भोपाल। आजाद भारत के बाद ये पहला मौका है जब मजबूर होकर मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. राजधानी भोपाल के बाईपास से होकर हजारों की संख्या में हर दिन मजदूर अपने घरों की तरफ जा रहे हैं. कोई बाइक से, कोई ऑटो से तो कोई ट्रकों में बैठकर किसी तरह अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद में जुटा है. ईटीवी भारत ने जब इन मजदूरों से बात की तो उनका दर्द झलक आया.
मुंबई के नाला सोपारा में काम करने वाले देवीलाल ने बताया कि वो अपनी शॉप डाउन बंद होने से अपने 45 साथियों के साथ 90 हजार रुपए का भाड़ा देकर उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के लिए लौट रहे हैं. तो कुछ मजदूर पैदल ही अपने घर का सफर तय कर रहे हैं. उन्ही में से एक मजदूर रामकिशन ने बताया कि उसके पास इतना भी पैसा नहीं था कि वो ट्रक का भाड़ा दे सकें, इसलिए पैदल ही पुणे से उत्तर प्रदेश के लिए 1400 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं.
मुंबई में ऑटो चलाने वाले महिंद्र, ऑटो से ही परिवार के साथ लौट रहे हैं. महेंद्र कहते हैं कि पिछले 2 महीने से गाड़ी के पहिए थमे हुए थे, जब सबकुछ ठीक हो जाएगा तभी लौटेंगे. फिलहाल तो घर पहुंचना ही उनकी मंजिल है. इसी तरह कई मजदूर अपने-अपने सफर पर चल रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों के लिए चली बसें
हालांकि प्रवासी यात्रियों के काफिले को देखते हुए राज्य सरकार ने 14 रूटों पर 375 बसें चलाई हैं. महाराष्ट्र की सीमा और प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से इन मजदूरों को बसों में बैठाकर उत्तर प्रदेश की सीमा तक छोड़ा जा रहा है. राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को ऐसे प्रवासी यात्रियों के लिए बसों और खाने-पीने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. ताकि उन्हें उनके घरों तक भेजा जा सके.
मदद के लिए बढ़े हाथ
अपने घरों की तरफ जा रहे इन मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश के हाइवे से गुजरने वाले हजारों की संख्या में प्रवासी यात्रियों की मदद के लिए कई लोग और संस्थाएं आगे आई हैं. जो जगह-जगह प्रवासी मजदूरों और लोगों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहे हैं. ताकि लंबी यात्रा के दौरान ये मजदूर भूखे ना रहें.
मध्य प्रदेश में लौटे सवा 2 लाख मजदूर
दूसरे राज्यों में फंसे मध्य प्रदेश के सवा 2 लाख से भी ज्यादा मजदूर अब तक अपने घर वापस लौट चुके हैं. इन मजदूरों को लाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष ट्रेन चलाई है.इन मजदूरों में से 60 हजार मजदूर ट्रेन से सड़क मार्ग से, एक लाख 74 हज़ार मजदूरों की अब तक घर वापसी हो चुकी है. मध्य प्रदेश में भी तक 50 ट्रेन आ चुकी है. जबकि 71 ट्रेनों को की जानकारी और भेजी गई है.