भोपाल। एनआईए की टीम ने एमपी पुलिस और एटीएस के साथ मिलकर एसबीआई और पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ मुहिम को अंजाम देते हुए कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया है. वहीं इंदौर से पकड़े गए एक आरोपी को परिवार ने पुलिस की कार्रवाई के बाद से अलग किया हुआ था और वह खुद ही अलग घर मे रहता था. परिवार ने उसकी गलत आदतों और अलग-अलग तरह के सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए होने के कारण उसे घर से अलग किया हुआ था.
एनआईए की ताबड़तोड़ कार्रवाई: देशभर में एनआईए ने पिछले दिनों पीएफआई से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक सदस्यों को अपनी गिरफ्त में लिया था. एनआईए की टीम ने इंदौर में भी कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को अपनी गिरफ्त में लेकर दिल्ली रवाना हुई थी. एक बार फिर यह कार्रवाई भोपाल एटीएस और इंदौर पुलिस विभाग ने मिलकर देर रात इंदौर में की है. एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े 3 लोगों को एटीएस और एनआईए ने अपनी गिरफ्त में लिया है. एसडीपीआई से जुड़े अब्दुल सईद टेलर को भी एटीएस और एनआईए ने अपनी गिरफ्त में लिया है. अब्दुल सईद टेलर के घर नूरानी नगर पुलिस के अधिकारी देर रात पहुंचे थे और अपने आपको चंदन नगर का पुलिस विभाग बताते हुए अपनी गिरफ्त में लेकर गए. अब्दुल सईद के छोटे भाई ने आरोप लगाया है कि, पुलिसकर्मी जबरदस्ती करके उसके भाई को ले गए हैं.
पीएफआई सदस्यों पर कड़ी नजर: सईद के भाई ने बताया कि, उसके भाई ने जिला बदर कार्रवाई के बाद एसडीपीआई छोड़ दी थी. लेकिन फिर भी पुलिस अधिकारी उसको लेकर गए हैं. वहीं अब्दुल सईद टेलर की पत्नी को ब्रेन हेमरेज है, जिसकी तबियत पति की गिरफ्तारी के बाद से बिगड़ती बताई जा रही है. फिलहाल इस मुहिम में लगातार एक के बाद एक कई आरोपियों को एनआईए अपनी गिरफ्त में ले रही है. आने वाले दिनों में कई और लोगों को भी इंदौर से गिरफ्त में लिया जा है. क्योंकि पीएफआई का इंदौर में काफी प्रभाव था और इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में कई लोग पीएफआई से जुड़े हुए थे. इसी कड़ी में एनआईए की टीम लगातार इंदौर में दबिश देते हुए पीएफआई से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है. पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है और कार्रवाई को ऑपरेशन की तरह अंजाम दिया गया. मात्र कुछ ही घंटों में एनआईए की टीम इन आरोपियों को अपनी हिरासत में लेकर रवाना हो गई. वहीं परिजनों ने कार्रवाई को लेकर कई तरह की आशंका भी जताई है.
संदिग्धों को हिरासत में लेकर एनआईए की टीम रवाना: पिछले दिनों एनआईए को देशभर में पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े हुए कार्यकर्ता और नेताओं के बारे में कई तरह की जानकारी मिल रही थी. इसी कड़ी में एनआईए की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया था और इंदौर से कई लोगों को उस समय जो पीएफआई से जुड़े हुए थे, उन्हें हिरासत में लिया था. उस समय कार्रवाई करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सहित उससे जुड़े हुए 3 लोगों को हिरासत में लिया था. वहीं एक बार फिर एनआईए ने कार्रवाई को अंजाम दिया और इंदौर के रहने वाले 3 लोग, जो पीएफआई से जुड़े हुए थे लेकिन पूर्व में हुई कार्रवाई को देखते हुए एसडीपीआई का दामन थाम चुके थे. इंदौर में एनआईए ने चंदन नगर क्षेत्र में कार्रवाई को अंजाम देते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर टीम रवाना हो गई.
