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MP Vyapam Scam घोटाला सामने आने के नौ साल बाद सभी आरोपी जमानत पर बाहर - mystery of vyapam sacm

एमपी व्यापमं घोटाले को लेकर एकबार फिर सुगबुगाहट तेज हो गई है. भोपाल जिला अदालत में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने मामले की वर्तमान स्थिति को लेकर बताया कि व्यापमं के आरोपी, जिन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है, अब जमानत पर बाहर हैं. इस मामले में 2012-13 के बीच 2 हजार से अधिक आरोपी बनाए गए थे, जिनमें शामिल 30 आरोपियों और गवाहों की मौत हो चुकी है. (what is vyapam scam) (vyapam scam accused) (mp vyapam scam) (vyapam scam shivraj singh)

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एमपी व्यापमं घोटाला
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Published : Sep 24, 2022, 8:54 PM IST

भोपाल। व्यापमं घोटाले के सभी आरोपी, जिन्हें या तो मध्य प्रदेश पुलिस या सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, अब जमानत पर बाहर हैं. उनमें से अधिकांश को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी, जिनमें नौ को मार्च 2022 में सशर्त जमानत दी गई थी. जिन लोगों को उच्च न्यायालय द्वारा सशर्त जमानत दी गई थी, वे एक निजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधिकारी हैं. जिन पर कई करोड़ों के व्यापमं घोटाले के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी 2013) से संबंधित अन्य अपराधों के अलावा धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया था. (what is vyapam scam)

MP Vyapam Scam व्यापमं घोटाले में यूपी के दो लोगों को 4 साल की सजा, एक की हो चुकी मौत

2013 में सामने आया था घोटालाः इस महाघोटाले के मुख्य आरोपियों में नितिन महेंद्र (व्यापमं में प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट), अजय सेन (सीनियर सिस्टम एनालिस्ट), पंकज त्रिवेदी (व्यापम परीक्षा कंट्रोलर) सी.के. मिश्रा और ओपी शुक्ला, तत्कालीन एमपी तकनीकी शिक्षा मंत्री स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा के दोनों ओएसडी शामिल थे. इनके अलावा, कई संगठित रैकेट व्यापमं घोटाले में शामिल थे, जैसा कि सीबीआई ने पहले अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था. इनमें जगदीश सागर, संजीव शिल्पाकर और संजय गुप्ता के नेतृत्व वाले गिरोह शामिल हैं, जिन्हें पीएमटी 2013 परीक्षा के किंगपिन के रूप में वर्णित किया गया था.

दो हजार से अधिक लोग बने थे आरोपीः सरकारी अधिकारियों, बिचौलियों, रैकेटियों और राजनेताओं सहित 2,000 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था. विशेष रूप से, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के कार्यालय सहित प्रमुख कार्यालयों में तैनात अधिकारी भी शामिल पाए गए थे. तत्कालीन मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव के बेटे शैलेश यादव को भी मामले में आरोपी बनाया गया था. शैलेश मार्च 2015 में अपने पिता के आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. करोड़ों रुपये के व्यापमं घोटाले में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल पाए गए थे. मामले के 2,000 से अधिक आरोपियों में से 1,300 से अधिक सिर्फ दो मामलों- पीएमटी परीक्षा 2012 और 2013 से जुड़े हैं. दिनकर ने कहा कि पीएमटी परीक्षा 2012 और 2013 में शामिल कम से कम 30 आरोपियों और गवाहों की मौत हो गई है. (vyapam scam shivraj singh) (mp police) (mystery of vyapam sacm)-आईएएनएस

भोपाल। व्यापमं घोटाले के सभी आरोपी, जिन्हें या तो मध्य प्रदेश पुलिस या सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, अब जमानत पर बाहर हैं. उनमें से अधिकांश को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी, जिनमें नौ को मार्च 2022 में सशर्त जमानत दी गई थी. जिन लोगों को उच्च न्यायालय द्वारा सशर्त जमानत दी गई थी, वे एक निजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधिकारी हैं. जिन पर कई करोड़ों के व्यापमं घोटाले के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी 2013) से संबंधित अन्य अपराधों के अलावा धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया था. (what is vyapam scam)

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2013 में सामने आया था घोटालाः इस महाघोटाले के मुख्य आरोपियों में नितिन महेंद्र (व्यापमं में प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट), अजय सेन (सीनियर सिस्टम एनालिस्ट), पंकज त्रिवेदी (व्यापम परीक्षा कंट्रोलर) सी.के. मिश्रा और ओपी शुक्ला, तत्कालीन एमपी तकनीकी शिक्षा मंत्री स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा के दोनों ओएसडी शामिल थे. इनके अलावा, कई संगठित रैकेट व्यापमं घोटाले में शामिल थे, जैसा कि सीबीआई ने पहले अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था. इनमें जगदीश सागर, संजीव शिल्पाकर और संजय गुप्ता के नेतृत्व वाले गिरोह शामिल हैं, जिन्हें पीएमटी 2013 परीक्षा के किंगपिन के रूप में वर्णित किया गया था.

दो हजार से अधिक लोग बने थे आरोपीः सरकारी अधिकारियों, बिचौलियों, रैकेटियों और राजनेताओं सहित 2,000 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था. विशेष रूप से, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के कार्यालय सहित प्रमुख कार्यालयों में तैनात अधिकारी भी शामिल पाए गए थे. तत्कालीन मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव के बेटे शैलेश यादव को भी मामले में आरोपी बनाया गया था. शैलेश मार्च 2015 में अपने पिता के आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. करोड़ों रुपये के व्यापमं घोटाले में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल पाए गए थे. मामले के 2,000 से अधिक आरोपियों में से 1,300 से अधिक सिर्फ दो मामलों- पीएमटी परीक्षा 2012 और 2013 से जुड़े हैं. दिनकर ने कहा कि पीएमटी परीक्षा 2012 और 2013 में शामिल कम से कम 30 आरोपियों और गवाहों की मौत हो गई है. (vyapam scam shivraj singh) (mp police) (mystery of vyapam sacm)-आईएएनएस

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