भोपाल। प्रदेश के छात्र भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन गंगा के तहत यूक्रेन से अपने घरों की ओर वापसी कर रहे हैं, इसी के तहत कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा इंदौर के राऊ में छात्रों से मुलाकात कर उनके अध्ययन से जुड़ी समस्याओं को लेकर बातचीत कर केंद्र सरकार से बात करने का आश्वासन दिया है.
मंत्रियों की निगरानी में छात्रों की वापसी
पिछले कई दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच घमासान युद्ध विश्व स्तर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, इसी के तहत यूक्रेन में भारत से अध्ययन करने गए कई छात्रों को भारत सरकार द्वारा मिशन गंगा के तहत अन्य देशों की बॉर्डर के माध्यम से भारत लाया जा रहा है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा यह जिम्मेदारी चार केंद्रीय मंत्रियों सहित कई आला अधिकारियों को दी गई है अभी तक सैकड़ों छात्रों को भारत लाया जा चुका है
छात्रों के लिए निकाला जाएगा हल
इसी कड़ी में इंदौर में आई दो छात्राओं से मुलाकात करके केबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने मीडिया को बताया कि, भारत सरकार छात्रों को सुरक्षित लाने के लिए कटिबद्ध है. वहीं, कुछ छात्रों द्वारा अध्ययन को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है जो कि उनके 3 से 4 साल के कोर्स हैं अब उन्हें भी पूरा करने के लिए सरकार से बातचीत कर इसका हल निकाला जाएगा. जिससे इन छात्रों का भविष्य उज्जवल बना रहे और वह अपना अध्ययन पूरा कर सकें.
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छात्रों का सरकार पर भरोसा
यूक्रेन में पढ़ाई करने गई बालाघाट की तीन छात्राओं की अपने देश में सकुशल वापसी हो गई है. अपने देश में लौट आने से तीनों छात्राओं के परिवार मेें खुशी की लहर दौड. गई. छात्राओं ने कहा कि, भारत सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन गंगा के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों एवं नागरिकों को थोड़ी राहत मिली. लोगों को एहसास हो गया था कि, वे अपने देश पहुंच जाएंगे.
भारतीयों के लिए यूक्रेनियन का व्यवहार अच्छा
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे दमोह के भी एक छात्र की यूक्रेन से सकुशल वापसी हुई है. शहर के सिविल वार्ड निवासी जमाल खान शनिवार सुबह अपने घर पहुंचे. उन्होंने कहा कि, यूक्रेन के लोगों ने भारतीय छात्रों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया. पहले भी यूक्रेन के लोगों का भारतीयों के प्रति अच्छा व्यवहार था और जब वोटिंग के दौरान भारत यूएन में न्यूट्रल रहा, तब भी उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया.
यूक्रेन में फंसे हैं उज्जैन के कई छात्र
यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच राजधानी कीव के बंकरो में रह रहा छात्र पार्थ जोशी आज अपने घर उज्जैन पंहुचा. उज्जैन के कानीपूरा रोड स्थित नागेश्वर धाम कालोनी में छात्र का परिवारवालों ने जोरदार स्वागत किया गया. साथ ही पार्थ ने कहा कि, युद्ध के बीच उज्जैन के कई छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए है, और वे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
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तिरंगे के सहारे वतन वापसी
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सतना शहर के बांधवगढ़ कालोनी निवासी दो सगे भाई-बहन भारत सरकार द्वारा भेजे गए, विशेष विमान से शनिवार को घर पहुंचें. दोनों भाई-बहन ने कहा कि, रूस और यूक्रेन की सेना ने भारत का झंडा देख रास्ता देते रहे थे, वह इंडियन पासपोर्ट को सुरक्षा कवच बनाकर बार्डर पहुंचे. उन्होंने बताया कि, भारतीय दूतावास ने परिवार के मुखिया जैसे जिम्मेदारी निभाई और आज वह सही सलामत परिवार के बीच हैं, ऋषभ और वैशाली के परिजनों की माने तो सरकार उनके लिए ईश्वर मान का काम किया.