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जनजातीय संग्रहालय में हुई गीत रामायण की प्रस्तुति, अभय मानके और साथी कलाकारों ने बांधा सुर - Tribal Museum bhopal

मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के दूसरे दिन अभय मानके और साथी कलाकारों की गीत रामायण की प्रस्तुति दी गई. पढ़िए पूरी खबर..

Presentation of the song Ramayana
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय
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Published : Sep 30, 2020, 10:14 PM IST

भोपाल। संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के दूसरे दिन मराठी अकादमी द्वारा अभय मानके और साथी कलाकारों की गीत रामायण की प्रस्तुति का आयोजन किया गया. गीत रामायण मराठी भाषा का संगीत काव्य है, जिसकी रचना मराठी कवि गजानंद दिगंबर मांडू ने की है. अभय मानके ने हिंदी में गीत रामायण के गायन देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर किए हैं.

जनजातीय संग्रहालय में हुई गीत रामायण की प्रस्तुति

मानके गीत रामायण के विशेष प्रस्तोता के रूप में हैं. उन्होंने देश-विदेश में मराठी और हिंदी गीत रामायण के 3556 का कार्यक्रम अभी तक संपन्न किए गए हैं. जिसमें वर्ल्ड रामायण कान्फ्रेंस मारीशस रामायण सेंटर प्रमुख है.

जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में राग मांड में राम जन्म राग, सीता स्वयंवर राग, तोड़ी में राम वन गमन एवं मिश्रित रागों में केवट प्रसंग सेतु बंधन राज्य अभिषेक आदि प्रसंगों को पूरी दक्षता से गाया गया.

राग भैरवी में गीत के साथ गायन कर कार्यक्रम का समापन किया गया. प्रस्तुति में सह गायिका के रूप में अमृता मानके, तबले पर वैभव भगत, कीबोर्ड पर रवि सालके, हारमोनियम पर जितेंद्र शर्मा और झांझ मंजीरा पर राजू ने साथ दिया. रचना को मराठी के प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार सुधीर फड़के ने संगीतबद्ध किया है. इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसका अनुवाद देश की 37 भाषाओं में किया गया और गाया जाता है. गीत रामायण के हिंदी अनुवाद का श्रेय ग्वालियर के पंडित गुरुदत्त मिश्रा को जाता है.

भोपाल। संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के दूसरे दिन मराठी अकादमी द्वारा अभय मानके और साथी कलाकारों की गीत रामायण की प्रस्तुति का आयोजन किया गया. गीत रामायण मराठी भाषा का संगीत काव्य है, जिसकी रचना मराठी कवि गजानंद दिगंबर मांडू ने की है. अभय मानके ने हिंदी में गीत रामायण के गायन देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर किए हैं.

जनजातीय संग्रहालय में हुई गीत रामायण की प्रस्तुति

मानके गीत रामायण के विशेष प्रस्तोता के रूप में हैं. उन्होंने देश-विदेश में मराठी और हिंदी गीत रामायण के 3556 का कार्यक्रम अभी तक संपन्न किए गए हैं. जिसमें वर्ल्ड रामायण कान्फ्रेंस मारीशस रामायण सेंटर प्रमुख है.

जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में राग मांड में राम जन्म राग, सीता स्वयंवर राग, तोड़ी में राम वन गमन एवं मिश्रित रागों में केवट प्रसंग सेतु बंधन राज्य अभिषेक आदि प्रसंगों को पूरी दक्षता से गाया गया.

राग भैरवी में गीत के साथ गायन कर कार्यक्रम का समापन किया गया. प्रस्तुति में सह गायिका के रूप में अमृता मानके, तबले पर वैभव भगत, कीबोर्ड पर रवि सालके, हारमोनियम पर जितेंद्र शर्मा और झांझ मंजीरा पर राजू ने साथ दिया. रचना को मराठी के प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार सुधीर फड़के ने संगीतबद्ध किया है. इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसका अनुवाद देश की 37 भाषाओं में किया गया और गाया जाता है. गीत रामायण के हिंदी अनुवाद का श्रेय ग्वालियर के पंडित गुरुदत्त मिश्रा को जाता है.

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