भोपाल। उमा भारती भले ही शराब बंदी को लेकर शराब की दुकान बंद कराने के लिए खुद ही सड़कों पर उतर रही हैं, लेकिन शराब बंदी को लेकर सरकार उमा भारती की धमकी को दरकिनार कर शराब को और प्रोमोट करेगी, कोरोना काल में सरकार के खाली हुए खजाने को भरने में शराब प्रेमियों की भूमिका खास रही है. शराब दुकानों में ठेकों की नीलामी होने तक फरवरी 2022 के आखिरी तक शराब पीने वालों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
एमपी में शराब की बिक्री: 2021-22 के पहले तीन माह दुकानें बंद रहने के बाद भी 8 माह में प्रदेश के शराब पीने वालों ने 8869.80 करोड़ रुपये की शराब पी है. वहीं 2020-21 के फरवरी माह तक लोग मात्र 8269.35 करोड़ की शराब ही पी पाए थे. अहम बात यह है कि बीते 8 महीने में देशी मंदिरा की खपत में 12 प्रतिशत, विदेशी शराब की खपत में 14 प्रतिशत और बीयर की खपत में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई.
- अंग्रेजी शराब की बिक्री बढ़कर 482.68 लाख प्रूफ लीटर हुई, जबकि बीते वित्तीय वर्ष में फरवरी 2021 तक यह खपत 346.06 लाख प्रूफ लीटर थी.
- देशी शराब की खपत 912 लाख प्रूफ लीटर हुई.
- देशी शराब की खपत भी बीते वित्तीय वर्ष में 803.24 लाख प्रूफ लीटर हुई थी, जो चालू
वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 12.3 प्रतिशत बढ़कर 914.79 लाख प्रूफ लीटर का आंकड़ा छू चुकी है. वही गर्मी के मौसम से सबसे ज्यादा बिकने वाली बीयर भी बीते साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. - पिछले वर्ष के अपने ब्रिकी के आकड़े 689.09 लाख प्रूफ लीटर से 11 प्रतिशत बढ़कर चालू वित्तीय वर्ष में 759.19 लाख प्रूफ लीटर को पार कर गई है.
टारगेट से ज्यादा की वसूली:आबकारी अधिकारियों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने टारगेट 10,540 करोड़ रुपए रखा है, जबकि 2022 के आखिरी माह तक 8869.80 करोड़ की राशि प्राप्त हुई. कोरोना के अनलॉक होने पर शराब की बिक्री बढ़ी है, वहीं विभाग ने तय टारगेट से ज्यादा का लक्ष्य हासिल किया है.
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(MP liquor revenue)