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हड़ताल पर सख्त सरकार,डॉक्टर भी अड़े, मरीजों के परिजनों को सुलह की आस - डॉक्टर भी लिखित में मांगे माने जाने पर अड़े

कोविड वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर्स और डॉक्टर्स टीचर्स एसोसिएशन ने भी जूडा की हहड़ताल को समर्थन दे दिया है. जिससे आने वाले दिनों में सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है वहीं कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा सकती है.

mp junior doctors strike continues
हड़ताल पर सख्त सरकार
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Published : Jun 1, 2021, 11:10 PM IST

भोपाल। प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हड़ताली डॉक्टरों को काम पर लौटने या कार्रवाई झेलने की चेतावनी भी दे दी है. बावजूद इसके डॉक्टर अपनी मांगे न मांगे जाने तक हड़ताल खत्म न करने पर अड़े हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से उनसे कोई बातचीत नही की गई है. वहीं कोविड वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर्स और डॉक्टर्स टीचर्स एसोसिएशन ने भी जूडा की हहड़ताल को समर्थन दे दिया है. जिससे आने वाले दिनों में सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है वहीं कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा सकती है. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का दूसरा दिन था, लेकिन अस्पतालों के हाल बेहाल और मरीज और उनके परिजन बेहाल नजर आए.

हड़ताल पर सख्त सरकार

कोविड केयर सेंटर में काम कर रहे डॉक्टरों ने बंद किया काम

हड़ताल पर सख्त सरकार

भोपाल के साथ ही इंदौर के my अस्पताल, डेंटल मेडिकल कॉलेज, शासकीय केंसर हॉस्पिटल के सभी जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है और हड़ताल पर चले गए है.ऐसे में कुछ दिनों पहले जहां मरीज बेड और ऑक्सीजन की किल्लत के चलते परेशान थे वहीं जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों की फजीहत हो रही है. जूनियर डॉक्टर अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर है जिन्हें कोविड-19 अस्पतालों में और कोविड-19 केयर सेंटर में सेवाएं दे रहे जूनियर डॉक्टरों का भी साथ मिल गया है. इस परेशानि के दौर में अस्पतालों में भर्ती मरीज और उनके परिजन यही दुआ मांग रहे हैं कि जल्द से जल्द सरकार और हड़ताल पर गए डॉक्टरों की बीच बातचीत हो और कोई रास्ता निकले.

हड़ताल पर सख्त सरकार
हड़ताल पर सख्त सरकार

काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर तो होगा एक्शन: विश्वास सारंग

यूनानी डॉक्टर कर रहे हैं काम

हड़ताल पर सख्त सरकार
जूनियर डॉक्टर संयुक्त अध्यक्ष रणसिंह तोमर ने बताया कि जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने के दौरान यूनानी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरों को काम पर लगा दिया गया है. तोमर बताते हैं कि यूनानी ओर एलोपैथी की इलाज की पद्धति अलग होती है. इसके चलते मरीजों को मिलने वाले इलाज में देरी हो सकती है, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार जूनियर डॉक्टर और मरीजों दोनों के साथ खिलवाड़ कर रही है.

भोपाल। प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हड़ताली डॉक्टरों को काम पर लौटने या कार्रवाई झेलने की चेतावनी भी दे दी है. बावजूद इसके डॉक्टर अपनी मांगे न मांगे जाने तक हड़ताल खत्म न करने पर अड़े हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से उनसे कोई बातचीत नही की गई है. वहीं कोविड वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर्स और डॉक्टर्स टीचर्स एसोसिएशन ने भी जूडा की हहड़ताल को समर्थन दे दिया है. जिससे आने वाले दिनों में सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है वहीं कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा सकती है. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का दूसरा दिन था, लेकिन अस्पतालों के हाल बेहाल और मरीज और उनके परिजन बेहाल नजर आए.

हड़ताल पर सख्त सरकार

कोविड केयर सेंटर में काम कर रहे डॉक्टरों ने बंद किया काम

हड़ताल पर सख्त सरकार

भोपाल के साथ ही इंदौर के my अस्पताल, डेंटल मेडिकल कॉलेज, शासकीय केंसर हॉस्पिटल के सभी जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है और हड़ताल पर चले गए है.ऐसे में कुछ दिनों पहले जहां मरीज बेड और ऑक्सीजन की किल्लत के चलते परेशान थे वहीं जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों की फजीहत हो रही है. जूनियर डॉक्टर अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर है जिन्हें कोविड-19 अस्पतालों में और कोविड-19 केयर सेंटर में सेवाएं दे रहे जूनियर डॉक्टरों का भी साथ मिल गया है. इस परेशानि के दौर में अस्पतालों में भर्ती मरीज और उनके परिजन यही दुआ मांग रहे हैं कि जल्द से जल्द सरकार और हड़ताल पर गए डॉक्टरों की बीच बातचीत हो और कोई रास्ता निकले.

हड़ताल पर सख्त सरकार
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काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर तो होगा एक्शन: विश्वास सारंग

यूनानी डॉक्टर कर रहे हैं काम

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जूनियर डॉक्टर संयुक्त अध्यक्ष रणसिंह तोमर ने बताया कि जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने के दौरान यूनानी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरों को काम पर लगा दिया गया है. तोमर बताते हैं कि यूनानी ओर एलोपैथी की इलाज की पद्धति अलग होती है. इसके चलते मरीजों को मिलने वाले इलाज में देरी हो सकती है, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार जूनियर डॉक्टर और मरीजों दोनों के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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