भोपाल। वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते दायरे के साथ बच्चों में ऑनलाइन गेम (ONLINE GAME) खेलने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिसके चलते कई बार बच्चे मुसीबत में घिर जाने पर आपराधिक रास्ता भी चुन लेते हैं. ऑन लाइन गेम खेलने की बढती लत से बच्चों को दूर रखने और आने वाली मुसीबत से बचाया जाए जाने के लिए साइबर सेल (CYBER CELL) ने बालकों को कुछ हिदायतें दी हैं. मध्यप्रदेश (MADHYA PRADESH) के कई हिस्सों से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि बच्चे ऑनलाइन गेम में उलझ कर गलत रास्ते पर जा रहे हैं. छतरपुर जिले में पिछले दिनों एक बच्चे ने ऑनलाइन गेम में रकम हारने पर आत्महत्या कर ली. इसके अलावा कई और भी ऐसे मामले आए हैं जिसमें पता चला है कि ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में बच्चे चोरी करने का रास्ता अपना रहे हैं। ऑनलाइन गेम से बच्चे दूर रहें इसके लिए अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं. छतरपुर जिले की पुलिस ने ऐसे बच्चों को सम्मानित करने का सिलसिला शुरू किया है जो ऑनलाइन गेम से तौबा कर रहे हैं, वहीं पुलिस की साइबर सेल अभिभावकों को सलाह दे रही है कि वे बच्चों पर नजर रखें.
राज्य साइबर सेल द्वारा एडवाइजरी जारी
राज्य साइबर सेल द्वारा अभिभावकों से कहा गया है कि बच्चों को बेवजह मोबाइल नहीं दें. ऑनलाइन क्लॉसेस के लिए बिना सिम कार्ड का मोबाइल दें, बच्चों को वाईफाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें, साथ ही बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें. साइबर सेल की एडवाइजरी में कहा गया है कि परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर पर पैरेंटल कंट्रोल ऑन करें. पासवर्ड बच्चों को न बताएं, बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन की छूट न दें. खाते से पैसे कटने का मैसेज आते ही बच्चों से पैसे कटने का कारण अवश्य पूछें.
एक तरफ जहां साइबर सेल ने बच्चों केा कम से कम मोबाइल देने की सलाह दी है तो दूसरी ओर इन दिनों कोरोना के कारण बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाया जा रहा है. एक पालक आशीष शर्मा का कहना है कि यह एक चुनौती का काम है, बच्चे से आप कहें कि ऑन लाइन पढ़ो और उसे मोबाइल से दूर भी रखें. ऐसे में बच्चों केा लगता है कि पालक ही उस पर भरोसा नहीं कर रहे है.