पन्ना। बाघ से कुत्तों को खतरा होना यह तो आम बात है, लेकिन यह सुनकर आप भी चौंक जाएंगे कि कुत्ते बाघों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं.देश में टाइगर (protect tiger) को कुत्तों से खतरा पैदा हो गया है. इसी खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने देश के सभी टाइगर रिजर्व के लिए स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) जारी किया है. जिसमें टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में रह रहे आवारा कुत्तों का टीकाकरण और बधियाकरण करने समेत कई निर्देश दिए गए हैं. बाघों को कुत्तों से सीधे तौर पर तो कोई खतरा नहीं है , लेकिन केनाइन डिस्टेम्पर डिजीज (canine distemper virus) नामक वायरस जो कुत्तों से फैलता है (disease spread from dog) यह बाघों को भी अपनी चपेट में ले सकता है.
बाघों में वायरस फैलने का खतरा
कुत्तों में एक वायरस के जरिए फैलने वाली बीमारी केनाइन डिस्टेम्पर डिजीज से बाघों को खतरा है. यह बीमारी कुत्तों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) से फैसती है. यह बीमारी बाघों के लिए भी खतरा बन सकती है. यह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर ये टाइगर रिजर्व में फैल जाए तो बाघों के संरक्षण पर गंभीर असर पड़ सकता है. कुत्तों से बाघ तक बीमारी पहुंचने के मामले काफी पहले सामने आ चुके हैं. एमपी के पन्ना नेशनल पार्क में कुत्तों से पहुंची इस बीमारी के चलते पहले 1 बाघ की मौत भी हो चुकी है.
NTCA ने जारी किए निर्देश
देश में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए बनायी गई एनटीसीए ने टाइगर रिजर्व के आसपास रह रहे कुत्तों से बाघों की जान को खतरा बताया है. इसे लेकर उसने सभी टाइगर रिजर्व को निर्देश जारी किए हैं. निर्देश जारी किए जाने के पीछ 3 प्रमुख वजहें बताईं जा रही हैं.
- जिसमें कुत्तों से टाइगर और अन्य वन्यजीवों में गंभीर बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है.
- कुत्तों के अपनी नस्ल के जंगली जानवरों से प्रजनन का खतरा भी है.
- पहले भी कुछ बाघों को चिन्हित किया गया है जो कुत्तों से फैलने वाले वायरस पाया गया.
- पहले भी इस वायरस को बाघों में देखा गया है.
- पन्ना टाइगर रिजर्व के एरिया ऑफिसर का कहना है कि डेट बाई डेट हम बफर क्षेत्र के आस-पास के गांवो में पाए जाने वाले कुत्तों का टीकाकरण कर रहे हैं.
- पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आने वाले गावों में रहने वाले कुत्तों का टीकाकरण और बधियाकरण का काम 1 महीने में पूरा कर लिया जाएगा.