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पेड क्वारंटाइन सेंटरों में रुकने नहीं पहुंचे रहे कोविड के संदिग्ध मरीज, हो रहा लाखों का नुकसान

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Published : Aug 26, 2020, 5:06 PM IST

मध्य प्रदेश में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है. जिससे अस्पतालों में अब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. लिहाजा भोपाल में जिला प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. जिसके तहत कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को प्राइवेट होटल के कमरों में रखा जाना था, लेकिन यह योजना फेल होती नजर आ रही है.

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पेड क्वारंटाइन सेंटर

भोपाल। राजधानी भोपाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से बनाए रखना बड़ी चुनौती बन चुका है. लिहाजा कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. लेकिन इन सेंटरों में कोरोना संदिग्ध नहीं पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से ये योजना फेल होती नजर आ रही है.

पेड क्वारंटाइन सेंटरों में रुकने नहीं पहुंचे रहे संदिग्ध मरीज

10 हजार पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या

भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है, यही वजह कि प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया. जहां जो भी लोग कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं, उन्हें संदिग्ध मानते हुए क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया जाता है. इस योजना के तहत भोपाल कलेक्टर ने शहर के 19 होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला लिया था. लेकिन यह फैसला फेल साबित होता नजर आ रहा है. क्योंकि कोरोना के संदिग्ध मरीज इन होटलों में रुकने में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहे हैं. इस बात की जानकारी खुद होटल मालिकों ने दी है.

होटल मालिक पर डबल अटैक

जिन होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. उनके मालिकों का कहना है कि, लॉकडाउन और कोरोना के कारण होटल व्यापार पूरी तरह से ठप है, पेड क्वारंटाइन से कुछ आस जगी थी. होटल में संदिग्ध मरीजों के रुकने की सारी व्यवस्थाएं भी की गईं, लेकिन मरीजों के न रुकने से यहां भी नुकसान हो रहा है. होटल को सेनेटाइज करने के लिए मशीन भी खरीदी गई, थर्मल स्क्रीनिंग के लिए थर्मल मशीन, हर रूम में सैनिटाइजर रखा गया, सभी कमरों को सेनेटाइज भी किया गया. बावजूद इसके मरीज पेड क्वारंटाइन सेंटरों में रुकने के लिए ना के बराबर पहुंच रहे हैं. जिससे होटल मालिक को डबल नुकसान हो रहा है. पहला कोरोना के संदिग्ध मरीज नहीं पहुंच रहे हैं और दूसरा क्वारंटाइन सेंटर बनने से आम इंसान होटल से दूरी बनाए हुए हैं. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि, पेड क्वारंटाइन का रिस्पांस ठीक आ रहा है.

फ्री मिलती है क्वारंटाइन सेंटर में सभी सुविधाएं

पेड क्वारंटाइन सेंटर में सारी सुविधाएं फ्री मिलती हैं. सरकार इसका पूरा खर्चा उठाती है. शहर के 19 होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया है, उसका एक दिन का किराया 1 हजार से 12 सौ रुपए है, जिसमें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मिलता है. प्रशासन ने होटल मालिक से सहमति पत्र भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर भरवाया था. लेकिन कोरोना संदिग्ध मरीज न पहुंचने की वजह से ये सारी सुविधाएं फेल हो रही हैं.

भोपाल। राजधानी भोपाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से बनाए रखना बड़ी चुनौती बन चुका है. लिहाजा कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. लेकिन इन सेंटरों में कोरोना संदिग्ध नहीं पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से ये योजना फेल होती नजर आ रही है.

पेड क्वारंटाइन सेंटरों में रुकने नहीं पहुंचे रहे संदिग्ध मरीज

10 हजार पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या

भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है, यही वजह कि प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया. जहां जो भी लोग कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं, उन्हें संदिग्ध मानते हुए क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया जाता है. इस योजना के तहत भोपाल कलेक्टर ने शहर के 19 होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला लिया था. लेकिन यह फैसला फेल साबित होता नजर आ रहा है. क्योंकि कोरोना के संदिग्ध मरीज इन होटलों में रुकने में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहे हैं. इस बात की जानकारी खुद होटल मालिकों ने दी है.

होटल मालिक पर डबल अटैक

जिन होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. उनके मालिकों का कहना है कि, लॉकडाउन और कोरोना के कारण होटल व्यापार पूरी तरह से ठप है, पेड क्वारंटाइन से कुछ आस जगी थी. होटल में संदिग्ध मरीजों के रुकने की सारी व्यवस्थाएं भी की गईं, लेकिन मरीजों के न रुकने से यहां भी नुकसान हो रहा है. होटल को सेनेटाइज करने के लिए मशीन भी खरीदी गई, थर्मल स्क्रीनिंग के लिए थर्मल मशीन, हर रूम में सैनिटाइजर रखा गया, सभी कमरों को सेनेटाइज भी किया गया. बावजूद इसके मरीज पेड क्वारंटाइन सेंटरों में रुकने के लिए ना के बराबर पहुंच रहे हैं. जिससे होटल मालिक को डबल नुकसान हो रहा है. पहला कोरोना के संदिग्ध मरीज नहीं पहुंच रहे हैं और दूसरा क्वारंटाइन सेंटर बनने से आम इंसान होटल से दूरी बनाए हुए हैं. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि, पेड क्वारंटाइन का रिस्पांस ठीक आ रहा है.

फ्री मिलती है क्वारंटाइन सेंटर में सभी सुविधाएं

पेड क्वारंटाइन सेंटर में सारी सुविधाएं फ्री मिलती हैं. सरकार इसका पूरा खर्चा उठाती है. शहर के 19 होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया है, उसका एक दिन का किराया 1 हजार से 12 सौ रुपए है, जिसमें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मिलता है. प्रशासन ने होटल मालिक से सहमति पत्र भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर भरवाया था. लेकिन कोरोना संदिग्ध मरीज न पहुंचने की वजह से ये सारी सुविधाएं फेल हो रही हैं.

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