योजनबद्ध तरीके से एनआईए की कार्रवाई: चदंन नगर क्षेत्र में रहने वाले अब्दुल सईद नामक एक टेलर को भी हिरासत में लिया है. अब्दुल सईद को गिरफ्तार करने के लिए पहले एनआईए के टीम के सदस्यों ने टेलर की दुकान के सामने मौजूद जेंट्स पार्लर पर अपनी शेविंग कराई और अब्दुल सईद की दिनचर्या पर नजर रखी और फिर देर रात इस कार्रवाई को अंजाम दिया और सईद को अपने साथ लेकर रवाना हो गए. इसी कड़ी में जुनी इंदौर क्षेत्र में भी एनआईए की टीम ने इसी तरह से एसडीपीआई से जुड़े दानिश को अपनी हिरासत में लिया और उसे लेकर रवाना हो गए. दानिश के परिजनों का कहना है कि, दानिश बचपन से सामाजिक गतिविधियों में जुड़ा रहता था और वह मोबाइल रिपेयरिंग के साथ ही प्रॉपर्टी का भी काम करता था. कभी उसकी दिनचर्या से यह नजर नहीं आया कि, वह किसी तरह की देश विरोधी गतिविधि में जुड़ा हुआ है. लेकिन जिस तरह से एनआईए की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया, उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
नारे लगाने पर हुई थी जिला बदर की कार्रवाई: इंदौर पुलिस ने एसडीपीआई से जुड़े हुए रउफ बेलिम के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की और भोपाल में रहकर रउफ जिलाबदर की अवधि पूरी कर रहा था. एनआईए की टीम ने उसे भोपाल से हिरासत में लिया है. बता दें कि, रउफ बेलिम एसडीपीआई में बड़ा पदाधिकारी था और प्रदेश लेवल पर उसके पास दायित्व था, साथ ही वह एसडीपीआई को मजबूत करने के लिए विभिन्न तरह के आयोजन प्रयोजन इंदौर में करता रहता था. पिछले दिनों इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में एक चूड़ी वाले की पिटाई कांड में थाने के घेराव के दौरान कई तरह के नारे और जन भावनाओं को आक्रोशित करने वाले नारे रउफ बेलिम ने सेंट्रल कोतवाली थाने पर लगाये थे. जिसको देखते हुए इंदौर प्रशासन ने उस पर जिला बदर की कार्रवाई की थी. फिलहाल रउफ बेलिम के परिजनों का कहना है कि, चूड़ी वाले घटनाक्रम के बाद से ही प्रशासन लगातार उनके परिवार को चिन्हित करते हुए गलत कार्रवाई कर रहा है.
चार लोगों को हिरासत में लिया गया: इंदौर में चार लोगों को एनआईए की टीम ने अपनी हिरासत में लिया है, तो वही इंदौर पुलिस भी इस पूरे अभियान में एनआईए के साथ थी. इंदौर पुलिस कमिश्नर हरि नारयण चारि मिश्र का कहना है कि, पूरे मामले में दो लोगों को फिलहाल हिरासत में लिया है और उनके पास से विभिन्न तरह के इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जब्त किए हैं. जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है. वहीं ऐसा दावा किया जा रहा है कि, आने वाले दिनों में कई और लोगों को भी इस पूरे मामले में अपनी हिरासत में लिया जा सकता है.
पुलिस मुख्यालय तक जा चुका हैं पीएफआई का जिला बदर अध्यक्ष: पकड़ गया पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला इंदौर से जिला बदर होने के बाद भोपाल में समय गुजार रहा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब्दुल करीम पुराने शहर के कई इलाकों में काफी सक्रिय था. उसने ही शाहजहांनाबाद इलाके में एसडीआईपी का कार्यालय खुलवाया था. खरगौन दंगों के बाद आरोपी बनाए गए पीएफआई के लोगों को गलत फंसाए जाने का ज्ञापन पीएफआई के पदाधिकारी पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे, जिसमें अब्दुल करीम भी शामिल था.
पीएफआई के हॉट स्पॉट बने इंदौर, उज्जैन सहित 5 जिले: बताया जा रहा है कि पूर्व में सिमी का गढ़ रहे मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में पीएफआई अपनी जड़ें फैला चुका है, पीएफआई के मामले में मध्यप्रदेश के 5 जिले इंदौर, उज्जैन, खंडवा, शिवपुरी और बुरहानपुर हॉट स्पॉट बन चुके हैं. इन पांच जिलों सहित करीब 25 जिलों में पीएफआई के सदस्यों की सक्रियता बनी हुई हैं, पिछले दिनों हुई छापामार कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार पीएफआई के 4 नेताओं के खातों की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है इनके खातों में फॉरेंन फंडिंग की जा रही थी, इनके जरिए प्रचारकों को हर माह वेतन दी जा रही थी, जिनका काम युवाओं को बरगलाने का था. NIA action on PFI Leaders in MP
एमपी दंगों में पीएफआई कनेक्शन की जांच: इसी के साथ खरगौन सहित मध्यप्रदेश के दूसरों स्थानों पर हुए दंगों में भी पीएफआई की भूमिका की जांच की जा रही है, इंदौर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना में भी पीएफआई की भूमिका संदिग्ध मिली थी. एसटीएफ ने मामलों में अब आरोपियों से पूछताछ कर रही है.मध्यप्रदेश में पिछले साल 2021 में 9 और 2020 में 20 दंगे हुए थे.
मोहसिन से पूछताछ: गुना शहर के घोसीपुरा इलाके के निवासी मोहसिन कुरेशी को कैंट थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने भी कैंट थाने पहुंचकर मोहसिन कुरेशी से पूछताछ की है. सूत्र बताते हैं कि ATS की टीम ने मोहसिन कुरेशी से आपत्तिजनक दस्तावेजों के सम्बंध में भी जानकारी जुटाई है. मोहसिन कुरेशी का कनेक्शन शाहीन बाग से भी जुड़ा बताया जा रहा है.