भोपाल: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव सात साल बाद होने जा रहे संगठनात्मक चुनाव के लिए 10 तारीख से मतदान शुरू होना है, जो 12 दिसंबर तक चलेगा. इस बार तीन दिनों तक ऑनलाइन मतदान किया जाएगा. आगामी 10 दिनों में मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है. युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें से दो उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. और अब 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. युवा कांग्रेस चुनाव में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की एंट्री से घमासान बढ़ गया है. इन परिस्थितियों के चलते मुकाबला त्रिकोणीय संघर्ष में नजर आ रहा है.
10, 11 और 12 दिसंबर को ऑनलाइन होगा मतदान, एक मतदाता पांच वोट डाल सकेगा
- मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव के लिए 10, 11 और 12 दिसंबर को मतदान होना है.
- जिन युवाओं ने चुनाव पूर्व अपना पंजीयन कराया है वह युवा कांग्रेस के चुनाव में मतदान कर सकेंगे.
- मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा युवा कांग्रेस का चुनाव.
- एक मतदाता 5 पदों के लिए करेगा मतदान.
- एक मतदाता दो प्रदेश कार्यकारिणी, दो जिला कार्यकारिणी और एक विधानसभा के लिए मतदान करेगा.
उम्मीदवार की नाम वापसी के बाद अब 10 उम्मीदवार मैदान में दो विधायक सहित नेता पुत्रों और रिश्तेदारों में घमासान
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने पर 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से दो उम्मीदवार हर्षित गुरु और अंकित डोली ने अपने आप को चुनाव से बाहर कर लिया है. प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अंकित डोली ने अपना समर्थन डॉ. विक्रांत भूरिया को दिया है, इस तरह अब 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विधायक विपिन वानखेड़े भी शामिल हैं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी मैदान में हैं.
दिग्गजों की एंट्री से बिगड़ा कई युवाओं का खेल
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे युवाओं के दावे दिग्गजों की एंट्री के कारण कमजोर पड़ते हुए नजर आ रहे हैं. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया का समर्थन कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. दिग्गजों की एंट्री से गुटबाजी से दूर रहने वाले उम्मीदवार चिंतित नजर आ रहे हैं.
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एनएसयूआई के दावेदार मजबूत स्थिति में, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव के लिए जब सदस्यता अभियान शुरू हुआ था, तो मध्य प्रदेश एनएसयूआई के दावेदारों ने तय रणनीति के तहत सदस्यता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. डॉ. विक्रांत भूरिया और संजय यादव को दिग्गजों के समर्थन के बाद भी एनएसयूआई से कड़ी चुनौती मिल सकती है. क्योंकि, एनएसयूआई ने चुनाव पूर्व होने वाली सदस्यता में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने का काम किया है. वहीं दूसरी तरफ एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े विधायक बन गए हैं, वह अपना समर्थन ज्यादातर एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के लिए दे रहे हैं. ऐसी स्थिति में मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है.
क्या कहता है एनएसयूआई
एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता और युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विवेक त्रिपाठी का कहना है, ''मध्य प्रदेश के युवाओं को प्रदेश के संगठनात्मक चुनाव में युवा कांग्रेस अध्यक्ष चुनने का मौका मिलेगा, मैं समझता हूं कि कल जो युवा कांग्रेस का चुनाव प्रारंभ होने वाला है. यह युवाओं के लिए खुला मंच है, जो युवा राजनीतिक प्लेटफार्म की कमी महसूस करते थे. उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है. 10, 11, 12 तारीख को 3 दिनों के मतदान का कार्यक्रम जारी किया गया है. ऑनलाइन ऐप के माध्यम से पंजीकृत युवा अपना मतदान कर सकते हैं. एक युवा को पांच वोट डालने का अधिकार है. दो वोट प्रदेश कार्यकारिणी, दो जिला कार्यकारिणी और एक वोट विधानसभा के लिए एक मतदाता डाल सकता है. निश्चित ही मैं समझता हूं कि अगले 10 दिन के अंदर मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा.''
दिग्गजों की एंट्री से नहीं पड़ने वाला प्रभाव
विवेक त्रिपाठी आगे कहा, ''कुछ जगह से शिकायतें आ रही हैं कि बड़े नेताओं के फोन आ रहे हैं. निश्चित ही उसका प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि मध्य प्रदेश का युवा अपने स्वविवेक से निर्णय लेगा. वह जानते हैं कि यह संगठन का चुनाव नहीं चयन है. तो उनका चयन करना है. युवा कांग्रेस की कमान ऐसे व्यक्ति के हाथ में आना चाहिए जिस व्यक्ति को संगठन चलाने का अनुभव है या नहीं. मध्य प्रदेश का युवा समझदार है, स्वविवेक से बगैर किसी दबाव के निर्णय लेगा.''