भोपाल। मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. प्रदेश में आज से वोटर आईडी से आधार नंबर जोड़ने का अभियान शुरू कर दिया गया है. यह अभियान 31 मार्च 2023 तक चलेगा. इसमें बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं के मतपत्रों को आधार कार्ड से जोड़ेंगे. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि, '17 साल उम्र पूरी करने वाले युवा, एडवांस में अपनी जानकारी दे सकेंगे. इसके बाद 18 साल की उम्र होते ही उनका नाम अपने आप मतदाता सूची में जुड़ जाएगा'.
पहली बार के मतदाताओं को यह दस्तावेज देने होंगे: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि, 'वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के लिए आज से अभियान शुरू हो गया है. लेकिन यदि किसी मतदाता के पास आधार कार्ड नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जाएगा. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए मतदाता को आधार कार्ड ना होने की स्थिति में 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे'. इन दस्तावेजों में मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक-पोस्ट ऑफिस की पासबुक, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आरबीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज, सरकारी और अर्ध सरकारी क्षेत्र द्वारा जारी किए गए परिचय पत्र, एमपी एमएलए एमएलसी का परिचय पत्र, सामाजिक न्याय द्वारा जारी परिचय पत्र शामिल है.
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नगरीय निकाय जैसी गलती अगले चुनाव में नहीं होगी: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि, 4 अगस्त से 24 अक्टूबर तक पुनरीक्षण पूर्व की कार्रवाई तैयार की जाएगी. नो नवंबर को वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा. इसी तारीख से 8 दिसंबर तक नाम जोड़ने और आपत्तियों के आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे. 5 जनवरी 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, एक ही परिवार के सभी लोगों के नाम एक ही बूथ पर होंगे और बूथ घर के नजदीकी केंद्र होगा. यानी नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह से मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई है, वह आगामी विधानसभा चुनाव में ना हो, इसको लेकर आयोग कोशिश में जुटा है.