भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव अंतिम चरण में है, क्योंकि नगर निगम में जहां पर अध्यक्ष के चुनाव हो रहे हैं, वहीं नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया जारी है और इनमें मतदान निर्वाचित पार्षदों को करना है. इन स्थितियों में भाजपा और कांग्रेस पार्षदों की बाड़ाबंदी में लगी हुई है और कई पार्षद तो बड़े नेताओं के दरबार तक ले जाए जा रहे हैं.
जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों ने लगाया जोर: राज्य में 75 नगर पालिका और 255 नगर परिषदों में अध्यक्ष के चुनाव हो रहे हैं, इसके साथ ही नगर निगम में महापौर का चुनाव तो सीधे जनता के जरिए हो चुका है, वहीं अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों को करना है. दोनों ही दल इन चुनावों में ज्यादा से ज्यादा जीत दर्ज करना चाहते हैं यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस ने इन चुनावों को लेकर न केवल रणनीति तय की है, बल्कि अपने जिम्मेदार नेताओं को भी इस काम में लगा रखा है.
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कई पार्षदों की भोपाल और दिल्ली में बड़े नेताओं के सामने परेड: सब तरफ से ऐसी खबरें आ रही हैं कि नगर निगम के अलावा नगर पालिका और नगर परिषद के पार्षदों को कई दावेदार देश के अलग-अलग हिस्सों की सैर कराने ले गए, तो वहीं कई पार्षदों की भोपाल और दिल्ली में बड़े नेताओं के सामने परेड कराई गई.
राज्य में जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में सदस्यों की हुई बाड़ाबंदी की तस्वीर एक बार फिर नगर पालिका व नगर परिषद के अलावा नगर निगम के अध्यक्षों के चुनाव में नजर आ रही है. दोनों ही दल एक दूसरे पर तंज कसने में लगे हैं. मगर पार्षदों को प्रदेश और प्रदेश से बाहर नेताओं के पास ले जाकर परेड क्यों कराई जा रही है, इसका जवाब सीधे तौर पर किसी के भी पास नहीं है. (MP urban bodies President Election)(MP Local Bodies Elections last Phase)