भोपाल। जम्मू कश्मीर और उसके आसपास बना पश्चिमी विक्षाेभ और तीन मौसम प्रणालियां अब खत्म हो गईं. इससे मध्य प्रदेश में तापमान में बढ़ोतरी हो गई है. आज शनिवार सुबह 9 बजे राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहा. इंदौर का 30, ग्वालियर का 32 और जबलपुर का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 19 अप्रैल से एक अन्य पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत पहुंचने पर तापमान में फिर गिरावट हाेने की संभावना है.
खजुराहो, खरगाेन सबसे गर्म: शुक्रवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस रहा. जबकि प्रदेश में सबसे अधिक 43 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहाे एवं खरगाेन में दर्ज किया गया. लगातार दूसरे दिन प्रदेश में किसी भी शहर में लू नहीं चली. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि मप्र के मौसम काे प्रभावित करने वाली अन्य काेई मौसम प्रणाली अभी सक्रिय नहीं है. 19 अप्रैल से एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलेगा.
मध्यप्रदेश में सूरज के तेवर पड़े नरम, कई जिलों में तापमान लुढ़का, खंडवा और खरगाेन रहे सबसे गर्म
अप्रैल के पहले हफ्ते में थी प्रचंड गर्मी: इससे पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में प्रदेश में गर्मी के तेवर काफी तीखे थे. कई जिलों में तेज धूप लोगों को झुलसा रही थी. नौगांव में जहां तीव्र लू चली, वहीं रीवा, सतना, सीधी, उमरिया, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, टीकमगढ़, सागर, दमोह, भोपाल, राजगढ़, रतलाम, ग्वालियर, दतिया एवं गुना जिलों में लू चलने से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा.
सामान्य रहेगा मानसून: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून को लेकर पहले ही भविष्यवाणी कर दी है. विभाग ने कहा कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान देश में सामान्य बारिश होने की संभावना है. जून से सितंबर के बीच 868.6 मिमी. बारिश होने के आसार हैं. निजी एजेंसी ने भी ‘सामान्य’ मानसून की बात कही है. उसके मुताबिक सामान्य बारिश की 65 प्रतिशत उम्मीद है. बारिश भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है.
देश के कई हिस्सों में लू चलने की संभावना: इधर स्काईमेट वेदर डॉट कॉम के मुताबिक, मध्य प्रदेश में गर्म हवाएं चलने की संभावनाएं हैं. अगले 24 घंटों के दौरान, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति संभव है. आईएमडी के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है. उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है. देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है. जबकि असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
जानिए कर्नाटक और केरल में बारिश का कारण : एक ट्रफ रेखा विदर्भ से आंतरिक कर्नाटक होते हुए केरल तक फैली हुई है. एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर है, एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण तमिलनाडु के ऊपर है. ये मौसमी पैरामीटर लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु और दक्षिण कर्नाटक में वर्षा की गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं. उपरोक्त राज्यों में 16 या 17 अप्रैल तक तेज बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है, उसके बाद तीव्रता कम हो जाएगी. इसके बाद हल्की छिटपुट बारिश जारी रह सकती है. स्काईमेट वेदर डॉट कॉम के मुताबिक जम्मू कश्मीर और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं के रूप में पश्चिमी विक्षोभ देखा जा रहा है. पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश और आसपास भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
केरल में प्री-मानसून गतिविधियां, दर्ज की गई 128% अधिक वर्षा : स्काईमेट वेदर डॉट कॉम के मुताबिक दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से तेज बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ रहे हैं. वास्तव में, मार्च की दूसरी छमाही से केरल में प्री-मानसून गतिविधियां चल रही हैं, यही वजह है कि इस अवधि में केरल में 128% अधिक वर्षा हुई है. मार्च में दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर दो निम्न दबाव के क्षेत्र बन गए. जिससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेज वर्षा हो रही है. अंडमान और निकोबार में 260 प्रतिशत अधिक वर्षा हो रही है. अप्रैल के महीने में कर्नाटक और तमिलनाडु भी इन मौसमी गतिविधियों की जद में आ गए हैं. कर्नाटक में 40% और तमिलनाडु में 32% अतिरिक्त बारिश हुई है.
(MP weather update) (Temperature rises in MP) (Khajuraha and Khargain are hottest)