भोपाल। टाइगर बेशक ज़िंदा है अभी. लेकिन इस समय भारत का सुपर स्टार तो चीता है. उसकी पहली झलक का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. तो जब नामीबिया से आ रहे चीते से जुड़ी हर सूचना का ओव्हरडोज हो रहा है आपके पास. तो जाहिर है आपकी दिलचस्पी भी बढ़ी होगी. आपने भी दो चार दफा गूगल किया होगा. आखिर ये हल्के पीले रंग की खाल पर एक जैसे आकार के काले धब्बों वाले इस जानवर में ऐसी क्या खूबियां हैं जो इसे जंगल के राजा की टेरीटरी में भी अपना अलग रुतबा देती हैं. हम जानते हैं आप कहेंगे रफ्तार. पर गलती से भी किसी के सामने ये मत कह दीजिएगा की चीता शेर की तरह ही दहाड़ता है. क्योंकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. लार्ज कैट फैमिली का यही मेम्बर है. जिसकी आवाज उसकी लंबी चौड़ी कद काठी से जरा मेल नहीं खाती. पूरी ताकत से गुर्राए भी तो आवाज कुत्तों जैसी ही आती है. (MP Bhopal dont you say that cheetah is roaring)
रफ्तार का राजा है चीताः दुनिया का सबसे तेज रफ्तार वाला जानवर चीता जिसकी स्पीड इतनी है कि कुछ सेकेण्ड के भीतर जो 72 मील प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेता है. अंदाज लगाइए कि वो आपके पीछे पड़ जाए तो आप कितनी दूर तक दौड़ पाएंगे. घबराइए नहीं, रफ्तार जरुरी ज्यादा है. लेकिन चीता भी बहुत ज्यादा लंबा नहीं दौड़ पाता है. लेकिन अपनी इस खूबी या यूं कहिए शौक की वजह से चीते को खुले मैदान सा जंगल ही भाता है. जहां कोई बंदिशे ना हों. एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ जाने की पूरी आजादी. (kuno Cheetah Project Cheetah is king of speed)
मौज पसंद हैं लेकिन यार दोस्तों मेंः चीते झुंड में रहना पसंद करते हैं. और मौज इन्हें अपनों के साथ ही रास आती है. आप कतई ये उम्मीद ना पालें कि आप दूर से तरह तरह की आवाजें निकालेंगे और और आपके पालतू जानवरों की तरह ये मुंडी हिलाएंगे.खेलने कूदने के खूब शौकीन शिकार करना भी इनकी भूख के साथ खेल का मसला है. लेकिन इस सबके बावजूद अपने इस इंटरटेनमेंट में इन्हें किसी की दखल पसंद नहीं. यानि जनाब जो करेंगे अपने लोगों के साथी ही करेंगे. (Bhopal kuno cheetah sound comes like a dog)
आप मत डरिए क्योंकि चीते आपसे डरते हैंः खिलंदड़ समझ कर ये भरम मत पाल लीजिएगा कि इन्हें इंसान के शिकार में भी खूब आनंद आता होगा. इस मामले में इनकी सोच अलग है ये इंसान से बड़ा जानवर किसी को नहीं मानते. इसलिए इंसान को देखते हैं एकदम शांत हो जाते हैं. ये मान कर चलते हैं कि आदमी को इग्नोर करना सबसे बेहतर उपाय है. भारत में तो सत्तर साल से चीते हैं हीं नहीं. तो हम क्या जानें कि आदमी के कितने शिकार किए या नहीं. लेकिन जो जानकार हैं वो ये कहते हैं कि अमूमन इसानों से कॉन्फ्लिक्ट की इनकी घटनाएं कम सुनने में आई हैं. (MP Bhopal dont you say that cheetah is roaring)