ETV Bharat / city

मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत, बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने, स्टेशन और अस्पतालों का नाम बदलना गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाड़ने की कोशिश

author img

By

Published : Jul 22, 2021, 6:18 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 7:07 PM IST

बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव दिया है. जिसपर कांग्रेस ने सांसद को नसीहत देते हुए कहा है कि वे नाम बदलने से ज्यादा जनहित के काम करें ताकि भोपाल और उनकी पार्टी के लोग उन्हें याद करें.

mp-pragya-singh-demand
मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत

भोपाल। देश का पहला निजी रेलवे स्टेशन हबीबगंज री-डेवलपमेंट के बाद बनकर तैयार है. एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस हबीबगंज वर्ल्डक्लास रेलवे स्टेशन अपनी खूबियों के बजाए अपने नाम को लेकर चर्चा में है. मध्य प्रदेश बीजेपी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखना चाहती है. दूसरी तरह कांग्रेस इसे बीजेपी की प्रदेश और भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाडने की कोशिश करार दे रही है और इस मामले पर इन दिनों प्रदेश की राजनीति गर्माई हुई है.

मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत

सांसद प्रज्ञा सिंह ने की मांग
भोपाल से बीजेपी सासंद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम किए जाने की मांग की है. इससे पहले भी कई भाजपा नेता ऐसी ही मांग कर चुके हैं. बीजेपी नेताओं के स्टेशन का नाम बदलने की पीछे यह तर्क है कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का मप्र से गहरा नाता रहा है. उनका जन्म और शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में ही हुई है. वे ग्वालियर और विदिशा से सांसद भी चुने गए. प्रधानमंत्री भी बने और उन्हें भारत रत्न भी दिया गया है. इसलिए भाजपा मानती है । अटलजी का जन्म ग्वालियर में हुआ। शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में हुई और वे ग्वालियर और विदिशा से सांसद चुने गए. फिर प्रधानमंत्री बने और उन्हें भारत रत्न भी प्रदान किया गया. इसलिए भाजपा का मानना है कि हबीबगंज स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रख दिए जाने से इस स्टेशन को पूरे विश्व में पहचान मिलेगी.

मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत

किसने रखा था 'हबीबगंज' नाम

आईएसओ प्रमाण पत्र हासिल करने वाला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन 'हबीबगंज' का नाम उसके आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर रखा गया था. अरबी भाषा में 'हबीब' का अर्थ प्यारा और सुंदर होता है. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था. अंग्रेजों ने साल 1905 में इसे बनाया था . हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था और तब दोनों को जोड़कर हबीबगंज रखा गया.

देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाडना चाहती है बीजेपी
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने की बीजेपी सांसद की मांग को कांग्रेस ने भोपाल और देश का माहौल खराब करने की कोशिश बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर बाहर से आई हैं और वे यहां के माहौल को नहीं समझती हैं. भोपाल गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल है यहां के लोग एक साथ रहते हैं. वे जानबूझ कर इस तरह के ऊलजुलूल मुद्दे उठाती रहती हैं. ऐसे ही हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम करना उनकी ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है. अब्बास करते हैं कि भोपाल ऐसा शहर है जहां गांधीजी के नाम पर भी बिल्डिंग तो आरएसएस से जुड़े उद्धव दास मेहता और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े शाकिल अली के नाम पर अस्पताल भी हैं, लेकिन बीजेपी सांसद माहौल खराब करने की कोशिश करती रहती हैं. कांग्रेस ने सांसद प्रज्ञा सिंह को सलाह देते हुए कहा है कि वे भोपाल के लोगों के लिए कोई जनहितैषी काम करें जिससे जनता को फायदा हो.

सामने आ चुके हैं 'हबीबगंज' के कई नए नाम

हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम बदले जाने की सियासत को लेकर कई नाम सामने आ चुके हैं. इन नामों में इसका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर और , महाराजा सिंधुराज के नाम पर जो भारत के परमार राजवंश के राजा और राजा भोज के पिता थे के नाम पर भी हबीबगंज स्टेशन का नाम बदले जाने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, हालांकि अभीतक हबीबगंज स्टेशन का नाम नहीं बदला गया है.

