सभी राज्यों से गुजरेंगे जहां कांग्रेस अपनी जमीन पूरी तरह से खो चुकी है. इनमें एक राज्य मध्यप्रदेश भी है.मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में करीबन एक साल का वक्त है, इसके पहले मालवा-निमाड से गुजरने वाली राहुल गांधी की यात्रा कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का काम करेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड में बड़ी बढ़त हासिल की थी, ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की यह यात्रा बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकती है.

16 दिन और 382 किलोमीटर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से मध्यप्रदेश में करीब 24 नवंबर को दाखिल होगी. इसके बाद राहुल गांधी बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा से गुजरेंगे. इन छह जिलों में कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर टक्कर दी थी. इन छह जिलों की 30 सीटों में से 15 पर बीजेपी और 13 पर कांग्रेस के पास हैं, जबकि 2 सीटें कांग्रेस समर्थित निर्दलीय के पास हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो ऐसे में राहुल गांधी की यह यात्रा इन क्षेत्रों में कांग्रेस की पकड़ को और मजबूत कर सकती है. राहुल मध्यप्रदेश में 16 दिन में 382 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. इस दौरान वे लोगों से सीधा संवाद भी करेंगे. बाबा महाकाल के दर्शन करने के साथ ही नर्मदा स्नान भी करेंगे. इसके बाद उज्जैन में एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगे.

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मालवा-निमाड से पिछड़ने पर गई थी बीजेपी की सत्ता: राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. मालवा निमाड क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी के इस गढ़ में जमकर सेंध लगाने में कामयाब रही और सत्ता की चाबी पाने में कांग्रेस सफल साबित हुई. बीजेपी को 2018 में सिर्फ 28 सीटें ही मिल सकी थीं, जबकि 2013 के चुनाव में बीजेपी को यहां 57 सीटें आई थीं. यही वजह है कि बीजेपी भी मालवा-निमाड में सक्रिय हो गई है. राजनीतिक विश्लेषक सुशील शर्मा के मुताबिक बीजेपी ने पिछले चुनाव के नतीजों से सबक लिया है और वह इस बार जमीनी स्तर पर अपनी तैयारियों को मजबूत करने में जुट गई है, हालांकि बीजेपी नेता राहुल गांधी की यात्रा पर चुटकी लेते हुए कह रहे हैं कि राहुल गांधी की यात्रा किलोमीटर में नहीं लीटर में होगी. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक चुनाव आते ही वे चुनावी हिंदू बन जाते हैं, कई लुभावनी घोषणाएं करने लगते हैं, लेकिन कांग्रेस का हश्र जनता देख चुकी है.

कांग्रेस को 2018 जैसी उम्मीद: 2018 के चुनाव के बाद हुए दलबदल और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता अब बीजेपी में जा चुके हैं. हालांकि कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ा है. वर्मा मानते हैं कि मालवा इलाके में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ जैसे कई नेताओं का अच्छा प्रभाव है. वे यह भी दावा करते हैं कि राहुल गांधी की यात्रा से बीजेपी की बाकी सीटें भी जाने वाली हैं.

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