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बच्चों का 'आहार' गटकने वाली कंपनियों पर मेहरबान क्यों थी बीजेपी, पीसी शर्मा का शिवराज से सवाल

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पोषण आहार के मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार किया है. उन्होंने बीजेपी के शासन में पोषण आहार में हुए करोड़ों के घोटाले की जानकारी शिवराज से मांगा है.

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पीसी शर्मा
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Published : Feb 17, 2020, 8:26 PM IST

भोपाल। पोषण आहार के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर घोटाले के आरोप लगाए थे. जिस पर मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करते हुए चौहान से 10 सवाल पूछे. पीसी शर्मा ने कहा कि 2004 में ही उच्चतम न्यायालय ने पोषण आहार योजना में ठेकेदारों को बाहर करने का आदेश दिया था, इसके बाद भी बीजेपी निजी कंपनियों पर मेहरबान रही, पहले बीजेपी इसका जवाब दें.

पीसी शर्मा का शिवराज पर पलटवार

मंत्री ने आरोप लगाया कि 2009 और 2015 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि 30 से 32 फीसदी पोषण आहार का पैसा निजी कंपनियां डकार गई हैं, इसके बाद भी निजी कंपनियों के साथ सांठगाठ जारी रही. पिछली सरकार में पोषण आहार कार्यक्रम के लिए बने संयुक्त उपक्रम में एमपी एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की पूंजीगत हिस्सेदारी 70% से घटाकर 30 फीसदी रह गई और संयुक्त उपक्रम निजी उपक्रम बनकर रह गया.

पीसी शर्मा ने कहा कि साल 2016 में जुलाई-अगस्त में श्योपुर में 116 बच्चों की कुपोषण के चलते मौत हुई, जांच में पाया गया कि वहां पोषण आहार नहीं पहुंच रहा है, उसी वक्त आयकर विभाग ने एमपी एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और पोषण आहार की आपूर्ति में शामिल तीन कंपनियों पर छापेमारी की थी. जिसमें कंपनी द्वारा अनियंत्रित आय अर्जित करने का मामला सामने आया था, लेकिन कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

शिवराज सरकार ने निजी कंपनियों को 7800 करोड़ रुपए का ठेका दिया था, पहले इसकी जांच होनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई कर रही है, ताकि बच्चों तक पोषण आहार पहुंच सके.

भोपाल। पोषण आहार के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर घोटाले के आरोप लगाए थे. जिस पर मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करते हुए चौहान से 10 सवाल पूछे. पीसी शर्मा ने कहा कि 2004 में ही उच्चतम न्यायालय ने पोषण आहार योजना में ठेकेदारों को बाहर करने का आदेश दिया था, इसके बाद भी बीजेपी निजी कंपनियों पर मेहरबान रही, पहले बीजेपी इसका जवाब दें.

पीसी शर्मा का शिवराज पर पलटवार

मंत्री ने आरोप लगाया कि 2009 और 2015 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि 30 से 32 फीसदी पोषण आहार का पैसा निजी कंपनियां डकार गई हैं, इसके बाद भी निजी कंपनियों के साथ सांठगाठ जारी रही. पिछली सरकार में पोषण आहार कार्यक्रम के लिए बने संयुक्त उपक्रम में एमपी एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की पूंजीगत हिस्सेदारी 70% से घटाकर 30 फीसदी रह गई और संयुक्त उपक्रम निजी उपक्रम बनकर रह गया.

पीसी शर्मा ने कहा कि साल 2016 में जुलाई-अगस्त में श्योपुर में 116 बच्चों की कुपोषण के चलते मौत हुई, जांच में पाया गया कि वहां पोषण आहार नहीं पहुंच रहा है, उसी वक्त आयकर विभाग ने एमपी एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और पोषण आहार की आपूर्ति में शामिल तीन कंपनियों पर छापेमारी की थी. जिसमें कंपनी द्वारा अनियंत्रित आय अर्जित करने का मामला सामने आया था, लेकिन कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

शिवराज सरकार ने निजी कंपनियों को 7800 करोड़ रुपए का ठेका दिया था, पहले इसकी जांच होनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई कर रही है, ताकि बच्चों तक पोषण आहार पहुंच सके.

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