भाजपा नेता प्रभात झा लाए थे प्रस्ताव
भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी बाजपेयी स्टेशन (अटल स्टेशन) के नाम से जाना जाए इसके लिए 25 सितंबर साल 2018 में सांसदों की बैठक में इसका प्रस्ताव लाए थे. जिसपर उस समय बैठक में मौजूद पांच तत्कालीन सांसद आलोक संजर-भोपाल, लक्ष्मी नारायण यादव, सांसद सागर,उदय प्रताप सिंह- सांसद होशंगाबाद ,ज्योति धुर्वे- सांसद बैतूल,रोडमल नागर, सांसद राजगढ़,प्रभात झा- सांसद राज्यसभा मौजूद थे. बैठक में पश्चिम मध्य रेल जोन के जीएम के साथ हुई सांसदों की बैठक में हबीबगंज का नाम अटल स्टेशन पर सहमति बनी थी जिसे रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलना बाकी है. इसके बाद भी राज्यसभा सांसद प्रभात झा 16 सितंबर 2019 को रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखकर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया था।

अगले 50 साल को देखते हुए किया गया री-डिजाइन

देश के पहले आईएसओ 9001 सर्टिफाइट स्टेशन का नया निर्माण और डिजाइन अगले 50 साल को देखते हुए तैयार किया गया है. यहां वेटिंग एरिया में 700 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे. प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों को मिलाकर यहां करीब 1100 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. वेटिंग रूम में 150 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट की तर्ज पर वीआईपी (VVIP) रूम भी बनाया गया है. जहां वीवीआईपी बैठकर चर्चा भी कर सकते है. इस स्टेशन को बंसल पाथवेज प्राइवेट कंपनी ने री-डिजाइन किया है. जिसमें तमाम ऐसी सुविधाओं को जोड़ा गया है जो एक वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट पर ही देखने को मिलती है. रक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए लगभग 162 हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो यहां आने वाले हर यात्री पर सीधी नजर रखते हैं. री डेवलपमेंट का काम करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. हबीबगंज स्टेशन पीपीपी माडल के तहत तैयार होने वाला देश का पहला स्टेशन हैं.

अस्पताल के नाम बदलने पर भी छिड़ी बहस

राजधानी भोपाल में ईदगाह हिल्स और हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग के बाद अब यहां के सबसे बड़े शासकीय चिकित्सालय हमीदिया हॉस्टिपल का नाम भी बदले जाने की मांग उठी है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने मांग की है कि हमीदिया अस्पताल का नामकरण राजा भोज के नाम पर होना चाहिए. इससे पहले कांग्रेस भी ग्वालियर शहर का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई नगर करने की मांग कर चुकी है. ग्वालियर में निर्माणाधीन 1000 बिस्तरों के अस्पताल को लेकर भी राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सीएम को पत्र लिखकर अस्पताल का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किए जाने की मांग कर रहे हैं. इसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि अस्पताल का नाम पहले से ही स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर है. बीजेपी इस मामले में सिर्फ सियासत कर रही है.

भोपाल। देश का पहला निजी रेलवे स्टेशन हबीबगंज री-डेवलपमेंट के बाद बनकर तैयार है. एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस हबीबगंज वर्ल्डक्लास रेलवे स्टेशन अपनी खूबियों के बजाए अपने नाम को लेकर चर्चा में है. मध्य प्रदेश बीजेपी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखना चाहती है. दूसरी तरह कांग्रेस इसे बीजेपी की प्रदेश और भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाडने की कोशिश करार दे रही है और इस मामले पर इन दिनों प्रदेश की राजनीति गर्माई हुई है.

मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत

सांसद प्रज्ञा सिंह ने की मांग
भोपाल से बीजेपी सासंद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम किए जाने की मांग की है. इससे पहले भी कई भाजपा नेता ऐसी ही मांग कर चुके हैं. बीजेपी नेताओं के स्टेशन का नाम बदलने की पीछे यह तर्क है कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का मप्र से गहरा नाता रहा है. उनका जन्म और शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में ही हुई है. वे ग्वालियर और विदिशा से सांसद भी चुने गए. प्रधानमंत्री भी बने और उन्हें भारत रत्न भी दिया गया है. इसलिए भाजपा मानती है । अटलजी का जन्म ग्वालियर में हुआ। शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में हुई और वे ग्वालियर और विदिशा से सांसद चुने गए. फिर प्रधानमंत्री बने और उन्हें भारत रत्न भी प्रदान किया गया. इसलिए भाजपा का मानना है कि हबीबगंज स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रख दिए जाने से इस स्टेशन को पूरे विश्व में पहचान मिलेगी.

मध्य प्रदेश में गर्माई 'नाम' की सियासत

किसने रखा था 'हबीबगंज' नाम

आईएसओ प्रमाण पत्र हासिल करने वाला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन 'हबीबगंज' का नाम उसके आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर रखा गया था. अरबी भाषा में 'हबीब' का अर्थ प्यारा और सुंदर होता है. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था. अंग्रेजों ने साल 1905 में इसे बनाया था . हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था और तब दोनों को जोड़कर हबीबगंज रखा गया.

देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाडना चाहती है बीजेपी
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने की बीजेपी सांसद की मांग को कांग्रेस ने भोपाल और देश का माहौल खराब करने की कोशिश बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर बाहर से आई हैं और वे यहां के माहौल को नहीं समझती हैं. भोपाल गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल है यहां के लोग एक साथ रहते हैं. वे जानबूझ कर इस तरह के ऊलजुलूल मुद्दे उठाती रहती हैं. ऐसे ही हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम करना उनकी ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है. अब्बास करते हैं कि भोपाल ऐसा शहर है जहां गांधीजी के नाम पर भी बिल्डिंग तो आरएसएस से जुड़े उद्धव दास मेहता और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े शाकिल अली के नाम पर अस्पताल भी हैं, लेकिन बीजेपी सांसद माहौल खराब करने की कोशिश करती रहती हैं. कांग्रेस ने सांसद प्रज्ञा सिंह को सलाह देते हुए कहा है कि वे भोपाल के लोगों के लिए कोई जनहितैषी काम करें जिससे जनता को फायदा हो.

सामने आ चुके हैं 'हबीबगंज' के कई नए नाम

हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम बदले जाने की सियासत को लेकर कई नाम सामने आ चुके हैं. इन नामों में इसका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर और , महाराजा सिंधुराज के नाम पर जो भारत के परमार राजवंश के राजा और राजा भोज के पिता थे के नाम पर भी हबीबगंज स्टेशन का नाम बदले जाने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, हालांकि अभीतक हबीबगंज स्टेशन का नाम नहीं बदला गया है.

भाजपा नेता प्रभात झा लाए थे प्रस्ताव
भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी बाजपेयी स्टेशन (अटल स्टेशन) के नाम से जाना जाए इसके लिए 25 सितंबर साल 2018 में सांसदों की बैठक में इसका प्रस्ताव लाए थे. जिसपर उस समय बैठक में मौजूद पांच तत्कालीन सांसद आलोक संजर-भोपाल, लक्ष्मी नारायण यादव, सांसद सागर,उदय प्रताप सिंह- सांसद होशंगाबाद ,ज्योति धुर्वे- सांसद बैतूल,रोडमल नागर, सांसद राजगढ़,प्रभात झा- सांसद राज्यसभा मौजूद थे. बैठक में पश्चिम मध्य रेल जोन के जीएम के साथ हुई सांसदों की बैठक में हबीबगंज का नाम अटल स्टेशन पर सहमति बनी थी जिसे रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलना बाकी है. इसके बाद भी राज्यसभा सांसद प्रभात झा 16 सितंबर 2019 को रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखकर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया था।

अगले 50 साल को देखते हुए किया गया री-डिजाइन

देश के पहले आईएसओ 9001 सर्टिफाइट स्टेशन का नया निर्माण और डिजाइन अगले 50 साल को देखते हुए तैयार किया गया है. यहां वेटिंग एरिया में 700 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे. प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों को मिलाकर यहां करीब 1100 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. वेटिंग रूम में 150 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट की तर्ज पर वीआईपी (VVIP) रूम भी बनाया गया है. जहां वीवीआईपी बैठकर चर्चा भी कर सकते है. इस स्टेशन को बंसल पाथवेज प्राइवेट कंपनी ने री-डिजाइन किया है. जिसमें तमाम ऐसी सुविधाओं को जोड़ा गया है जो एक वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट पर ही देखने को मिलती है. रक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए लगभग 162 हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो यहां आने वाले हर यात्री पर सीधी नजर रखते हैं. री डेवलपमेंट का काम करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. हबीबगंज स्टेशन पीपीपी माडल के तहत तैयार होने वाला देश का पहला स्टेशन हैं.

अस्पताल के नाम बदलने पर भी छिड़ी बहस

राजधानी भोपाल में ईदगाह हिल्स और हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग के बाद अब यहां के सबसे बड़े शासकीय चिकित्सालय हमीदिया हॉस्टिपल का नाम भी बदले जाने की मांग उठी है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने मांग की है कि हमीदिया अस्पताल का नामकरण राजा भोज के नाम पर होना चाहिए. इससे पहले कांग्रेस भी ग्वालियर शहर का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई नगर करने की मांग कर चुकी है. ग्वालियर में निर्माणाधीन 1000 बिस्तरों के अस्पताल को लेकर भी राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सीएम को पत्र लिखकर अस्पताल का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किए जाने की मांग कर रहे हैं. इसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि अस्पताल का नाम पहले से ही स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर है. बीजेपी इस मामले में सिर्फ सियासत कर रही है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 7:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.