भोपाल। वैसे पीएम मोदी की सालगिरह के दिन हुई एमपी की यात्रा में विषय तो पीएम और नामीबिया से आए चीते ही थे, लेकिन फिर भी एक तस्वीर तो ऐसी आ ही गई कि जिसके बाद एमपी की सत्ता में सब अंडर कंट्रोल है ये कहा जा सकता है. आम तौर पर पीएम मोदी अकेले ही चलते हैं, लेकिन कूनो में एक तस्वीर ऐसी भी बनी जब पीएम मोदी के साथ केवल सीएम शिवराज तस्वीर मे मौजूद थे. पीएम चीतों की तस्वीर ले रहे थे और उनके साथ खड़े थे शिवराज. सियासत में इतना संदेश तो काफी होता है वैसे. MP Political Gossips
भैय्याजी चीता दहाड़ता नहीं है: बीजेपी के इवेंट मैनेजमेंट का कोई सानी नहीं है, पार्टी की आदत बन चुकी है जो भी करो वो एकदम धमाकेदार होना चाहिए. अब नामीबिया से एमपी के पालपुर कूनो आ रहे चीतों का तो इवेंट भी भव्य था और मौका भी एतिहासिक. यानि यूं समझिए कि प्रदेश स्तरीय नेताओँ के लिए अलग से किसी झांकी की कोई गुंजाईश बनती दिख नहीं रही थी. पीएम मोदी ने चूंकि अपनी सालगिरह पर ये सौगात देश के नाम की तो इस एतिहासिक इवेंट के साथ फोकस में भी चीता ही आ गया. लिहाजा बीजेपी की तरफ से जो पोस्टर जारी हुआ. उसे भी धमाकेदार बनाने के जुगत में लग गए भाई लोग. पोस्टर की इबारत तैयार करने वालों ने जोश-जोश में लिख दिया. अब एमपी में चीते की दहाड़... सोशल मीडिया पर इस पोस्टर को इस कैप्शन के साथ खूब बढ़ाया गया कि इन्हें कोई बताए कि चीता दहाड़ता नहीं है.
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बीजेपी के अकाउंट में 20 लाख कहां से आए: भले कोई कितना धनवान हो, लेकिन अगर बैंक खाते में अचानक से मोटी रकम आ जाए तो पहले तो व्यक्ति घबराता है और फिर सवाल ये आता है कि ये रकम आई कहां से. उड़ती-उड़ती खबर सुनी है कि बीजेपी में पिछले दिनों कुछ ऐसा ही वाकया हुआ. सुना ये है कि कहीं से अचानक मध्यप्रदेश बीजेपी का जो अकाउंट है उसमें बीस लाख रुपए का क्रेडिट दिखने लगा,भले देश के सबसे बड़े दल की प्रादेशिक इकाई का बैंक अकाउंट हो लेकिन रकम तो बड़ी थी. लिहाजा पार्टी के कोषाध्यक्ष से लेकर पार्टी के वित्त विभाग को संभालने वाले नेताओं का हैरत में आना लाजिमी था, किसने डाली रकम, इतनी बड़ी रकम क्यों डाली. खैर बीजेपी ने भी बैंक से पूरी डिटेल खंगाली और सुना है कि जो सिरा हाथ आया उसमें पता चला कि बीजेपी मुख्यालय के टूटने के साथ जो शॉपिंग काम्पलेक्स टूट में आ रहा है वहां के दो दुकानदारों ने लंबा चौड़ा दुकान का किराया जमा कराया है, ये रकम उसी की है. इन दोनों का ही ताल्लुक बीजेपी के कदद्वर नेताओं से रहा है, किराया जमा करने की एक वजह ये भी है कि बीजेपी मुख्यालय और शॉपिग कॉम्पलेक्स तोड़े जाने का विरोध कर रहे इन दुकानदारों पर कहीं कोई ऊंगली ना उठ जाए.