भोपाल। मध्य प्रदेश एविएशन इंडस्ट्री में लगातार पिछड़ता नजर आ रहा है, बावजूद इसके जब नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी है. सिंधिया ने उड्डयन मंत्री बनते ही मध्य प्रदेश को 58 नई फ्लाइट्स दी थीं. ऐसी क्या वजह है कि जिसके चलते एविएशन के क्षेत्र में प्रदेश की ये हालत है, आइये जानते हैं एविएशन एक्सपर्ट प्राची बलुआपुरी से...
सवाल: मध्य प्रदेश में एविएशन इंडस्ट्री के पिछड़ने की वजह क्या है?
जवाब: मध्य प्रदेश और भोपाल में दरअसल एयर पैसेंजर्स की संख्या कम नहीं है, बल्कि कुछ ऐसे खास कारण हैं जिनकी वजह से एमपी के हवाई यात्री प्रदेश के बाहर के एयरपोर्ट्स के लिए डायवर्ट हो जाते हैं, मसलन...
- एमपी में मल्टीनेशनल कंपनियां बहुत कम हैं. जिसकी वजह से मूवमेंट्स कम हैं और जो लोग एमपी से हैं और इन कंपनियों में दूसरे शहरों में काम करते हैं डायरेक्ट फ्लाइट्स नहीं होने के कारण अन्य साधनों का इस्तेमाल कर दूसरे शहरों में जाते हैं.
- IT इंडस्ट्री को जिस तरह से ग्रो करना चाहिए उसके लिए सरकार के पास इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है जिसकी वजह से इस सेक्टर से जु़ड़े लोग भी मूवमेंट नहीं कर पाते. जबकि पूरी दुनिया में IT इंडस्ट्री के लोग सबसे ज्यादा एयर ट्रैवेल करते हैं.
- कॉर्पोरेट कल्चर की कमी भी एविएशव को एमपी में पीछे धकेल देती है.
- टूरिज्म में अभी भी काफी काम होने की जरूरत है. पॉकेट्स को आइडेंटिफाई कर वहां सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करें, नए इनोवेशन हों, टूरिस्ट सर्किट डेवलप हों तो एविएशन बूम आने से कोई नहीं रोक सकता. इसके अलावा जो पुराने और बड़े टूरिस्ट अट्रैक्शन्स हैं उनकी पब्लिसिटी भारत से ज्यादा दुनिया में करने की जरूरत है. इससे ऑटोमैटिकली पर्यटन को बूम मिलेगा.
सवाल: एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से कितना बदलाव हुआ.
जवाब:सिंधिया के आने से एमपी के एविएशन सेक्टर में काफी बदलाव देखने को मिला है.
- एक विजन पर सरकार काम कर रही है ऐसा लगता है. लेकिन साथ ही स्टेट लेवल पर बड़े एयरपोर्ट्स के आस-पास के टूरिज्म अट्रैक्शन्स को बढ़ाने की भी जरूरत है. इससे एयर ट्रैफिक बढ़ेगा और लोगों का मूवमेंट भी बढ़ेगा.
- सिंधिया ने साउथ इंडिया के 4 बड़े राज्यों के साथ एमपी को और खासकर भोपाल को कनेक्ट किया है. इससे भी लोगों को काफी सहूलियतें मिली हैं. साथ ही एमपी में एयर ट्रैफिक को बूस्ट मिला है. ये राज्य हैं- केरल, तमिलनाडू, तेलंगाना और कर्नाटक. इनकी राजधानियां अब सीधे कनेक्ट हैं और लोग धीरे-धीरे जुड़ रहे हैं.
- दिल्ली मुंबई की फ्लाइट्स भी अब इंप्रूव हुई हैं. दिल्ली के लिए हर दिन फ्लाइट्स की संख्या में इजाफा हुआ जो घट पर 3 पर आ गई थीं.
- कोरोना ने एविएशन सेक्टर को काफी प्रभावित किया है. इससे भोपाल से कोलकाता के लिए सीधी फ्लाइट्स बंद हो गई.
सवाल: कम पैसेंजर्स कहीं एयरपोर्ट्स के लिए परेशानी तो नहीं बन रहे
जवाब: असल में देश के कई शहरों से एमपी के एयरपोर्ट्स की ठीक कनेक्टिविटी न होना से एयर पैसेंजर्स को एमपी के बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, इसके लिए सरकार को काम करना होगा.
- रायपुर-नागपुर के लिए एयर ट्रैफिक में हाल के दिनों में कमी आई है.
- गल्फ कंट्रीज़ (GCC) के लिए भी फ्लाइट्स नहीं हैं, जबकि एमपी और खासकर भोपाल के आस-पास के काफी लोग इन देशों में काम करते हैं. उन्हें देश के दूसरे राज्यों के एयरपोर्ट्स पर जाना मजबूरी है. उनके पास काफी सामान होता है मगर, भोपाल या इंदौर में कहीं भी इंटरनेशनल फ्लाइट न होने की वजह से वे परेशान होते हैं. ऐसे में लोग देश के बड़े एयरपोर्ट्स पर आने के बाद भी राज्य में आने के लिए एयर ट्रैवेल की जगह ट्रेन या अन्य साधनों को प्रिफरेंस देते हैं. ऐसे में नई फ्लाइट्स की संभावनाएं हैं.
- नार्थ-ईस्ट जाने के लिए भी एमपी का पूरा एयर ट्रैफिक दूसरे राज्यों में डायवर्ट होता है. बैंगलोर होते हुए लोगों को नार्थ ईस्ट जाने में काफी समस्या होती है.
- कोलकाता फ्लाइट का न होना और भी लोगों की परेशान बढ़ा रहा है.
- जाहिर है सिंधिया को एमपी को नार्थ-ईस्ट कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नई फ्लाइट्स पर काम करना होगा.
(Prachi Baluapuri Aviation Expert Bhopal) (Reasons of Madhya Pradesh aviation industry lagging behind)