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बीजेपी नेताओं के बीच नहीं बन पा रही है बचे हुए जिला अध्यक्षों के नाम पर सहमति, भोपाल में भी फंसा पेंच

बीजेपी में अभी भी कई जिलों में अध्यक्ष पद के लिए नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है. भोपाल में भी अब तक जिला अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है. भोपाल के चुनाव पर्यवेक्षक बनाए गए बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि उन्होंने जो रायशुमारी की थी उसे संगठन को सौंप दिया है.

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Published : Dec 13, 2019, 5:02 PM IST

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भोपाल। बीजेपी ने भले ही अपने 33 जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया हो. लेकिन बचे हुए जिलों में के लिए जिला अध्यक्ष पद पर अभी भी बड़े नेताओं के बीच में पटरी नहीं बैठ पा रही है. भोपाल जिले में अभी तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है.

भोपाल बीजेपी जिला अध्यक्ष के नाम पर नहीं बन पा रही सहमति

भोपाल में पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह और सुरेंद्र नाथ के अलावा अन्य कुछ नेता अपने चहेतों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए रस्साकशी कर रहे हैं. भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चहेते को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं तो उसके परिणाम स्वरूप अभी तक जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है. इसी तरह इंदौर और ग्वालियर में भी मामला फंसा हुआ है.

भोपाल के जिला अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रभारी बनाए गए विधायक राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी रायशुमारी तक थी. उन्होंने बंद लिफाफे में अपनी बात संगठन को सौंप दी है. अब आगे की जिम्मेदारी सरकार की है. हालांकि उन्होंने कहा कि जल्द ही नाम की घोषणा कर दी जाएगी.

भोपाल। बीजेपी ने भले ही अपने 33 जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया हो. लेकिन बचे हुए जिलों में के लिए जिला अध्यक्ष पद पर अभी भी बड़े नेताओं के बीच में पटरी नहीं बैठ पा रही है. भोपाल जिले में अभी तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है.

भोपाल बीजेपी जिला अध्यक्ष के नाम पर नहीं बन पा रही सहमति

भोपाल में पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह और सुरेंद्र नाथ के अलावा अन्य कुछ नेता अपने चहेतों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए रस्साकशी कर रहे हैं. भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चहेते को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं तो उसके परिणाम स्वरूप अभी तक जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है. इसी तरह इंदौर और ग्वालियर में भी मामला फंसा हुआ है.

भोपाल के जिला अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रभारी बनाए गए विधायक राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी रायशुमारी तक थी. उन्होंने बंद लिफाफे में अपनी बात संगठन को सौंप दी है. अब आगे की जिम्मेदारी सरकार की है. हालांकि उन्होंने कहा कि जल्द ही नाम की घोषणा कर दी जाएगी.

Intro:प्रदेश संगठन में जिला अध्यक्षों को लेकर अभी भी बड़े नेताओं के बीच में पटरी नहीं बैठ पा रही है उसके चलते भोपाल जिले में अभी तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पा रही है माना जा रहा है पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के अलावा अन्य कुछ नेता अपने चहेतों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए रस्साकशी कर रहे हैं और उसके परिणाम स्वरूप अभी तक जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है


Body:बीजेपी के जिला अध्यक्ष के चुनाव 30 नवंबर को एक साथ पूरे प्रदेश में हुए थे और रायशुमारी के जरिए सभी पदाधिकारियों से जिला अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी भी की थी इसके बाद निर्वाचन अधिकारियों ने सभी सूची प्रदेश कार्यालय को भी सौंप दी गई थी लेकिन आज तक निर्वाचन प्रक्रिया में भोपाल इंदौर ग्वालियर के अलावा अन्य कुछ स्थानों पर जिला अध्यक्षों के नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है माना जा रहा है ग्वालियर में नल सिंह तोमर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के बीच तनातनी मची हुई है तो इंदौर में भी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच भी कुछ ऐसा ही नजारा है और भोपाल की बात करें तो भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चहेते को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं तो वहीं अन्य नेता भी इसी क्रम में जोर आजमाइश कर रहे हैं


Conclusion:अब देखना यह है कि भोपाल जिले की कमान किसको मिलती है भोपाल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न का रहे पूर्व मंत्री राम शुक्ल का कहना है कि जल्द ही नामों की घोषणा की जाएगी आपको बता दें कि जिलाध्यक्ष के तुरंत बाद ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव ऐसे में देखना यह होगा कि नेताओं के बीच आपसी सहमति कब तक बन पाती है या फिर सारे निर्णय दिल्ली से होंगे


बाइट - राजेन्द्र शुक्ल, चुनाव प्रभारी ,भोपाल
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