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MPPSC इंजीनियरिंग परीक्षा में प्रदेश के निवासियों को 100 फीसदी आरक्षण का मामला, HC ने सुरक्षित रखा फैसला - इंजीनियरिंग के एग्जाम में 100 फीसदी आरक्षण का मामला

पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में प्रदेश के निवासियों के लिए सौ फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं.

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इंजीनियरिंग के एग्जाम में 100 फीसदी आरक्षण का मामला
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Published : May 17, 2022, 9:41 PM IST

Updated : May 20, 2022, 6:58 PM IST

इंदौर: मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (पीएससी) स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 22 मई को आयोजित करने जा रहा है. कोर्ट ने आदेश दे दिया है कि रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को आवेदन दाखिल करने के का समय और दिया जाए. हालांकि बुधवार सुबह तक परीक्षा की तिथि में आयोग ने फिलहाल बदलाव करने या हाई कोर्ट की ओर कोई निर्देश मिलने से इन्कार कर दिया है.

इस बीच परीक्षा में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों को अब भी उम्मीद है कि परीक्षा आगे बढ़ जाएगी. दरअसल अन्य प्रदेश के अभ्यर्थियों द्वारा हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका पर मंगलवार को मप्र हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया था. बुधवार सुबह कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी कर दिया.

मध्य प्रदेश स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा के आवेदन के लिए मध्य प्रदेश के अनिवार्य रोजगार पंजीयन की बाध्यता को बाहरी उम्मीदवारों ने चुनौती दी थी. दरअसल पीएससी ने आवेदन जमा करने के लिए रोजगार पंजीयन देना अनिवार्य कर दिया है. बाहरी उम्मीदवारों के पंजीयन देना मुमकिन नहीं हैं. राज्यसेवा परीक्षा में भी यह मुद्दा हाई कोर्ट तक पहुंचा था. इस पर हाई कोर्ट ने रोजगार पंजीयन क खत्म करने का आदेश दिया था. पीएससी ने इसके बाद रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर फिर से आवेदन का एक और हुए लिंक फिर से खोल दी थी.

इस पर स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस के उम्मीदवार भी हाई कोर्ट पहुंचे थे. इन अभ्यर्थियों ने याचिका थी कि राज्य सेवा की तर्ज पर राज्य इंजीनियरिंग सर्विसेस में भी रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर आवेदन की लिंक फि जाना चाहिए. मंगलवार को हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में सुनवाई के दौरान इस पर बहस हुई.

इंदौर: मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (पीएससी) स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 22 मई को आयोजित करने जा रहा है. कोर्ट ने आदेश दे दिया है कि रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को आवेदन दाखिल करने के का समय और दिया जाए. हालांकि बुधवार सुबह तक परीक्षा की तिथि में आयोग ने फिलहाल बदलाव करने या हाई कोर्ट की ओर कोई निर्देश मिलने से इन्कार कर दिया है.

इस बीच परीक्षा में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों को अब भी उम्मीद है कि परीक्षा आगे बढ़ जाएगी. दरअसल अन्य प्रदेश के अभ्यर्थियों द्वारा हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका पर मंगलवार को मप्र हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया था. बुधवार सुबह कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी कर दिया.

मध्य प्रदेश स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा के आवेदन के लिए मध्य प्रदेश के अनिवार्य रोजगार पंजीयन की बाध्यता को बाहरी उम्मीदवारों ने चुनौती दी थी. दरअसल पीएससी ने आवेदन जमा करने के लिए रोजगार पंजीयन देना अनिवार्य कर दिया है. बाहरी उम्मीदवारों के पंजीयन देना मुमकिन नहीं हैं. राज्यसेवा परीक्षा में भी यह मुद्दा हाई कोर्ट तक पहुंचा था. इस पर हाई कोर्ट ने रोजगार पंजीयन क खत्म करने का आदेश दिया था. पीएससी ने इसके बाद रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर फिर से आवेदन का एक और हुए लिंक फिर से खोल दी थी.

इस पर स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस के उम्मीदवार भी हाई कोर्ट पहुंचे थे. इन अभ्यर्थियों ने याचिका थी कि राज्य सेवा की तर्ज पर राज्य इंजीनियरिंग सर्विसेस में भी रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता खत्म कर आवेदन की लिंक फि जाना चाहिए. मंगलवार को हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में सुनवाई के दौरान इस पर बहस हुई.

Last Updated : May 20, 2022, 6:58 PM IST
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