भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने में मध्यप्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा. सीएम ने कहा कि एमपी 21वीं सदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के संबंध में पीएम मोदी के विजन को ध्यान में रख रहा है. (NITI Aayog Meeting)
पीएम मोदी के विजन पर आगे बढ़ रहा MP: नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सातवीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने पहुंचे सीएम शिवराज ने कहा कि, "2019 में पीएम मोदी ने 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक बिजलीघर बनाने की कल्पना की थी, अब भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एमपी 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा." उन्होंने कहा कि "मध्य प्रदेश 21वीं सदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के संबंध में पीएम मोदी के विजन को ध्यान में रख कर आगे बढ़ रहा है."
अगले एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां: प्रदेश के मुखिया ने कहा कि "'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम में नीति आयोग की प्रमुख भूमिका है, इसका उद्देश्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की जोड़ी की अवधारणा के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना है. आयोग राज्यों की ताकत बन गया है और एमपी इसका उदाहरण है." चौहान ने कहा कि, "राज्य सरकार ने 2020 में एक आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का नक्शा तैयार किया और 2021-22 में 19.74 प्रतिशत विकास दर हासिल की है, क्योंकि यह आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ रही है. राज्य की प्राथमिकता रोजगार पैदा करना है और अगले एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां मुहैया कराई जाएंगी."
मध्य प्रदेश ने लगाई बड़ी छलांग: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पर बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि, "मध्य प्रदेश ने एक बड़ी छलांग लगाई है और राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के अनुसार देश में पांचवां स्थान हासिल किया है. पिछले वित्त वर्ष में स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए 18,500 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, अब मध्य प्रदेश मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दे रहा है. एमबीबीएस पाठ्यक्रम भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में 2022-2023 सत्र में हिंदी में संचालित किया जाएगा."