भोपाल। यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी का (priyanka gandhi ladki hu lad salti hu campaign) नारा 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' पर एमपी में भी सियासी बवाल शुरू हो गया है.बीजेपी ने कांग्रेस महासचिव के इस बयान पर तंज कसा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि ये लड़ना, लड़ाना कांग्रेस की परंपरा है. लड़कियों को लड़ने की नहीं बल्कि पढ़ने की जरूरत है. वीडी शर्मा ने पार्टी की तरफ से नया नारा (bjp answer ladki hu pad sakti hu)बेटी हूं पढ़ सकती हूं भी दिया.
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लोगों में फूट डालने की कांग्रेस की पुरानी आदत है, इसलिये वो लड़कियों को लड़वाने की बात करते हैं। भाजपा लड़कियों को पढ़ाने की बात करती है।
— VD Sharma (@vdsharmabjp) January 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लड़की हूँ लड़ सकती हूँ : ×
लड़की हूँ पढ़ सकती हूँ : ✓ pic.twitter.com/jmGCflxX9J
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लड़की हूँ पढ़ सकती हूँ : ✓ pic.twitter.com/jmGCflxX9Jलोगों में फूट डालने की कांग्रेस की पुरानी आदत है, इसलिये वो लड़कियों को लड़वाने की बात करते हैं। भाजपा लड़कियों को पढ़ाने की बात करती है।
— VD Sharma (@vdsharmabjp) January 17, 2022
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बीजेपी ने निकाली प्रियंका के नारे की काट
चुनाव आते ही सियासी पार्टियों को आधी आबादी यानि महिला मतदाताओं की याद आने लगी है. उन्हें लुभाने के लिए नए नए नारे भी गढ़े जा रहे हैं. प्रियंका गांधी ने नारा दिया 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' तो वही बीजेपी ने इसका तोड़ निकालते हुए कहा कि लड़कियों को राजनीति का हथियार बनाने के नहीं बल्कि उन्हें शिक्षित बनाए जाने की ज्यादा जरूरत है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश और समाज को बांटने का काम किया. कांग्रेस आज भी डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी अपना रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों को पढ़ाई का मौका दिया. यही वजह है कि बीजेपी मानती है की लड़कियों को राजनीतिक मैदान मारना नहीं बल्कि उससे पहले पढ़ाई में मैदान मारने की जरूरत है. बीजेपी ने कांग्रेस के स्लोगन के जवाब में अपना स्लोगन 'बेटी हूं पढ़ सकती हूं'
सिर्फ वोट हथियाने की पॉलिटिक्स?
देश की आधी आबादी यानी कि महिलाओं को लेकर सियासी पार्टियां उनकी सियासी मैदान में भूमिका को लेकर वादे और बातें तो बड़ी-बड़ी करती हैं, लेकिन उनका वोट हथियाने के बाद उनसे किनारा करने से भी नहीं चूकतीं. हकीकत भी कुछ ऐसी है.
- 2018 में बीजेपी ने 230 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 24 सीटों पर ही महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था.
- कांग्रेस ने बीजेपी से कुछ आगे रहते हुए 28 महिलाओं को चुनाव में टिकट दिया था.
- दोनों ही पार्टियों से महिला उम्मीदवारों को दिए गए टिकट का प्रतिशत निकालें तो कांग्रेस ने 12% और बीजेपी ने 10 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए.
-शिवराज के मंत्रिमंडल में 34 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं, लेकिन इनमें से महिला मंत्रियों के संख्या महज 4 है.
कांग्रेस का पलटवार, वीडी की तो बीजेपी में लॉटरी लगी है
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दिए गए नारे 'बेटी हूं पढ़ सकती हूं' को कांग्रेस ने चुटकुला बताया है. वीडी शर्मा पर हमलावर होते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बीजेपी में वीडी की लॉटरी लगी है. वे पहली बार सांसद बने और फिर सीधे प्रदेश अध्यक्ष. जिससे वीडी की बुद्धि काम नहीं करपा रही है. सलूजा ने कहा कि प्रियंका गांधी का नारा लड़की हूं ,लड़ सकती हूं का मतलब है कि उन्हें राजनीतिक मैदान में पर्याप्त टिकट दिया जाना चाहिए. महिलाओं को भी बारबर का हक मिले कांग्रेस इसका समर्थन ही नहीं करती बल्कि उसने यह कर दिखाया है. सलूजा ने कहा कि बीजेपी लड़कियों और महिलाओं को भ्रमित करने का काम कर रही है.
आंकड़ो से यह तो साफ है कि चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस दोनों ही दल महिलाओं या फिर लड़कियों पर सियासत के मैदान में जीत हासिल करने को लेकर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं, लेकिन फिलहाल प्रियंका गांधी का नारा बीजेपी पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि बीजेपी के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है इसलिए पार्टी ने नारे के बदले में नया नारा गढ़ कर इस मुकाबले को बराबर करने की कोशिश की है.