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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास लावारिस 16,597 करोड़ रुपये - reserve Bank of India

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास 16,597 करोड़ रुपये लावारिस हालत में पड़े हैं, इस राशि पर किसी ने अब तक दावा नहीं किया है, इसकी जानकारी बैंक ने संसद में दी है.

Rs 16,597 crore unclaimed with banks
बैंकों के पास लावारिस 16,597 करोड़ रुपये
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Published : Jul 28, 2021, 9:54 AM IST

भोपाल। देशभर में सरकारी बैंकों के पास 16,596.90 करोड़ रुपये की बिना दावा वाली जमा राशि है, मंगलवार को संसद को इसकी जानकारी दी गई, दावा न की गई जमा राशि वे जमाराशियां हैं, जहां कम से कम 10 वर्षों की अवधि के लिए आय या परिपक्वता राशि का दावा नहीं किया गया है.

वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड द्वारा राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में दावा न किए गए जमा 5.47 करोड़ से अधिक खातों में फैले हुए हैं.

दिसंबर 2020 तक निजी बैंकों में दावा न की गई जमा राशि 88.67 लाख खातों में 2,963.54 करोड़ रुपये थी.

आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास कुल 3,577.56 करोड़ रुपये की लावारिस जमा राशि मौजूद थी.

2020 तक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में इस तरह की जमा राशि 601.15 करोड़ रुपये थी.

विदेशी बैंकों के पास 612.33 करोड़ रुपये की जमा अनक्लेम्ड जमा है.

Reality Check: मंदसौर में जहरीली शराब ने ली 11 जान, सरकारी फाइल में सिर्फ चार मौत

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए, मंत्री ने कहा कि 2020 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में लावारिस जमा की कुल राशि 24,356.41 करोड़ रुपये थी. कराड ने कहा, जमाकर्ताओं द्वारा बैंकों से अपनी जमा राशि का दावा नहीं किए जाने के कारण वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में लावारिस जमा में 5,977 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों को बिना दावा जमा या निष्क्रिय खातों के खाताधारकों के ठिकाने का पता लगाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है.

आईएएनएस

भोपाल। देशभर में सरकारी बैंकों के पास 16,596.90 करोड़ रुपये की बिना दावा वाली जमा राशि है, मंगलवार को संसद को इसकी जानकारी दी गई, दावा न की गई जमा राशि वे जमाराशियां हैं, जहां कम से कम 10 वर्षों की अवधि के लिए आय या परिपक्वता राशि का दावा नहीं किया गया है.

वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड द्वारा राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में दावा न किए गए जमा 5.47 करोड़ से अधिक खातों में फैले हुए हैं.

दिसंबर 2020 तक निजी बैंकों में दावा न की गई जमा राशि 88.67 लाख खातों में 2,963.54 करोड़ रुपये थी.

आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास कुल 3,577.56 करोड़ रुपये की लावारिस जमा राशि मौजूद थी.

2020 तक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में इस तरह की जमा राशि 601.15 करोड़ रुपये थी.

विदेशी बैंकों के पास 612.33 करोड़ रुपये की जमा अनक्लेम्ड जमा है.

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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए, मंत्री ने कहा कि 2020 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में लावारिस जमा की कुल राशि 24,356.41 करोड़ रुपये थी. कराड ने कहा, जमाकर्ताओं द्वारा बैंकों से अपनी जमा राशि का दावा नहीं किए जाने के कारण वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में लावारिस जमा में 5,977 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों को बिना दावा जमा या निष्क्रिय खातों के खाताधारकों के ठिकाने का पता लगाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है.

आईएएनएस

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