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'नर सेवा ही नारायण सेवा' का उदाहरण थे डॉ. एनपी मिश्रा, मरणोपरांत दिया जा रहा है पद्मश्री पुरस्कार - Padma Shri to doctor NP Mishra

भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड से नवाज़ा जायेगा. 90 साल की उम्र में 5 सितंबर 2021 को स्वर्गवासी होने वाले डॉ. एनपी मिश्रा एमपी के चिकित्सा जगत के पितामह माने जाते थे. (Padma Award 2022)

Padma Award 2022 Padma Shri to doctor NP Mishra of Bhopal
भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड से नवाज़ा जायेगा
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Published : Jan 26, 2022, 12:02 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में चिकित्सा जगत के पितामह कहलाने वाले एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड दिया जा रहा है. इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को हुई. इसके अलावा मध्य प्रदेश की 4 अन्य हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा रहा है. 4 लोगों में से तीन कला और एक साहित्य के क्षेत्र से आते हैं.

नर सेवा ही नारायण सेवा का उदाहरण थे डॉ. एनपी मिश्रा
90 साल की सेवा में डॉ. एनपी मिश्रा ने नर सेवा ही नारायण सेवा का उदाहरण पेश किया. 1984 की भीषण भोपाल गैस त्रासदी के दौरान मरीजों का इलाज कर उन्होंने मानवता को ही सर्वोपरि बनाया. उस समय लोगों को यह भी जानकारी नहीं थी कि मिथाइल आइसोसाइनेड गैस के दुष्प्रभाव से इलाज कैसे करना है, तब एनपी मिश्रा ही थे जिन्होंने अमेरिका और दूसरे देशों के डॉक्टरों से बात कर गैस के बारे में इलाज पूछा था उस समय वह लगातार दो से 3 दिन तक बिना सोए मरीजों के इलाज में जुटे रहे. 1984 में समय एनपी मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर थे. वह 90 साल की उम्र तक भी कई चिकित्सा के क्षेत्र में नई नई जानकारियों से रू-ब-रू होते रहते थे.

कार्डियोलॉजी पर लिखी महत्वपूर्ण किताब
डॉ. एनपी मिश्रा ने कार्डियोलॉजी पर एक किताब लिखी थी जो डीएम कार्डियोलॉजी के छात्र पढ़ाई में उपयोग करते हैं. 'प्रोग्रेस एंड कार्डियोलॉजी' नाम की इस किताब का विमोचन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा और ब्रिटेन के युवराज के हाथों किया गया था.

एनपी मिश्रा की खासियत
डॉ. एनपी मिश्रा की खासियत यह थी कि वह लाखों मरीजों का इलाज नि:शुल्क ही करते थे और हजारों की संख्या में डॉक्टर उनके द्वारा तैयार किए गए हैं. गैस त्रासदी के समय उन्होंने ही इलाज की ऐसी व्यवस्था जमाई की 10,000 से अधिक पीड़ितों का इलाज हमीदिया में होना संभव हो सका.

ये सम्मान मिले
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने 1992 में उन्हें सर्वोच्च सम्मान डॉ. बी सी राय से सम्मानित किया. वहीं 1995 में एसोसिएट ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया. 5 सितंबर 2021 को 90 साल की उम्र में डॉ. एनपी मिश्रा ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

भोपाल। मध्य प्रदेश में चिकित्सा जगत के पितामह कहलाने वाले एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री अवार्ड दिया जा रहा है. इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को हुई. इसके अलावा मध्य प्रदेश की 4 अन्य हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा रहा है. 4 लोगों में से तीन कला और एक साहित्य के क्षेत्र से आते हैं.

नर सेवा ही नारायण सेवा का उदाहरण थे डॉ. एनपी मिश्रा
90 साल की सेवा में डॉ. एनपी मिश्रा ने नर सेवा ही नारायण सेवा का उदाहरण पेश किया. 1984 की भीषण भोपाल गैस त्रासदी के दौरान मरीजों का इलाज कर उन्होंने मानवता को ही सर्वोपरि बनाया. उस समय लोगों को यह भी जानकारी नहीं थी कि मिथाइल आइसोसाइनेड गैस के दुष्प्रभाव से इलाज कैसे करना है, तब एनपी मिश्रा ही थे जिन्होंने अमेरिका और दूसरे देशों के डॉक्टरों से बात कर गैस के बारे में इलाज पूछा था उस समय वह लगातार दो से 3 दिन तक बिना सोए मरीजों के इलाज में जुटे रहे. 1984 में समय एनपी मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर थे. वह 90 साल की उम्र तक भी कई चिकित्सा के क्षेत्र में नई नई जानकारियों से रू-ब-रू होते रहते थे.

कार्डियोलॉजी पर लिखी महत्वपूर्ण किताब
डॉ. एनपी मिश्रा ने कार्डियोलॉजी पर एक किताब लिखी थी जो डीएम कार्डियोलॉजी के छात्र पढ़ाई में उपयोग करते हैं. 'प्रोग्रेस एंड कार्डियोलॉजी' नाम की इस किताब का विमोचन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा और ब्रिटेन के युवराज के हाथों किया गया था.

एनपी मिश्रा की खासियत
डॉ. एनपी मिश्रा की खासियत यह थी कि वह लाखों मरीजों का इलाज नि:शुल्क ही करते थे और हजारों की संख्या में डॉक्टर उनके द्वारा तैयार किए गए हैं. गैस त्रासदी के समय उन्होंने ही इलाज की ऐसी व्यवस्था जमाई की 10,000 से अधिक पीड़ितों का इलाज हमीदिया में होना संभव हो सका.

ये सम्मान मिले
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने 1992 में उन्हें सर्वोच्च सम्मान डॉ. बी सी राय से सम्मानित किया. वहीं 1995 में एसोसिएट ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया. 5 सितंबर 2021 को 90 साल की उम्र में डॉ. एनपी मिश्रा ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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(Padma Award 2022) (Padma Shri to doctor NP Mishra

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