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अंशदायी पेंशन योजना की कटौती शुरू न होने से पंचायत सचिव नाराज, सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम - बैठकों का बहिष्कार,

मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन ने अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू करवाने के लिए कमलनाथ सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. वहीं मांग नहीं माने जाने पर पंचायत सचिवों ने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की बैठकों के बहिष्कार का एलान किया है.

मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा
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Published : Jun 23, 2019, 1:29 PM IST

भोपाल। शिवराज सरकार की लापरवाही के चलते प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब पंचायत सचिव अपनी मांग मनवाने के लिए कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रहे हैं. मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन ने अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू करवाने के लिए कमलनाथ सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. वहीं मांग नहीं माने जाने पर पंचायत सचिवों ने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की बैठकों के बहिष्कार का एलान किया है.

अंशदायी पेंशन योजना की कटौती शुरू न होने से पंचायत सचिव नाराज

मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 2013 में लागू हुए अंशदायी पेंशन योजना के लागू नहीं पर इसे पंचायत विभाग की घोर लापरवाही बताया है. उन्होने कहा कि इस घोर लापरवाही के विरुद्ध हमने तय किया है कि अगर सरकार ने 15 दिन के अंदर अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू नहीं की तो पूरे प्रदेश में जिला पंचायत जनपद पंचायत और पंचायत में होने वाली बैठकों का पंचायत सचिव बहिष्कार करेंगे.


दिनेश शर्मा का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने हमारी अंशदायी पेंशन की मांग पर ध्यान नहीं दिया. अंशदायी पेंशन योजना की कटौती पिछले 5 साल से चालू नहीं हो पाई है. यह हमारा बहुत बड़ा दुर्भाग्य है, क्योंकि इसमें पंचायत सचिवों को 48 सौ रुपए महीने का नुकसान हो रहा है. इसलिए हमने तय किया है कि अगर 15 दिन में आदेश लागू नहीं हुआ, तो हम तमाम तरह की बैठक का बहिष्कार करेंगे.

भोपाल। शिवराज सरकार की लापरवाही के चलते प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब पंचायत सचिव अपनी मांग मनवाने के लिए कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रहे हैं. मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन ने अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू करवाने के लिए कमलनाथ सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. वहीं मांग नहीं माने जाने पर पंचायत सचिवों ने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की बैठकों के बहिष्कार का एलान किया है.

अंशदायी पेंशन योजना की कटौती शुरू न होने से पंचायत सचिव नाराज

मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 2013 में लागू हुए अंशदायी पेंशन योजना के लागू नहीं पर इसे पंचायत विभाग की घोर लापरवाही बताया है. उन्होने कहा कि इस घोर लापरवाही के विरुद्ध हमने तय किया है कि अगर सरकार ने 15 दिन के अंदर अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू नहीं की तो पूरे प्रदेश में जिला पंचायत जनपद पंचायत और पंचायत में होने वाली बैठकों का पंचायत सचिव बहिष्कार करेंगे.


दिनेश शर्मा का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने हमारी अंशदायी पेंशन की मांग पर ध्यान नहीं दिया. अंशदायी पेंशन योजना की कटौती पिछले 5 साल से चालू नहीं हो पाई है. यह हमारा बहुत बड़ा दुर्भाग्य है, क्योंकि इसमें पंचायत सचिवों को 48 सौ रुपए महीने का नुकसान हो रहा है. इसलिए हमने तय किया है कि अगर 15 दिन में आदेश लागू नहीं हुआ, तो हम तमाम तरह की बैठक का बहिष्कार करेंगे.

Intro:भोपाल। शिवराज सरकार की लापरवाही के चलते प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब जब प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अस्तित्व में आ गई है। तो पंचायत सचिव अपनी मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। मप्र पंचायत सचिव संगठन ने अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू करवाने के लिए कमलनाथ सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। मांग नहीं माने जाने पर पंचायत सचिवों ने जिला पंचायत,जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की बैठकों के बहिष्कार का एलान किया है।


Body:मप्र पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि पूरे प्रदेश में मध्य प्रदेश सचिव संगठन ने सभी जिला मुख्यालय पर 20 जून को ज्ञापन देकर मांग की है कि 5 साल पहले 2013 में पंचायत सचिवों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू करने का आदेश हुआ था। लेकिन जो आज तक लागू नहीं हो पाया है। यह पंचायत विभाग की घोर लापरवाही है। इस घोर लापरवाही के विरुद्ध हमने तय किया है कि अगर सरकार ने 15 दिन के अंदर अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू नहीं की तो पूरे प्रदेश में जिला पंचायत जनपद पंचायत और पंचायत में होने वाली बैठकों का पंचायत सचिव बहिष्कार करेंगे। दिनेश शर्मा का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने हमारी अंशदायी पेंशन की मांग पर ध्यान नहीं दिया। अंशदायी पेंशन योजना की कटौती पिछले 5 साल से चालू नहीं हो पाई है। यह हमारा बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। क्योंकि इसमें पंचायत सचिवों को 48 सौ रुपए महीने का नुकसान हो रहा है। इसलिए हमने तय किया है कि अगर 15 दिन में आदेश लागू नहीं हुआ, तो हम तमाम तरह की बैठक का बहिष्कार करेंगे।


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